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सुराजी गांव योजना से बढ़ेंगी महिलाओं की आमदनी

क्रियान्वयन हेतु निगम ने तीन योजनाओं को आपस में किया सम्मिलित भिलाई। सुराजी गांव योजना न केवल ग्रामीण, बल्कि शहरी क्षेत्र की स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम भी बनाएंगी। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना का बेहतर क्रियान्वयन के लिए महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव और निगम आयुक्त  ऋतुराज ने शासन की तीन योजनाएं गोधन न्याय योजना, रोका छेका और शहरी गौठान को आपस में सम्मिलित कर शहरी गौठान के माध्यम से क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार की है। आयुक्त ने सभी जोन आयुक्त को नई रूपरेखा के मुताबिक शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्यन के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त के निर्देश के मुताबिक जोन क्रमांक-1 के आयुक्त सुनील अग्रहरि ने कार्य शुरू कर दिया है। गोधन न्याय योजना, रोका छेका और शहरी गौठान सहित तीनों योजनाओं को कोसा नगर स्थित शहरी गौठान के गतिविधियों में शामिल कर योजना को सफल बनाने में जुट गए हैं!

शहरी गौठान में तैयार होंगी अगरबत्ती

जोन आयुक्त अग्रहरि ने बताया कि स्व सहायता समूह की महिलाएं शहरी गौठान में गोबर से कंडे और वर्मी कंपोस्ट के अलावा राखी, अगरबत्ती भी बनाएंगी। नेपियर घास और गन्ना के संकरण से तैयार की गई यंशवत घास का उत्पादन करेंगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में निगम के अधिकारियों का दल गुणवत्ता युक्त वर्मी कंपोस्ट और यशवंत घास उत्पादन का प्रशिक्षण लेने धमधा विकासखंड के ग्राम पंचायत नंदवाय गई थी। जहां गुणवत्त्ता युक्त जैविक खाद बनाने और चारा उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया।

61 पशुपालकों से खरीद चुके हैं 15033 किलो गोबर

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जोन के 61 पशुपालकों ने पंजीयन कराया है। उससे अब तक 15033 किलोग्राम गोबर क्रय किया जा चुका है। 5 अगस्त से पहले सभी पशुपालकों को गोबर के मूल्य का भुगतान बैंक के माध्यम करने की तैयारी की जा रही है।

समूह की महिलाएं ऐसे बनेंगी सक्षम

– निगम के सभी जोन में लोकल एरिया फाउडेंशन या सिटी लेवल फाउंडेशन के माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा शहरी गोठान का संचालन किया जाएगा। जो समूह गौठान का संचालन की जिम्मेदारी लेगी। रोका-छेका अभियान चलाकर सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों को पकड़कर शहरी गौठान में  लाया जा रहा है। जब मवेशी को छुड़ाने के लिए उनका मालिक आएगा तो उससे मवेशी देखभाल के एवज में जुर्माना लिया जाएगा। जुर्माना की राशि समूह के खाते में जमा होगी।

– गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों का पंजीयन कर गोबर क्रय किया जाएगा। उस गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार जैविक खाद के रूप में बिक्री की जाएगी। इससे जो आय होगी। वह राजस्व भी समूह के खाते में जमा होगी। शहरी गोठान में महिलाओं को गोबर से अगरबत्ती, राखी, कंडे सहित अन्य वस्तु तैयार की जाएंगी। इन वस्तुओं की बिक्री पर जो आय होगा। वह राशि भी महिला समूह के खाते में जमा होगी। महिलाएं शहरी गोठान के चारा प्रक्षेत्र में हरा चारा यशवंत घास का उत्पादन और सब्जी भाजी की खेती कर सकेंगी। उसकी बिक्री भी उनके आय का हिस्सा होगी।

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