छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अनुशासानहीनता पर संयंत्र प्रबंधन ने लिया संज्ञान

भिलाई। आज शाम लगभग 4 बजे हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के लगभग 30-40 समर्थक जिनमें यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल थे, एसपी-3 वक्र्स ऑफिस बिल्डिंग के पास जमा होकर विभागाध्यक्ष नंदनवार से मिलने का इंतजार कर रहे थे।  इस दौरान विभागाध्यक्ष बैठक में व्यस्त थे, अचानक भीड़ ने यह तय किया कि इस्पात भवन चलकर सभी लोग वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव करें,  इस्पात भवन परिसर में युनियन द्वारा कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन से वार्तालाप करने की बात कही। स्थिति को भांपते  हुए प्रबंधन द्वारा सीआईएसएफ के माध्यम से इस्पात भवन के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया और केवल बैठक में 14-15 लोगों को जाने दिया गया। कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एसके दुबे के द्वारा कोविड-19 के दौरान भी उत्पादन, अनुरक्षण और अन्य मुद्दों पर सिंटरिंग प्लांट-3 के निष्पादन को तथ्यों के माध्यम से समझाया । लॉकडाउन समय के दौरान से ही संयंत्र की अपेक्षा सिंटरिंग प्लांट-3 से है लेकिन किन किन कारणों की वजह से पूर्ति नहीं हो पा रही थी, यह भी समझाने का प्रयास किया गया। ऐसे समय में हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन के द्वारा विगत 16 जुलाई को बिना किसी पूर्व नोटिस के सिंटरिंग प्लांट-3 वक्र्स ऑफिस बिल्डिंग में काम बंद कर इकट्ठाठा होना और विभागाध्यक्ष से नीचे आकर बैठक करने की जिद करना जैसे कृत्य किए गए।  विभागाध्यक्ष के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि उत्पादन का लेवल आ जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ वर्क फ्रॉम होम के विषय में आपस में बैठकर चर्चा की जाएगी किंतु हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन के द्वारा वर्क फ्रॉम होम के लिए जिद करते रहे और काम प्रभावित किया।

यहां यह बताना जरूरी है कि भिलाई इस्पात संयंत्र एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है जहां हर इकाई एक दूसरे से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ी होती है और सभी इकाइयों का सहयोग उत्पादन तथा अन्य मानकों के लिए जरूरी होता है। परंतु एक जिम्मेदार यूनियन से जो अपेक्षा प्रबंधन की होती है उसमें लगातार कमी पाई गई और एक तरफा मांगों को उठाने का प्रयास लगातार किया जा रहा था। प्रबंधन द्वारा अनुशासन को ध्यान में रखते हुए और इस्पात संयंत्र के उत्पादन की जटिलता के मद्देनजर भरसक आश्वासन देने का प्रयास किया कि उत्पादन जरूरी है और भारत सरकार तथा राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का अनुपालन जिस ढंग से भी किया जा रहा है उसमें सुधार हेतु यूनियने सुझाव अवश्य दे सकती हैं,  लेकिन संयंत्र को एक न्यूनतम लेवल पर ऑपरेट करना भी व्यवसाय के दृष्टिकोण से आवश्यक है, यूनियन के द्वारा लगातार अनुशासनहीनता के जो काम किए जा रहे थे उन्हें देखते हुए कुछ सख्त कदम प्रबंधन ने उठाए जिसके विरोध स्वरूप आज यूनियन द्वारा प्रदर्शन किया गया जो सर्वथा अनुचित है। आम कर्मचारियों, अधिकारियों, ठेका श्रमिकों के सहयोग से हम धीरे-धीरे व्यापार को कायम रखने के लिए और अपने संयंत्र के साथ जुड़े सभी लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए जो भी कदम उठाए जा रहे हैं उसमें कहीं ना कहीं रुकावट ना आने पाए ऐसा प्रयास किया गया है, हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन के द्वारा बार-बार कर्मचारियों के मन में भारत सरकार के आदेश के उल्लंघन की बात कही जाती है जो ठीक नहीं है।

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