कोरोना का भय से फिर से थम गए मिनी बसों के पहिए

भिलाई। शासन की पहल पर नियम व शर्तों के तहत शुरू की गई निजी बसों का परिचालन पखवाड़े भर के भीतर ही लडख़ड़ाने लगी है। प्रदेश में सबसे व्यस्ततम यात्री परिवहन के लिए पहचानी जाने वाली दुर्ग-रायपुर रुट पर इसका असर साफ दिख रहा है। शासन के निर्देश पर चुनिंदा मिनी बसें रायपुर से दुर्ग के बीच चलाई जानी शुरू हई थी लेकिन कोरोना संक्रमण का भय नहीं थमने का असर निजी परिवहन सेवा वाले मिनी बसों के परिचालन पर पड़ रहा है। नुकसान के चलते निजी बस संचालकों ने मिनी बसों के परिचालन से हाथ खींच लिया और सवारियों का रुझान नहीं मिलने से नुकसान के चलते कुछ संचालकों ने अपने बसों को खड़े कर देने में ही भलाई समझी है।
ज्ञातव्य हो कि शासन ने रायपुर-दुर्ग पर यात्री सुविधा के लिहाज से 25 फीसदी बसों को शुरू करने का निर्देश दिया था। इसके लिए संचालकों को बस को दिन में दो बार सैनिटाइज करने के साथ ही कुल सीट का पचास फीसदी सवारी बिठाने की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही बस में सैनिटाइजर रखने तथा सवारियों के बीच फिजीकली डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने की शर्त भी रखी गई। बावजूद इसके ज्यादातर बसों मे सवारियों का टोटा बना रहा। अंतत: लगातार नुकसान होने से कई संचालकों ने अपने बसों को खड़े कर दिया है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि रायपुर से भिलाई-दुर्ग के बीच चलने वाली मिनी बसों में कामकाजी लोगों का आना जाना सबसे अधिक होता है। अभी लोकल ट्रेने बंद है। इस स्थिति मेंं मिनी बसों परिचालन को जनमानस का बेहतर प्रतिसाद मिलनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अभी भी मिनी बसों के परिचालन को लेकर आम जममानस की ओर से कोई आवाज उठ नहीं रही है। दरअसल कोरोना संक्रमण की रफ्तार दिन ब दिन तेज होती जा रही है। रायपुर व राजनांदगांव में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके चलते रायपुर से राजनांदगांव का लिंक मिनी बसों को नहीं मिल पाने से भी सवारियों का टोटा बना हुआ है। वहीं कोरोना संक्रमण का भय भी लोगों को मिनी बस में सफर करने से रोक रहा है। इसी वजह से ज्यादातर मिनी बसों को सड़क पर उतारने के कुछ ही दिनों बाद वापस खड़ा कर दिया गया है।
आटो रिक्शा बने सहारा
कोरोना काल में जरुरतमंदों को एक जगह से दूसरी जगह तक आने जाने के लिए आटो रिक्शा सहारा बने हुए हैं। आलम यह है कि दुर्ग से पावर हाउस और वहां से कुम्हारी तक चलने वाली आटो रिक्शा को अब सवारी मिलने की स्थिति में रायपुर से दुर्ग के बीच चलाया जा रहा है। हालांक कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए आटो रिक्शा में सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होने के साथ ही फिजीकली डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्तें लागू है। लेकिन अनेक आटो वालों के द्वारा इस शर्त व नियम का कोई पालन नहीं किया जा रहा है।
चल रही है महज 13 बसें
दुर्ग से रायपुर के बीच अभी महज 13 किमी बसों का परिचालन हो रहा है। जबकि आम दिनों में यह संख्या लगभग 70 से 75 रहती है। 13 मिनी बसों के परिचालन को भी सवारियों का रुझान अपेक्षा के अनुरुप नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा दुर्ग से रायपुर के बीच इन बसों को महज एक फेरे के लिए चलाया जा रहा है। बावजूद इसके सवारियों का टोटा बना रहने से आने वाले दिनों में 13 परिचालन वाली कुछ और मिनी बसों के भी पहिए थम जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।