गोबर के क्रय -भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट के लिए समूहों के प्रशिक्षण, टांका निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग और विपणन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से होगी ’गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत
गोबर के क्रय -भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट के लिए समूहों के प्रशिक्षण, टांका निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग और विपणन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग-समन्वयन समितियों का गठन
वर्मी कम्पोस्ट खाद की विक्रय दर 8 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित
कवर्धा, 18 जुलाई 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में देश की अपनी तरह की अनूठी ’गोधन न्याय योजना’ छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से 20 जुलाई को प्रारंभ हो रही है। पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य शासन के कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश सभी संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगर निगम के कमिश्नरों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। गोबर के क्रय और भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए स्व सहायता समूहों के प्रशिक्षण, वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण, गौठानों में गोबर प्रसंस्करण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग, वर्मी कम्पोस्ट के विपणन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन का सम्पूर्ण दायित्व जिला कलेक्टरों का होगा।
राज्य सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली सुराज गांव योजना के तहत कबीरधाम जिले में बड़े पैमाने पर गौठान निमार्ण किया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रथम चरण में 74 गौठान का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। वहां मवेशियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलबध है। जिले में दूसरे चरण में 152 गौठान निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए है। गोठान निर्माण कार्य तेजी के किए जा रहे है। पहला ओर दूसरे चरण के गोठान मिलाकर कवर्धा विकासखण्ड में 51, बोडला विकासखण्ड में 84, सहसपुर लोहारा में 56 और पंडरिया विकासखण्ड में 35 गौठान होंगे। पहले चरण के सभी 74 गौठान में गौठान समितियों तथा महिला स्वसहायता समूहों द्वारा वर्मीकंपोस्ट खाद का निर्माण किया गया था। राज्य सरकार द्वारा गोधन योजना शुरू होने से जिले में उत्साह का वतावरण बना हुआ है। योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि और पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी आएगी। खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा एवं द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार होगा। स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता होगी। स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा। भूमि की उर्वरता में सुधार, विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं सुपोषण के स्तर में सुधार होगा।