कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने हरेली पर्व के अवसर पर शुरू होने वाले गोधन न्याय योजना की तैयारियों की समीक्षा की
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की तैयारियों की समीक्षा की
हरेली पर्व के अवसर पर 20 जुलाई से होगा गोधन न्याय योजना का शुभारंभ
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए स्वसहायता समूह का चिन्हांकन करें-कलेक्टर श्री सिंह
नारायणपुर, 18 जुलाई 2020- कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने हरेली पर्व के अवसर पर शुरू होने वाले गोधन न्याय योजना की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। गोधन न्याय योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है और इसका क्रियान्वयन गंभीरतापूर्वक सभी अधिकारियों को करना है। उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी सभी विभाग समन्वय के साथ आरंभ कर दें। यह योजना अभी जंहा गौठान बन गया है, वहां आरंभ होगी। लेकिन यह योजना सभी गांवों में प्रारम्भ की जानी है। अतः जंहा गौठान नही है, वँहा गौठान और चरागाह के लिए जगह चिन्हांकित करने के निर्देश दिए ताकि वहां गौठान बनाया जा सके। जंहा राजस्व की जमीन नही हैं वहां पर वन भूमि को चिन्हाकिंत करने कहा। उन्होंने कहा कि गोबर के रख-रखाव, पंजी का संधारण, तौलने की प्रक्रिया और रिकार्ड का संधारण महत्वपूर्ण कार्य है। गोबर खरीदने का कार्य गौठान में होगा और यह कार्य गौठान समिति करेगी।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि गौठान समितियों द्वारा उसी पंचायत की गोबर क्रय की जा सकेगी। गौठान में पशुपालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित 2 रूपए प्रति किलो ग्राम की दर से किया जाएगा। गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाए जाने लायक अर्द्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, प्लास्टिक, मिट्टी नहीं होना चाहिए। हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगा, कन्डा आदि अन्य कोई उत्पाद नहीं लिया जाएगा। गौठान में पशुओं के लिए हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने कहा कि गोबर को संग्रहित कर गौठान में सीपीटी में रखा जाएगा और 15 से 20 दिन के बाद वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा। क्रय किए गए गोबर की राशि का भुगतान 15 दिन में गौठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोबर नापने के लिए अभी तराजू का उपयोग किया जाएगा। जिसकी तत्कालिक व्यवस्था वन मण्डलाधिकारी को करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात अलग अलग साइज़ के परम्परागत रूप से उपयोग होने वाले झौंहा से मापकर गोबर खरीदा जाएगा।
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी जनपद पंचायत के सीईओ को कहा कि गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए स्वसहायता समूह का चिन्हांकन कर लें और इस बात का भी ध्यान रखे कि जो समूह खाद बनाने में सहज महसूस करें, उन्ही समूह को यह काम दें। ग्रामीण क्षेत्र में चरवाहा गौठान समिति के अभिन्न अंग होंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत सीईओ एवं शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका अधिकारी के निगरानी में यह कार्य किया जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। नोडल अधिकारी गौठान समिति से चर्चा करके योजना को सुचारू रूप से चलाएंगे ताकि वाद-विवाद की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए चिन्हांकित स्वसहायता समूह को कृषि विज्ञान केन्द्र तथा कृषि एवं पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले में वर्मी बनाने वालों का चयन करने कहा ताकि समूह को समय में और सहजता से वर्मी मिल सकें। स्व सहायता समूह द्वारा गौठान में संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा। स्थानीय मांग एवं आवश्यकतानुसार अन्य उत्पाद भी तैयार किया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग एवं वर्मी कम्पोस्ट का विपणन किया जाएगा। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव, वनमण्डलाधिकारी श्री डी के एस चौहान, एसडीएम दिनेश नाग, उप संचालक पशु श्री बघेल सहित जनपद पंचायत के सीईओ, सीएमओ एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।