बारिश में सड़कों पर मवेशियों के झुंड में बैठने से बढ़ा दुर्घटना का खतरा
आधे-अधूरे गोठान से रोका-छेका अभियान को नहीं मिल पा रही सार्थकता
भिलाई। मवेशियों को रखने के लिए जगह की व्यवस्था नहीं होने से बारिश के मौसम में की जाने वाली धरपकड़ अभियान के प्रति भी निकायों में सुस्ती दिख रही है। आधे-अधूरे गोठान के चलते शासन के रोका-छेका अभियान को भी सार्थकता नहीं मिल पा रही है जिसके कारण बारिश का मौसम शुरू होने के साथ ही सड़कों पर आवारा अभी भी झुंड के झुंड बैठे रह रहे है। कई जगह तो स्ट्रीट लाईट ही बंद पड़ी है, खासतौर से फोरलेन सड़क में इन दिनों सुपेला से कुम्हारी के बीच चार स्थानों पर फ्लाई ओव्हर का निर्माण चल रहा है। इस वजह से पूर्व में स्थापित सड़क को रौशन करने वाले ट्यूबलर पोल को या तो हटा दिया गया है या फिर बत्तियां बंद है। इससे रात के वक्त कुछ-कुछ जगहों पर फोरलेन सड़क अंधेरे में डूबी रहती है। ऐसे जगहों पर मवेशियों के होने का पता रात के वक्त अंधेरे की वजह से नहीं चल पाने से दुपहिया वाहन चालक टकराकर दुर्घटना के शिकार होने लगे हैं। राज्य शासन ने ऐसे मवेशियों के लिए गत 19 जून से रोका छेका अभियान का आगाज किया है। इस अभियान के तहत सभी निकायों के सड़क और गलियों में घूमने वाले मवेशियों को पकड़कर गोठान में रखना है। भिलाई निगम क्षेत्र में तो गोठान की उपलब्धता गत वर्ष से सुनिश्चित हो चुकी है, लेकिन आसपास के निकायों में अभी आधे-अधूरे गोठान के चलते मवेशियों की धरपकड़ के प्रति गंभीरता नदारद है। भिलाई निगम के गोठान में भी मवेशियों की भरमार के चते अब जगह की कमी होने लगी है। लिहाजा इस निगम के दायरे में आने वो फोरलेन और अन्य अंदरुनी सड़कों पर मवेशियों की जमघट पहले जैसी तो नहीं लेकिन कुछ कम होने से भी दुर्घटना की संभावनासे इंकार नहीं किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बारिश के दिनों में आवारा मवेशियों के चलते पूर्व में कई जानलेवा दुर्घटना हो चुकी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मवेशियों के चलते होने वाली इन दुर्घटनाओं को रोकने हर निकाय क्षेत्र में गोठान निर्माण की योजना लागू की गई है। इसी योजना के तहत भिलाई निगम के द्वारा भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के पास गोठान का निर्माण कराया गया है। बताते हैं इस गोठान में क्षमता से अधिक मवेशियों को रखा जा चुका है। भिलाई-चरोदा नगर निगम के गनियारी और जरवाय में दो जगह गोठान बनाया जा रहा है। अधूरे गोठान की वजह से भिलाई-चरोदा निगम के द्वारा मवेशियों के खिलाफ रोका छेका अभियान को गति नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण वार्डों में मवेशी पालकों को समझाइस के साथ जुर्माना वसूली हो रही है। लेकिन भिलाई-3 व चरोदा जैसे शहरी क्षेत्र में घूमने वाले मवेशियों के मालिक का अता पता नहीं होने से कार्यवाही करने में दिक्कत आ रही है। इसके चलते भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में फोरलेन सहित अन्य अंदरुनी सड़कों पर मवेशियों की लगी रहने वाली जमघट से दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है।
कुम्हारी नगर पालिका क्षेत्र में 20 जुलाई को गोठान का लोकार्पण होना है। अभी निर्माण कार्य जारी रहने े मवेशियों को रखा जाना संभव नहीं है। लिहाजा पालिका द्वारा मवेशियों की धरपकड़ अभी शुरू नहीं की जा सकी है। इससे फोरलेन सड़क पर मवेशियों की समूह में चहल कदमी बने रहने से दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है।
मार्केट क्षेत्र में परेशान अधिक
आवारा मवेशियों के चलते मार्केट क्षेत्र में सबसे अधिक दुकानदारों और ग्राहकों हो रही है। भिलाई निगम क्षेत्र में पावर हाउस सब्जी व फल मार्केट, सुपेला के लक्ष्मी मार्केट सहित टाउनशिप और अन्य अंदरुनी मार्केट के आसपास की सड़कें मवेशियों के चलते दुर्घटनाजन्य बनी हुई है ही इसके अलावा मार्केट में खास तौर से शाम को
जानवरों का जमावड़ा रहता है ये जानवर जहां खासतौर से सब्जी दुकानों में मुंह मारकर सब्जी खाकर दुकानदारों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे है, इन जानवरों केकारण लक्ष्मीनगर सहित अन्य कई मार्केटों में ग्राहकों की गाड़ी में रखकर सब्जी या कोई सामान खरीदना भारी पड रहा है, गाय गाडी गिराकर ग्राहकों के गाडियों को नुकसान तो पहुंचा ही रहे है, सब्जी व अन्य सामान भी खा जाते है, कई बार ग्राहकों द्वारा जानवरों को भगाने की कोशिश करते है तो जानवर ग्राहकों को भी घायल कर देते है। इसके अलावा भिलाई-3 में बाजार और सिरसा गेट के पास भी खानपान की दुकानों के चलते मवेशियों की जमघट लगी रहती है। चरोदा में हनुमान मंदिर के आसपास और कुम्हारी के स्टेशन चौक सहित अहिवारा रोड में मवेशियों के चलते दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।