Uncategorized

नये कार्यकाल की पहली परिषद की बैठक मनोनीत अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई संपन्न, विकास के मुद्दों पर लगी मुहर, अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित कांग्रेसी पार्षद रहे नदारद

नये कार्यकाल की पहली परिषद की बैठक मनोनीत अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई संपन्न, विकास के मुद्दों पर लगी मुहर, अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित कांग्रेसी पार्षद रहे नदारद 

डोंगरगढ- नगरीय निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद डोंगरगढ नगर पालिका में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी और सरकार बनने के बाद नव

 

 

निर्वाचित अध्यक् सुदेश मेश्राम के कार्यकाल की पहली परिषद की बैठक भारतीय जनता पार्टी की ओर से मनोनीत अध्यक्ष राजेश गजभिए की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें विभिन्न विकास के मुददो पर मुहर लगाई गई। असल में हुआ यह कि नया कार्यकाल प्रारंभ होने के कुछ समय बाद ही देश में कोरोना का संकट छा गया जिसके चलते 18 जून तक किसी भी प्रकार की बैठक लेने पर प्रतिबंध लगा दी गई थी उसके बाद 9 जुलाई को विधायक भुनेश्वर बघेल की उपस्थिति में परिषद की बैठक आयोजित की गई थी लेकिन सीएमओ की लापरवाही के कारण बैठक को निरस्त कर 14 जुलाई को आयोजित किया गया लेकिन आज की इस बैठक में नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुदेश मेश्राम, उपाध्यक्ष उमा महेश वर्मा सहित सभी कांग्रेसी पार्षद नदारद रहे जिसके कारण पुनः आज 14 जुलाई को भी आयोजित बैठक को निरस्त करने का प्रयास किया जा रहा था किन्तु नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा की आपत्ति के बाद नगर पालिका अधिनियम के तहत फोरम के एक तिहाई सदस्यों की उपस्थिति में अध्यक्ष मनोनीत कर उपस्थित सदस्यों की सर्वसम्मति से परिषद की बैठक प्रारंभ की गई। चूंकि डोंगरगढ नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष सहित कुल 24 सदस्य हैं जिसमें से 7 सदस्यों की उपस्थिति में बैठक की जा सकती थी जबकि बीजेपी ने अपने 9 सदस्यों के साथ बैठक प्रारंभ की। बैठक में कुल 27 विषयों को शामिल किया गया जिसमें से अधिकतर विकास कार्यों को संपन्न कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में विभिन्न वार्डो में सीसी रोड, आरसीसी नाली, अंडर ग्राउंड नाली निर्माण, स्वागत द्वार, इंटरलॉकिंग कार्य, नेहरू कॉलेज के सामने दुकान निर्माण, हाई स्कूल के सामने दुकान निर्माण सहित तहसील कार्यालय के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने एवं जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु आवेदन पत्र पर भी विचार कर निर्णय लिया गया। इसके अलावा कुछ कार्यों के लिए प्राक्कलन तैयार कर अगली बैठक में निर्णय करने की बात पर भी सहमति बनी। इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमशंकर देशलहरा, नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा, पार्षद राजेश गजभिये, अनिता इंदूरकर, कुसुम मरकाम, काजल डोंगरे, आसिया बेगम, डी के एस राव, कमलेश धमगाये, हरीश मोटघरे सहित इंजीनियर विजय मेहरा, बड़े बाबू जे आर चन्द्रवंशी, स्वच्छता प्रभारी अमर करसे, राजस्व निरीक्षक श्रवण गभने, जल शाखा प्रभारी अकील खान, मिशन क्लीन सिटी प्रभारी नितीन बख्शी उपस्थित थे।

विपक्ष ने कांग्रेस को घेरा- पत्रकारों से चर्चा करते हुए विपक्ष के नेता अमित छाबड़ा ने कहा कि कोरोना एवं अन्य कारणों से परिषद की बैठक वैसे ही 7-8 माह से नहीं हो पा रही थी जिससे नगर का विकास में बाधा उत्पन्न हो रही थी और जैसे तैसे बैठक 9 जुलाई को रखी गई तो वह भी किन्हीं कारणों से निरस्त कर दी गई और 14 जुलाई को पुनः बैठक आयोजित की गई लेकिन आज की बैठक में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी कांग्रेसी पार्षदों अनुपस्थिति रहे जिससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधि नगर के विकास को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है उन्हें नगर के विकास से कोई लेना देना नहीं है इसलिए वे लगातार किसी ना किसी बहाने बैठक को निरस्त करवा रहे थे। अंततः आज हमने नगर पालिका अधिनियम के तहत अध्यक्ष मनोनीत कर बैठक का सफल संचालन किया और नगर के विकास को गति प्रदान की।

Related Articles

Back to top button