सरपंच संघ का बनना न बनना बेकार जब कोई आवाज ही पंचायत जनप्रतिनिधियों के हक लिए
कुंडा न्यूज़ प्रदीप रजक सबका संदेश
सघ का बनना न बनना बेकार जब कोई आवाज ही पंचायत जनप्रतिनिधियों के हक लिए नही उठता तो क्या हम जनप्रतिनिधि नही हमें जनता के विश्वाश मत प्राप्त नही या हम लोकतांत्रिक तरीके से प्रत्यक्ष चुनाव के हिस्सा नही और है तो , फिर हमारे साथ जब से पंचायती राज लागू हुआ है दोहरा व्यवहार क्यों , हम अपने पंचायती राज के छेत्र में क्या जनसेवक नही तो हमे क्यों अपने अधिकारों से वंचित रखा जाता है , मैं पहले भी बोल चुका हूं और आज भी बोल रहा हु अब आवाज बुलंद करने की बारी है न्याय मिलना चाहिए समान अधिकार मिलना चाहिए , जितना कार्य संसद में सांसद का है और जितना कार्य विधायक का विधान सभा मे है उतना ही कार्य ग्राम पंचायत में पंचायत जनप्रतिनिधियों के है , आप बड़े स्तर के जनप्रतिनिधि हो इसलिए आपको अच्छा खाशा मोटा वेतन सेवा आप भी कर रहे है सेवा हम भी कर रहे है , तो हमे क्यों नही लोकसभा , राज्यसभा के जनप्रतिनिधियों को 1 लाख सरकारी आवास , भत्ता पद मुक्त होने के बाद पेंशन हजारों में वैसे ही विधायकों को भी तो हमारा भी अधिकार बनता है कम से कम जो वेतन आज त्रिस्तरी पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को दिया जा रहा है उनके मानदेय में बढ़ोतरी होना चाहिए पेंशन मत दो भत्ता मत दो लेकिन एक सम्मान जनक मानदेय दो अभी वर्तमान में ग्राम सरपंच का मानदेय 500 , पंच का मानदेय 200 ये न्याय नही है हम भी जनप्रतिनिधि है हम भी एक सेवक है जो जनता के आवाज को उनकी समस्या को निराकरण करने के लिए जनता के द्वारा चुनकर आये है इस पंचायती राज का एक हिस्सा बने है तो कम से कम 5000 हजार सरपंच का 3000 हजार पंच का मानदेय करना चाहिए आने वाले भविष्य को देखते हुए आज 70 साल होगये पंचायती राज को सरपंच , और पंच एवम बांकी जिला जनपद के प्रतिनिधियों के भी वेतन मांदेय को बढाने के लिए केंद्र सरकार और सभी राज्यो के राज्य सरकार को इस विषय में विचार करना चाहिए यह मेरा एक व्यक्तिगत राय नही बल्कि उन सभी जनप्रतिनिधियों की मांग है जो वर्षो से चली आरही है और इस दिशा में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को और सभी सरपंच संघ के अध्यक्षों को विचार कर साशन से वेतन मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर एक मांग रखना चाहिए जो हमारा और हमारे आने वाले पीढ़ी का अधिकार है जो भी मेरे इस विचार से सहमत है इस को ज्यादा से ज्यादा पोस्ट करे ताकि साशन के कानो तक यह विचार पहुचे और साशन कुछ प्रयाश और विचार इस ओर भी करे या तो इस पर ठोस कदम उठाए प्रशासन या बांकी छेत्रो के जनप्रतिनिधियों को भी वेतन नही देना चाहिए वेतन की प्रथा समाप्त हो या समानता का भाव हो सदैव आपका अपना अमरीश चन्द्राकर पंच वार्ड क्रमांक 14 ग्राम पंचायत कुण्डा तहसील पंडरिया जिला कबीरधाम छत्तीसगढ़ ????????