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कोरोनिल दवा पर पतंजलि आयुर्वेद और केंद्र को हाईकोर्ट का नोटिस, एक हफ्ते में मांगा जवाब | nainital – News in Hindi

कोरोनिल दवा पर पतंजलि आयुर्वेद और केंद्र को हाईकोर्ट का नोटिस, एक हफ्ते में मांगा जवाब

बाबा रामदेव की कोरोना की दवा को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य और पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी किया. (फाइल फोटो)

कोरोनिल दवा मामले में नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda), केंद्र व राज्य सरकार समेत निदेशक आयुष, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन रिसर्च और निम्स विवि राजस्थान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

नैनीताल. कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से निजात दिलाने का दावा करने वाली कोरोनिल दवा पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने इसके साथ ही केंद्र, ICMR और  निम्‍स यूनिवर्सिटी (राजस्‍थान) को भी नोटिस जारी कर जवाब  तलब किया है.

नैनीताल हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद समेत अन्य को जारी नोटिस में सभी पक्षकारों को आदेश दिया है कि 1 हफ्ते में जवाब दाखिल करें. इधर बुधवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि मंगलवार को उनको याचिका की कॉपी नहीं मिली, जिसके कारण वे सुनवाई में शामिल नहीं हो सके. केंद्र सरकार की तरफ से यह भी बताया गया कि आयुष मंत्रालय ने इस मामले पर कदम उठाए हैं.

क्या है मामला

दरअसल, पिछले मंगलवार को बाबा रामदेव व उनके सहयोगी की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की दिव्य योग फार्मेसी ने कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए कोरोनिल दवा लॉन्च की थी. इसको लेकर अधिवक्ता मनि कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर इस दवा को बाजार में बैन करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि दवा कंपनी ने आईसीएमआर द्वार जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया. कंपनी ने न तो आयुष मंत्रालय भारत सरकार की अनुमति ली और न ही आयुष विभाग उत्तराखण्ड से कोरोना की दवा बनाने के लिए आवेदन किया.ये भी पढ़ें- अधूरी रहेगी बदरीनाथ यात्रा! नहीं होंगे ब्रह्मकपाल मोक्ष धाम में श्राद्ध कार्य

याचिका में कहा गया है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा बनाने की आड़ में बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा बनाई. कंपनी ने निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान द्वारा दवा का परीक्षण होना बताया गया, जबकि निम्स का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी भी दवा का क्लिनिकल परीक्षण नहीं किया है. याचिका में बाबा पर दवा का भ्रामक प्रचार करने के आरोप के साथ कहा गया है कि इसका क्लिनिकल परीक्षण नहीं किया गया है और इसके उपयोग से शरीर में क्या साइड इफेक्ट होंगे, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है. याचिका में दवा को बाजार में रोकने व गाइडलाइन का पालन व भ्रामक प्रचार पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है.

First published: July 1, 2020, 1:04 PM IST



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