ED team reaches Ahmed Patels residence for questioning in PMLA case against Sandesara brothers | मनीलॉन्ड्रिंग केस: क्या है स्पेशल 23 नंबर हेडक्वाटर का कोडवर्ड जिसके तार अहमद पटेल से जुड़े | nation – News in Hindi
शनिवार को ED अहमद पटेल के घर पहुंची.
गुजरात (Gujarat) स्थित स्टर्लिंग बायोटेक द्वारा 14,500 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी एवं मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर संदेसरा बंधुओं – चेतन और नितिन – और कई अन्य के खिलाफ जांच के जुड़ा है.
पूछताथ में सामने आया कि स्पेशल 23 नंबर हेडक्वाटर एक कोडवर्ड था जो कुछ लोग ही जानते थे और कुछ लोग ही इसका विशेष तौर पर प्रयोग करते थे. दरअसल ये नंबर अहमद पटेल के आवास का है. अहमद पटेल पिछले कई सालों से इसी मकान में रहते आ रहे हैं. इस कोडवर्ड की जानकारी ED की टीम के द्वारा एक महत्वपूर्ण शख्स की गवाही के दौरान मिली थी.
संदेसरा ग्रुप ने घूस की बड़ी रकम इसी आवास पर दी!
ईडी के सूत्रों की मानें तो आरोप है की संदेसरा ग्रुप ने घूस की बड़ी रकम इसी आवास पर दी थी. इसके साथ ही ईडी की टीम ये भी तफ्तीश करने में जुटी हुई है की क्या अहमद पटेल का वाकई में इस मामले में कोई डायरेक्ट कनेक्शन है या नहीं ? इस मामले में पिछले कुछ सालों में काफी सबूतों और दस्तावेजों को इकट्ठा किया गया है जिसमें अहमद पटेल और उसके परिवार से जुड़े कई सदस्यों और जानकार का जिक्र है. एक जिक्र यह भी है कि इसी आवास में सारी डील होती थी हालांकि यह अभी जांच का मामला है.ED की टीम ने साल 2017 में सुनील यादव नाम के एक शख्स से पूछताछ की थी. सुनील यादव पेशे से ड्राइवर था जो दिल्ली के द्वारका इलाके में रहता है और उस वक्त कई सालों तक अहमद पटेल के आवास में रहता था. सुनील यादव ही अहमद पटेल की कार चलाता था. ईडी की टीम सुनील यादव से इसलिए पूछताछ कर रही थी की क्योंकी वो पिछले सालों से अहमद पटेल के साथ ही हमेशा रहता था. साथ रहने के दौरान वो अहमद पटेल से जुड़ी हर मूवमेंट, लोगों के आने -जाने और कार में बैठे रहने के दौरान बातचीत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में राजदार था इसलिए ईडी ने सबसे पहले उससे पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान उसने इस बात को भी स्वीकार किया की अक्सर कई डील से जुड़े लोग पैसे लेकर ’23 नंबर हेडक्वाटर’ पर आते थे और कई बार सुनील यादव ने ही उस पैसे को पहुंचाया था ,
क्या है कोडवर्ड J -1 और J-2 ?
ED द्वारा हुई पूछताछ के दौरान सुनील यादव ने एक और कोड के बारे में बाताया था जिसको समझने के लिए दो महत्वपूर्ण किरदार को जानना बेहद आवश्यक है. सुनील यादव ने पूछताछ के दौरान फैजल पटेल और इरफान अहमद सिद्दीकी के बारे में ईडी को जानकारी दी. इरफान अहमद सिद्दीकी अहमद पटेल के दामाद और पेशे से एक वकील हैं वहीं फैजल पटेल अहमद पटेल के पुत्र हैं . इस मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए सुनील ने जांच टीम को बताया की कई बार जो डील करने वाले लोग आते थे वो एक विशेष कोडवर्ड से फैजल पटेल और इरफान को बुलाते थे. फैजल पटेल को कोडवर्ड में J-1 और इरफान सिद्दीकी को कोडवर्ड में J- 2 के नाम से पुकारा जाता था. स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े संदेसरा बंधु जब भी घर पर आते थे तो वो भी इसी कोडवर्ड के नाम से मिलने के लिए वक्त लेते थे और उसके बाद तमाम डील उसी घर में होती थी.
संदेसरा ग्रुप के प्रमोटर्स भारत के बाहर
ईडी की टीम संदेसरा ग्रुप (Sandesra Group) से जुडे बैंक लोन फर्जीवाड़े मामले में बहुत पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. उसके बाद इस मामले में अबतक कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है इस मामले में गुजरात और मुंबई स्थित स्टर्लिंग बायोटेक फार्मा कंपनी मुख्य तौर पर आरोपी है जिसके प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ती संदेसरा हैं.
हालांकि ये पिछले कई सालों से विदेश में रह रहे हैं. इस मामले में ईडी की टीम अहमद पटेल से जुडे कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है लेकिन पटेल से अबतक इस मामले में एक बार भी पूछताछ नहीं हुई थी , इसलिए ईडी की टीम ही इस मामले में पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंच गई.
ईडी के सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से जु़डे नियम कानून के मुताबिक अगर कोई शख्स 65 साल से ज्यादा उम्र का है तो उसके आवास पर ही टीम पहुंचकर पूछताछ कर सकती है लिहाजा टीम ने शनिवार को दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचकर पूछताछ की.
First published: June 27, 2020, 3:37 PM IST