छत्तीसगढ़

समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा मैं फिर एक बार लापरवाही

 

कान्हा तिवारी

समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा मैं फिर एक बार लापरवाही देखने को मिला यह घटना ग्राम पंचायत बरभाठा के आश्रित ग्राम कुरदी के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले एक प्रवासी मजदूर की है। जिनका नाम गीता निराला है। कल रात को गीता निराला को लकवा बीमारी का एहसास हुआ । फिर वह अपने रिश्तेदारों को और ग्राम पंचायत बरभाठा सरपंच श्री धरमलाल चंद्रा को सूचित कर जानकारी दी कहा। मुझे लकवा का लक्षण लग रहा है मुझे तत्काल उपचार के लिए मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाए।
फिर उनके परिवार के लोग मोटर साइकिल में बिठाकर उपचार के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा ले गया । उपचार के दौरान एक ग्लूकोस बॉटल लगाया गया ग्लूकोस बॉटल के खत्म होने पर रिटर्न वापस क्वांरनटाइन सेंटर कुरदी भेज दिया गया। रात गुजरने के बाद सुबह होने पर गीता निराला अपने मुंह को बदला हुआ (टेढ़ा) पाया फिर से अपने परिवार व सरपंच धरमलाल को सूचित कर कहा की मुझे चिकित्सा के लिए बाहर ले जाया जाए। इसलिए मालखरौदा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रिफर कागज बनवा कर मुझे उपचार के लिए बाहर भेज दी जाए यह बात सुनते ही गीता निराला के परिवार के लोग मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 7:30 से 8:बजे लगभग पहुंचा वहां पर ।कोई भी पदस्थ डॉक्टर नहीं मिला जिससे अपनी परेशानी बता सके वहां पर उपस्थित सिस्टरो को बीएमओ कक्ष पूछने पर उन्होंने बताया बीएमओ कात्यानी सिंह मैडम कक्ष मे नहीं थी।ईस तरह की लापरवाही बीएओ के लिए आम हो गई है पहले 10,000 ₹ ले कर अबॉर्शन,।। और आब बीएमओ होकर गरीब प्रवासी मजदूरों को नियम कायदा बताते हुए। तभी परिजन लोग अपने परेशानी बताने के लिए बीएमओ कात्यानी सिंह के क्वार्टर पहुंच गये। कहा की मेरे परिजन गीता निराला को कल रात 24/6/20 दिन बुधवार को लकवा का लक्षण महसूस हो रहा है यह सुनते ही बीएमओ कात्यानी सिंह ने कहा मालखरौदा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मैं अकेली ही डॉक्टर नहीं हूं सभी लोगों का ठेका नहीं ले रखी हूं इस तरह के बात करते हुए भड़क गयी। एक जिम्मेदार पद में रहते हुए। किसी भी पेशेंट के परिजनों से इस तरह की बात करने की अधिकार नहीं है इस तरह का बात सुनते ही परिजनों ने वापस ग्राम कुरदी आकर बिना रिफर कागज के अपने प्राइवेट कार से उपचार के लिए बाहर ले जाया गया क्या कोई भी इंसान या मरीज डॉक्टरो के रिफर कागज को लेने के लिए अपने जान जोकिंग में नही डालना चाहेंगे की जब तक रिफर कागज मरिज को नहीं मिल जाता। तब तक घर में बैठा कर बीमारी तो बढ़ावा देते रहेंगे यह कहना गीता निराला के घरवालों की है यह कहते हुए अपने प्राइवेट कार में इलाज के दौरान बाहर ले जाया गया। यह पूरी घटना की जानकारी बरभाठा सरपंच धरमलाल चंद्रा को थी पर उन्होंने मीडिया को। कोई जवाब नहीं दिया सरपंच से बाइट मांगने पर मैं फंस जाऊंगा कहते हुए एक पत्रकार को बाइट देने से इनकार कर दिया कहा की मैं सरपंच हूं इस तरह का कोई भी जानकारी नहीं दूंगा क्या कहते हुए मुंह फेर लिया,,,

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