ममता ने PM मोदी को लिखा खत, कोयला खनन में 100% एफडीआई का जताया विरोध | mamata banerjee letter to pm narendra modi 100 percent fdi coal mining west bengal | nation – News in Hindi
ममता बनर्जी ने कोयला खनन में 100% एफडीआई पर जताई आपत्ति (फाइल फोटो)
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने चार सहायक कोयला कंपनियों के डेस्क कार्यालयों को अचानक राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के कोयला मंत्रालय के कदम पर भी आपत्ति व्यक्त की है. उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा, ‘मैं ठोस आधार पर इस नीतिगत घोषणा पर अपनी गंभीर आपत्ति व्यक्त करती हूं. यह नीति न तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ला सकती है और न ही यह तकनीक ला सकती है.’ उन्होंने कहा, ‘हालिया चलन और अनुभवजन्य साक्ष्य स्पष्ट रूप से यह बताते हैं कि कोयला खनन परियोजनाओं की तुलना में वैश्विक निवेशकों की रुचि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक है. वास्तव में, शोध से पता चलता है कि लगभग 100 वैश्विक वित्तीय संस्थानों ने तापीय ऊर्जा के कोयला क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश किया है. अत: तापीय ऊर्जा वाले कोयला क्षेत्र में एफडीआई दूर की कौड़ी है.’
ममता ने 100 प्रतिशत एफडीआई का किया विरोध
उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय जब दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड देश के कुल कोयला उत्पादन का 80 प्रतिशत अकेले उत्पादन कर रही है और उसने वित्त वर्ष 2018-19 में कर पूर्व 27 हजार करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है, साथ ही 31 हजार करोड़ रुपये का भंडार रखती है, कोयला क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिये 100 प्रतिशत एफडीआई खोलना गलत संदेश देगा. ऐसा करना आत्मनिर्भर भारत की भावना के प्रतिकूल है और यह आत्मनिर्भर होने की उस नीति की भी हत्या कर देगा, हम जिसका शुरू से अनुसरण करते आये हैं.’’सरकार अपने निर्णय पर पुन: करे विचार
मुख्यमंत्री ने चार सहायक कोयला कंपनियों के डेस्क कार्यालयों को अचानक राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के कोयला मंत्रालय के कदम पर भी आपत्ति व्यक्त की है. उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये, मैं आपसे कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करती हूं और कोल इंडिया लिमिटेड की चार सहयोगी कंपनियों का कार्यालय कोलकाता से बाहर ले जाने को लेकर कोयला मंत्रालय को ऐसा नहीं करने की सलाह देने व मामले में सीधा हस्तक्षेप करने का आपसे आग्रह करती हूं.’’
First published: June 27, 2020, 12:00 AM IST