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मुगलों की इस निशानी को विदेशों में पहचान दिलाएंगे यूपी के CM Yogi-UP Chief Minister Yogi adityanath will get this Mughal art recognized in Foreign country dlnh | agra – News in Hindi

नई दिल्ली. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हर जिले की पहचान उसके कारोबारी हुनर से होगी. इतना ही नहीं, इस हुनर को देश-विदेश में नई पहचान मिले, इसके‍ लिए प्रदेश सरकार की तरफ से एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत, कारोबारियों को सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए का कर्ज उपलब्‍ध कराया जाएगा.

जिससे, कारोबारी अपनी उत्‍पादन गुणवत्‍ता को अधिक बेहतर बना सकें. उत्‍तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने इस अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए एक जिला-एक उत्‍पाद’ (One District-One Product) के नाम से एक योजना की शुरूआत भी है. इस योजना में मुगलों ( Mughal) की निशानी इनले वर्क (पच्चीकारी) को भी शामिल किया गया है.

योजना के तहत, एक जिले से एक कारोबार को लिया गया है. लेकिनआगरा (Agra) से जूता कारोबार के साथ इनले वर्क को भी लिस्ट में जगह दी गई है. जानकारों के मुताबिक इनले वर्क का सालाना कारोबार करीब 5 सौ करोड़ रुपये का है. मार्बल पर कीमती रत्नों और पत्थरों को जोड़ने की कला को पच्चीकारी कहते हैं. ताजमहल (Tah Mahal) में इसे जगह-जगह देखा जा सकता है.

आगरा में 25 हज़ार कारीगर जुड़े हैं पच्चीकारी सेजिला उद्योग केंद्र के उप आयुक्त शरद टंडन ने बताया कि आगरा में मुगल काल से मार्बल हैंडीक्राफ्ट और पच्चीकारी का कार्य किया जा रहा है. मार्बल हैंडीक्राफ्ट और पच्चीकारी का देशी और विदेशी कारोबार सालाना 500 करोड़ रुपये का है. आगरा में इस कारोबार से सवा लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. पच्चीकारी से जुड़े कारीगरों की संख्या करीब 25 हज़ार है. इसमे बड़ी संख्या मुस्लिमों की है.

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inlay work on marble.

 

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सीएम योगी ऐसे करेंगे कारोबार की मदद

ओडीओपी योजना में आगरा के जूता कारोबार के साथ ही अब मार्बल इनले वर्क को भी जोड़ा गया है, क्योंकि आगरा में इससे जुड़ी हुई तमाम इकाइयां और कारीगर हैं. इस कारोबार से जुड़े हुए लोगों को और कैसे आगे बढ़ाए जा सकता है उसके लिए बैंक से आर्थिक मदद, प्रशिक्षण, बाजार और मार्केटिंग से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही 20 शिल्पी मिलकर कॉमन फैसिलिटी सेंटर लगा सकते हैं.

इसके लिए 15 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की योजना है. हस्तशिल्प मिलकर प्रोजेक्ट लगाते हैं, तो 15 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इसमें 90% सरकार का होगा और 10% हिस्सा उस प्रोजेक्ट लगाने वाली हस्तशिल्पियों की संस्था को देना होगा.

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क्या कहते पच्चीकारी के कारीगर

इस कारोबार से जुडे कारीगर बताते हैं कि मार्बल हैंडीक्राफ्ट में उपयोग किए जाने वाला पत्थर जयपुर, अफगानिस्तान, इटली और अन्य देशों से आता है. एक जिला एक उत्पाद में मार्बल हैंडीक्राफ्ट आने से आगरा के कारीगरों को फायदा होगा. सरकार का धन्यवाद है.

पहले वे सिर्फ गिफ्ट आइटम बनाते थे, लेकिन अब इसमें तमाम प्रयोग किए हैं, इससे उन्हें एक्सपोर्ट में फायदा होगा. आगरा में गोकुलपुरा, ताजगंज, फतेहपुर सीकरी, अछनेरा और सदर में इनले वर्क होता है.



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