छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

उद्यानिकी का रकबा बढ़ाने जिले में गौठानों एबाडिय़ों और नदी के कछारों पर लगाए जाएंगे फलदार पौधे शासकीय रोपणियों में फलदार और छायादार पेड़ों की 6 लाख से अधिक पौध हो रही तैयार

DURG:- बारिश अपने साथ ढेर सारी उम्मीदें लेकर आती है। ये समय किसानों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी समय खेत खलिहानों में बुआई और उद्यानों में छायादार-फलदार  पौधे भी रोपे जाते हैं। हरिहर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत पूरे जिले में व्यापक पौधरोपण कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। इसलिए उद्यानिकी विभाग की रोपणियों नर्सरी में बारिश के पहले ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। यहां फलदार,छायादार पेड़ों जैसे आम, नींबू, कटहल, पपीता,जामुन,अमरूद,आंवला,मुनगा, गुलमोहर आदि की पौध तैयार की गई है। हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत व्यापक पौधरोपण कार्यक्रम में जिले के 216 गौठानों और 666 बाडिय़ों में भी फलदार.छायादार पौधे रोपे जाएंगे। छत्तीसगढ़ शासन की मंशा है कि उद्यानिकी का रकबा बढ़ाया जाए। इसलिए सामुदायिक बाडिय़ों और उद्यानों का भी विकास किया जा रहा है। जिसका दीर्घकालिक फायदा किसानों को ही मिलेगा। इसके अलावा कुपोषण मुक्ति के लिए शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।यदि फल सब्जियां पर्याप्त रूप से उपलब्ध होंगी तो महिलाओं और बच्चों को सुलभता से उपलब्ध हो पाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बाडिय़ाँ विकसित की जा रही हैं। जिसके लिए बड़ी संख्या में पौध तैयार की जा रही है ।

सब्जी. भाजियों के बीज भी किए जा रहे तैयार.

दुर्ग ब्लॉक के शासकीय रोपणी रुआँबांधा में इस साल 1. 5क्विंटल पालक, 50 किलोग्राम कसूरी मेथी,50 किलोग्राम मेथी,55 किलोग्राम लाल भाजी, 50 किलोग्राम धनिया, 55 किलोग्राम चौलाई,10 किलोग्राम लौकी बीज का उत्पादन किया गया है। धमधा व पाटन की रोपणियों में ओलावृष्टि के कारण बीजोत्पादन नहीं हो पाया।

रोपणियों में अगले साल के लिए जिमीकंदए कोचई के कंद और भिंडी एबरबट्टी के बीज उत्पादन की तैयारी की जा रही है। पाटन ब्लॉक के अटारी गांव की शासकीय रोपणी में 15 क्विंटल जिमीकंद और एक एकड़ में बरबट्टी बीज एधमधा ब्लॉक के अहेरी नर्सरी में 12 क्विंटल जिमीकंद और एक हेक्टेयर में भिंडी बीज तथा दुर्ग ब्लॉक के रुंआँबाँधा नर्सरी में 10 क्विंटल जिमीकंदए, 5 क्विंटल कोचई और 0.5 हेक्टेयर में मिर्ची के बीज उत्पादन की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा धमधा के राजपुर में सीडलिंग यूनिट भी बन रही है जहां दस लाख पौधे हर महीने तैयार होंगे। सामूहिक फलोद्यान के माध्यम से दस हजार मुनगा के पौधे लगाए जा रहे हैं।

बारिश का मौसम आते ही गार्डनिंग के शौकीन लोग नर्सरी पहुंचते है।घरों के साथ साथ औद्योगिक परिसरों में भी पौधरोपण किया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग पौधे खरीद रहे हैं।इस तरह राजस्व की प्राप्ति भी हो जाती है। स्व सहायता समूहों की महिलाओं को देतें हैं वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का प्रशिक्षण और उनसे करते हैं खाद क्रय.उद्यानिकी विभाग की इन रोपणियों में महिला स्व सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं खाद बना भी रही हैं।। महिलाओं को आर्थिक लाभ मिले इसके लिए उद्यानिकी विभाग यह खाद खरीदता भी है। धमधा में हर साल 8 टन और रुवाबाँधा की नर्सरी में हर साल बेस्ट क्वालिटी का 1 टन वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जाता है। बाडिय़ों और उद्यानों के लिए लोग हाथों हाथों वर्मी कम्पोस्ट खरीदते हैं।इस वर्ष पाटन ब्लॉक  की नर्सरी में वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन शुरू किया जा रहा है। ये खाद आने वाले समय में फल सब्जी उत्पादन हेतु काफी उपयोगी होगी।

Related Articles

Back to top button