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किसानों के आय का स्रोत बढ़ाने में सहायक है जैविक खेती – सूर्यकांत साहू

बेमेतरा/ खेतों में लगातार बढ़ रहे रसायनिक खाद के उपयोग व जहरीले कीटनाशक के प्रयोग से पैदा होने वाले उत्पादों के सेवन से लगातार बढ़ रहे बीमारियों की चिंता व्यक्त करते हुए जैविक कृषि सलाहकार सूर्यकांत ने जैविक खेती को अपनाने के लिए किसानों से अनुरोध किया है बेरला निवासी सूर्यकांत साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि रासायनिक खाद के अत्यधिक इस्तेमाल से खेतों की उर्वरा क्षमता क्षमता अब समाप्त की और है  खेतों में अब लोग अत्यधिक उत्पादन लेने के लिए आवश्यकता से अधिक रासायनिक खादों का इस्तेमाल वजह रीले कीटनाशकों का उपयोग धान व अन्य फसलों के लिए करते हैं जिससे कैंसर जैसी अन्य जानलेवा बीमारी से लोग अब लगातार ग्रसित होते जा रहे हैं इसलिए हम सभी को धीरे-धीरे रासायनिक खाद व जहरीले कीटनाशकों से दूरी बनाकर जैविक खाद इस्तेमाल करना है उन्होंने जैविक खाद के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए नेट सर्फ के सभी जैविक उत्पादों का क्रमशः इस्तेमाल करने की जानकारी दी जिसमें प्रमुख रूप से*स्टीमरिच*:- इसमें 26 प्रकार के अमीनो एसिड है जो पौधे के ग्रोथ को बढ़ाएगा सफेद जड़ों की संख्या को बढ़ाएगा और फलों को फूलों में कन्वर्ट करेगा प्लस फलों की साइज को बढ़ाएगा
*बायो 95*:- पौधे में प्रकाश संश्लेषण प्रोसेस को बढ़ा देगा , किसी भी दवाई की खपत को 30% तक कम करेगा , कोई भी दवाई को पूर्ण रूप से पत्ते में चिपका करके उसे शोषण करवाएगा
*इंटैक्ट*:- फलछेदा तनाछेदक कीटनाशक किसी भी प्रकार के कीड़ों को पूर्ण रूप से खत्म करेगा
*रेपआप*- पौधे में लगने वाले वायरस को पूर्ण रूप से प्रोटेक्ट करेगा इसमें ट्राइकोडरमा और साइडोमोनस का मिक्सचर है जो किसी भी वायरस को होने नहीं देगा
*एन.पी.के.*- *N एजेटोबेक्टर* बैक्टीरिया यह यूरिया की खपत को 50 परसेंट तक कम करता है और नाइट्रोजन को पौधे के जड़ों तक पहुंचाता है
*P फास्फेट सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया* यह डीएपी सुपर फास्फेट की खपत को 50 परसेंट कम करके सुपर फास्फेट को p2o5 ने कन्वर्ट करके पौधे को भोजन के रुपए प्रोवाइड करता है
*K पोटाश मोबिलाइजिंग बैक्टीरिया* मिट्टी में डालने वाले पोटाश को अब घटित करके भोजन के रूप में पौधे के जड़ों तक पहुंचाता है
*SHET* *soil health enhancement technology*
क्या गोबर को फर्मेंटेड करके बनाया गया है जो कि मिट्टी के भौतिक रासायनिक और जैविक गुणों के विकास करता है , मिट्टी को मुलायम बनाता है और इसके 1ml में केंचुआ का 10 लाख जीवाणु हैं जिसे हम सभी सरल व साधारण तरीके से अपनेे अपने   खेतों में डालकर व पौधों में स्टीम रिच के माध्यम से स्वस्थ व अत्यधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है

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