छत्तीसगढ़

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 2215 गौठानों को जारी किए 8.86 करोड़ रूपए

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 2215 गौठानों को जारी किए 8.86 करोड़ रूपए

रिपोर्ट कान्हा तिवारी
रोका-छेका के प्रभावी अमल के लिए नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत संचालित हर गौठान को 40 हजार रूपए,

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 2215 गौठानों को जारी किए 8.86 करोड़ रूपए,

खुले में घूमने वाले मवेशियों के नियंत्रण, व्यवस्थापन तथा गौठानों के रखरखाव एवं संचालन में खर्च की जाएगी राशि,

जांजगीर-चांपा,19 जून 2020/ राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोका-छेका के प्रभावी अमल के लिए गौठान प्रबंधन समितियों को कुल आठ करोड़ 86 लाख रूपए की राशि जारी की गई है। शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत संचालित हर गौठान को 40 हजार रूपए दिए गए हैं। गौठान प्रबंधन समितियों के माध्यम से खुले में घूमने वाले मवेशियों के नियंत्रण और व्यवस्थापन में यह राशि खर्च की जाएगी। खुली चराई को रोकने और फसलों की सुरक्षा के लिए गौठान की व्यवस्था को सशक्त बनाने, उनके रखरखाव और संचालन में भी इस राशि का उपयोग किया जाएगा। विभाग द्वारा 2215 गौठानों को प्रथम किश्त के रूप में प्रत्येक गौठान 40 हजार रूपए के मान से अनुदान राशि जारी की गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर परंपरागत रोका-छेका प्रथा को प्रभावी ढंग से लागू करने गौठानों के माध्यम से किसानों और पशुपालकों की मदद के लिए गांवों को यह राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने आगामी खरीफ मौसम को देखते हुए खुली चराई को रोकने, पैदावार बढ़ाने और बहुफसली क्षेत्रों के विस्तार के लिए गांवों और शहरों में रोका-छेका का आह्वान किया है। इससे खेतों, बाड़ियों और उद्यानों की सुरक्षा के साथ पशुधन भी सुरक्षित रहेंगे। रोका-छेका प्रथा को गंभीरता से लागू करने 19 जून से 30 जून तक प्रदेश के सभी गांवों और शहरों में लोग आपस में चर्चा कर रणनीति बना रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर विभाग के माध्यम से गौठान प्रबंधन समितियों को यह अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। गौठान प्रबंधन समितियों द्वारा इस राशि के उपयोग के संबंध में कृषि विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

राज्य शासन द्वारा नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के अंतर्गत संचालित गौठानों के रखरखाव और संचालन हेतु बालोद जिले के 94 गौठानों के लिए 37 लाख 60 हजार रूपए, बलौदाबाजार-भाटापारा के 87 गौठानों के लिए 34 लाख 80 रूपए, बलरामपुर-रामानुजगंज के 73 गौठानों के लिए 29 लाख 20 हजार रूपए, बस्तर के 63 गौठानों के लिए 25 लाख 20 हजार रूपए, बेमेतरा के 70 गौठानों के लिए 28 लाख रुपये, बीजापुर के सात गौठानों के लिए दो लाख 80 हजार रूपए, बिलासपुर के 72 गौठानों के लिए 28 लाख 80 हजार रूपए, दंतेवाड़ा के 21 गौठानों के लिए आठ लाख 40 हजार रूपए, धमतरी के 71 गौठानों के लिए 28 लाख 40 हजार रूपए, दुर्ग 156 गौठानों के लिए 62 लाख 40 हजार रूपए, गरियाबंद के 48 गौठानों के लिए 19 लाख 20 हजार रूपए, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 26 गौठानों के लिए दस लाख 40 हजार रूपए, जाँजगीर-चाम्पा के 150 गौठानों के लिए 60 लाख रूपए और जशपुर के 64 गौठानों के लिए 25 लाख 60 हजार रूपए जारी किए गए हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा काँकेर जिले के 130 गौठानों के लिए 52 लाख रूपए, कबीरधाम के 75 गौठानों के लिए 30 लाख रूपए, कोण्डागाँव के 23 गौठानों के लिए नौ लाख 20 हजार रूपए, कोरबा के 149 गौठानों के लिए 59 लाख 60 हजार रूपए, कोरिया के 59 गौठानों के लिए 23 लाख 60 हजार रूपए, महासमुन्द के 79 गौठानों के लिए 31 लाख 60 हजार रूपए, मुंगेली के 80 गौठानों के लिए 32 लाख रूपए, नारायणपुर के 25 गौठानों के लिए दस लाख रूपए, रायगढ़ के 145 गौठानों के लिए 58 लाख रूपए, रायपुर के 119 गौठानों के लिए 47 लाख 60 हजार रूपए, राजनांदगाँव के 125 गौठानों के लिए 50 लाख रूपए, सुकमा के 28 गौठानों के लिए 11 लाख 20 हजार रूपए, सूरजपुर के 96 गौठानों के लिए 38 लाख 40 हजार रूपए तथा सरगुजा के 80 गौठानों के लिए 32 लाख रूपए की अनुदान राशि जारी की गई है।

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