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भारत,अध्ययनों के लिए अहम होगा 21 जून का सूर्यग्रहण, खुलेंगे कई राज

एक तरफ कई वैज्ञानिकों का दावा है कि सूर्य ग्रहण और कोरोना संक्रमण फैलने के बीच कोई कनेक्शन हो सकता है. तो वहीं, 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण अपने आप में कई वैज्ञानिक रहस्यों को समेटे हुए है. इस सूर्य ग्रहण का 6 घंटे लंबा वक्त इन रहस्यों से पर्दा हटाने में मदद करेगा. जी हां, वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्यादा वक्त मिलने से सूर्य ग्रहण के प्रभावों का अध्ययन करने मे मदद मिलेगी. इस लिहाज से यह सूर्यग्रहण आने वाले वक्त में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
बीएचयू के भौतिक विज्ञान विभाग के स्पेस फिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने सूर्यग्रहण को लेकर कई अहम जानकारी दीं. उन्होंने बताया कि इस बार 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण की खास बात यह है कि इसकी अवधि बहुत ज्यादा है. करीब 6 घंटे तक यह सूर्य ग्रहण प्रभावी रहेगा जिसकी वजह से पूरे विश्व में इसकी चर्चा है और इसका काफी अध्ययन भी हो रहा है. सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा, 12 बजकर 10 मिनट पर इसमें ‘रिंग ऑफ फायर’ दिखेगी और 3 बजकर 4 मिनट पर या सूर्यग्रहण खत्म हो जाएगा. इस तरह टोटल ड्यूरेशन लगभग 6 घंटे का रहेगा.

ऐसे दिखेगा सूर्यग्रहण

उन्होंने आगे बताया कि भारत में यह सूर्यग्रहण सुबह 10 बजे दिखना शुरू होगा. यह सूर्य ग्रहण राजस्थान से दिखाई पड़ना शुरू होगा फिर हरियाणा और दिल्ली के बाद उत्तराखंड फिर नेपाल में चला जाएगा. इसके बाद यह चीन चला जाएगा. अगर पूरी दुनिया की बात करें तो यह अफ्रीका से शुरू हो रहा है. जहां सबसे पहले यह यूथोपिया में दिखेगा और 100 फीसदी दृश्यमान होगा. जिसके बाद ये दक्षिण पाकिस्तान में दिखाई पड़ेगा जहां से यह भारत के राजस्थान में इंटर करेगा.
लोगों पर ऐसा पड़ सकता है प्रभाव

उन्होंने सूर्यग्रहण से लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो इससे मैग्नेटिक प्रभाव पड़ता है. पृथ्वी और चंद्रमा से ज्वार भाटा उठने लगते हैं और तीनों एक सीध में आ जाते है जिसके चलते चुंबकीय तरंगें पैदा होने लगती हैं. इन तरंगों की वजह से कुछ लोगों में मानसिक बेचैनी हो सकती है. सुस्ती भी आ सकती है. इसका सबसे बुरा प्रभाव आंखों पर पड़ता है.

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