जिला स्तर पर ,”अहा क्षण”में दुर्गेश कुमार साहू ने बताये, दिशाहीन बालक से उत्कृष्ट बनने की सच्ची प्रेरणास्पद पल

जिला स्तर पर ,”अहा क्षण”में दुर्गेश कुमार साहू ने बताये, दिशाहीन बालक से उत्कृष्ट बनने की सच्ची प्रेरणास्पद पल
दिनांक 16/06/2020 को कबीरधाम जिला स्तर पर,जिला शिक्षा अधिकारी के.एल.महिलांगे के मार्गदर्शन व पढ़ई तुंहर दुआर योजना के जिला नोडल अधिकारी यू.आर. चंद्राकर के संचालन में व एम.आई.एस.प्रशासक सतीश यदु के विशेष योगदान में”गुरु तुझे सलाम अभियान”के “अहा क्षण”के अंतर्गत कवर्धा विकासखण्ड के नोडल अधिकारी अनिल कुमार केशरवानी के संयोजन तथा कवर्धा विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम.एल.पटेला के निदेशन तथा एवं चींमागोंदी संकुल प्रभारी मनोज कुमार साहू की योजना अनुसार शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला-महराटोला के शिक्षक दुर्गेश कुमार साहू ने”अहा क्षण”के अंतर्गत दो मिनट में बताया कि, माता-पिता द्वारा अन्यंत्र रोजगार हेतु जाने की विवशता से बालक को दादी के पास अध्ययन हेतु छोड़कर जाने से बालक, अकेलापन महसूस कर, अपनी स्वाभाविक अभिव्यक्ति नहीं कर पाता था,अर्थात अपने माता-पिता से किसी पसंदीदा वस्तु को लेने की जिद या खुशी का इजहार करने,याने कि बालक अपनी खुशी या तकलीफ किसे और कैसे बांटें,मां साथ में होती तो ,डाॅंटकर-पुचकार कर,दुलार से उसे सच्चा ज्ञान देती व पिता प्यार कर,बालक की जरूरतें कैसे भी पूरी करता । माता-पिता का नियंत्रण नहीं है,तो अच्छे-बुरे का बोध ना होने से,बालक के मन में जो-जो आता ,वह वहीं करता -कोई टोकने वाला नहीं है अर्थात् “दिशाहीन बालक”।ऐसा ही एक बालक ,कक्षा शिक्षक दुर्गेश कुमार साहू के कक्षा छठवीं के अध्यापन काल में, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला-महराटोला में अध्ययन करने आया,दादी का प्यार कहें,या माता-पिता का अंकुश ना होने से बालक पढ़ाई में कमजोर था।वह लापरवाह, अनुशासनहीन व शर्ट के बटन खुले हुए या आलपिन लगाये,गंदे यूनिफार्म पहन ,बिखरे हुए बालों में बिना तेल लगाये स्कूल आना अपनी आदत बना लिया था,वह अपने साथियों से अक्सर लड़ते -झगडता रहता था । जिससे बच्चे उसे नापसंद करते व उसकी हमेशा शिकायत किया करते थे। शिक्षक दुर्गेश कुमार साहू ने बालक को सही राह में लाने बीड़ा उठाया और उस बालक के खूबियों की तलाश की। शिक्षक को कक्षा में अंग्रेजी सुलेख में चित्र भी बनाने देने के अभ्यास के दौरान ज्ञात हो गया कि बालक चित्रकला की प्रतिभा का धनी था,वह पेन से ही बेहतरीन चित्र बना लेता था ,शिक्षक दुर्गेश कुमार साहू ने उस बालक को प्रोत्साहित किया।बालक को अपने कार्य पर सराहना,अपनेपन व शिक्षक की सहानुभूति के अहसास से,शनै:शनै: अपनी गलतियां सुधार करते-करते,वह शिक्षकों का आज्ञाकारी, संयमित व्यवहार वाला व अनुशासित बनकर,अध्ययन में रूचि लेने लगा और उत्कृष्ट बन, सहपाठियों का प्रिय हो गया ,अर्थात् प्रत्येक बच्चे में प्रतिभा निहित होती है,उसे प्रोत्साहित करने पर,बच्चे उत्साहित व प्रफुल्लित हो जाते हैं, बच्चे का मन जीतकर,उनसे सही दिशा में जो कार्य करने देंगे ,वह कठिन परिश्रम से अवश्य ही करते हैं। शिक्षक दुर्गेश कुमार साहू पं.जवाहरलाल नेहरू नवोदय विद्यालय डोंगरगढ से विज्ञान विषय में बारहवीं अंग्रेजी माध्यम से तथा बी.एस.सी.-जीवविज्ञान विषय से , अंग्रेजी माध्यम से प्रथम श्रेणी व एम.ए.अंग्रेजी ,उत्तीर्ण हैं साथ ही एम.एड.(मास्टर आफ एजुकेशन) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण योग्यता रखते हैं। कवर्धा विकासखण्ड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला -घुघरीकला के शिक्षक रूपेश तिवारी ने भी अपने दो मिनट के “अहा क्षण”में अपने विद्यालय में शानदार गार्डनिंग करने तथा विद्यार्थियों को विज्ञान अध्ययन की सामग्री प्रदान कर, उन्हें प्रकृति के करीब ले जाकर, उनमें खोजी प्रवृत्ति की भावना विकसित कर, उनमें
विज्ञान के प्रति जुनून व रूचि उत्पन्न कर प्रोत्साहित करने की बात बताई। “पढई तुंहर दुआर” कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पालकों द्वारा,नियमित उपयोग व स्कूल शिक्षा विभाग के वेबसाईट के उपयोग को बढ़ावा देने
हेतु”गुरू तुझे सलाम अभियान”के तहत् संकुल से लेकर राज्य स्तर तक कार्यक्रम आयोजित हो रहें हैं। संकुल से विकासखंड तथा विकासखंड कवर्धा से जिला स्तर तक की विकासखंड स्तर पर संपूर्ण रुपरेखा सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व पढ़ई तुंहर दुआर के कवर्धा नोडल अधिकारी अनिल केशरवानी ने बनाई।