छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बीएसपी और सीआईएसएफ के तुगलकी फरमान से ट्रक ड्रायवरों में बेहद आक्रोश

कभी भी कर सकते हैं बोरिया गेट पर चक्का जाम

ट्रकों को माल खाली करने नही जाने दिया जा रहा संंयंत्र के अंदर,

ट्रांस्पोटरों को हो रहा लाखों रूपये का नुकसान

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के बोरिया गेट में पिछले दस दिनों से शहर के ट्रांस्पोर्टर और उनके ट्रक ड्रायवर सीआईएसएफ और बीएसपी प्रबंधन के एक तुगलकी फरमान से इन दिनों बेहद परेशान है। इस फरमान से इन ट्रांसपोर्टरों का जो ट्रकों में भरा माल है जिसे संयंत्र के अंदर खाली करना होता है, उसे लेकर आये दिन सीआईएसएफ और ट्रांस्पोर्टरों के ड्रायवरेां के बीच तू तू मैं मैं होना आम बात हो गई है। इस मामले में सीआईएसएफ का कहना है कि लोडेड ट्रक प्लांट भीतर तभी जायेगा जब गाडी में हेल्पर होगा, तभी हम ट्रक को संयंत्र के भीतर जाने देंगे, तो कभी गेटपासका इश्यू बनाकर ट्रक ड्रायवरों को परेशान किया जा रहा है। इससे पूर्व भी सीआईएसएफ के जवानों द्वारा गाडियों को भीतर जाने की अनुमति दी जाती रही है, चाहे गाडी में हेल्पर हो या न हो। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ऐशिया के सबसे बडे भिलाई इस्पात संयंत्र में सीआईएसएफ द्वारा इस तरह की कार्यवाही से जहां एक ओर ट्रांस्पोर्टर एवं अन्य लोग बडी परेशानी का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर केन्द्र में बैठी भाजपा की सरकार के गृहमंत्रालय के अधीन आने वाली सीआईएसएफ को किसी का भी कोई खौफ नजर नही आ रहा है, वह सिर्फ अपना ही राग अलाप रही है कि ट्रक में हेल्पर होगा तभी गाड़ी संयंत्र के अंदर जायेगी नही तो हम जाने नही देंगे।

सीआईएसएफ व बीएसपी प्रबंधन के इस फरमान से हो रही बेहद परेशानियों को संयंत्र के लिए माल लोड लेकर आने वाले ट्रक के सुपरवाईजर आशीष सिंह ने बताया कि आज के दौर में बहुत ही मुश्किल से ट्रक चलाने के लिए ड्रायवर मिलते हैं, हेल्पर हम कहां से खोज कर लाये। सीआईएसएफ के इस फरमान से हम बेहद दुखी है, बीएसपी प्रबंधन भी हमारी बातों को नजरअंदाज कर रही है, इसके कारण दो सौ से अधिक लोडेड ट्रक बोरिया गेट के पास खड़ी है। यही स्थिति रही तो हम मटेरियल को बोरिया गेट डिस्पोजल और रोलिंग मिल के भीतर गाड़ी नही जाने देंगे और जरूरत पडी तो हम यहां चक्काजाम करने से पीछे नही हटेंगे। वहीं दूसरी ओर सुपरवाईजर अखिलेश तिवारी ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन मनमानी कर रहा है। बिना हेल्पर के गाडी नही जाने दिया जा रहा है। सीआईएसएफ एवं बीसपी प्रबंधन के इस फरमान के कारण हमें लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसके अलावा हमारे समय की बर्बादी हो रही है। हमारी गाडिय़ा यहां खड़ी है, कई गाडिय़ो किश्त पर है, हमे हो रहे नुकसान की आखिर भरपाई कौन करेगा? यदि बीएसपी प्रबंधन इस मामले को हल नही करती है तो हमें मजबूर होकर अब यहां चक्काजाम करना पड़ेगा।

यहां यह बताना लाजिमी है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में   पिग आयरन, कोयला, कच्चा लोहा, आयरन ओर सहित अन्य बीएसपी में उत्पादन के लिए कार्य आने वाले अतिआवश्यक सामग्री ट्रको में लोड कर संयंत्र के अंदर पहुंचाने तक की सारी प्रक्रिया ग्लोबल टेण्डर के माध्यम से हो जाता है, इसके अलावा इन सामग्रियों को लोड कर यहां पहुंचाने तक बिल्टी से लेकर सभी कागजात पूर्ण की जाती है, इसके बावजूद भी बीएसपी प्रबंधन एवं सीआईएसएफ द्वारा ट्रको को संयंत्र के अंदर बिना हेल्पर नही जाने देना न्याय संगत नही है। आखिर संयंत्र के भीतर ट्रकों को जाने से रोकने की पीछे इनकी मंशा क्या है? यह समझ से परे हैं। इसको लेकर अब शहर में कई तरह की चर्चाएं चल रही है।

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