कोरोना से परिवार तबाह! ICU में बेड के इंतजार में मां की मौत, टॉयलेट में मिली दादी की सड़ी लाश -Mom Dies off corona Waiting for ICU Bed and Grandmas Body Found in Toilet | nation – News in Hindi
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8 दिनों बाद दादी का शव अस्पताल के बाथरूम में पड़ा मिला.
हर्षल के पिता भी कोरोना (Coronavirus) से संक्रमित हैं और नाशिक के एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. कोई भी उनकी मां और दादी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका.
बेहद शर्मनाक! हॉस्पिटल की लापरवाही
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सबसे पहले हर्षल नेहटे की मां ने आईसीयू में बेड मिलने के इंतजार में दम तोड़ दिया. उनके मुताबिक जलगांव के हॉस्पिटल में उनकी मां को आईसीयू में बेड के लिए 6 घंटा का लंबा इतज़ार करना पड़ा. इसी दौरान उनकी मौत हो गई.
हर्षल की 80 वर्षीय दादी की मौत की खबर तो और भी दर्दनाक है. उन्हें 1 जून को जलगांव के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जांच में पाया गया कि वह कोरोना संक्रमित हैं. इस घटना के दूसरे ही दिन यानी 2 जून को वे अस्पताल से कहीं गायब हो गईं. थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. 8 दिनों बाद उनका शव अस्पताल के बाथरूम में पड़ा मिला. आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि शव की क्या हालत हुई होगी.तबाह हुआ परिवार
32 साल के हर्षल अपने परिवार की हालत देखकर टूट चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं सोचता हूं तो कांप जाता हूं. वो कैसे अकले चलकर गई होंगी टॉयलेट तक? वो तो ठीक से चल भी नहीं पाती थी.’ हर्षल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव हैं और पुणे में काम करते हैं. उनकी पत्नी 9 महीने की प्रेगनेंट हैं. उनके पिता भी कोरोना से संक्रमित हैं और नाशिक के एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. कोई भी उनकी मां और दादी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका.
मौत का ज़िम्मेदार कौन?
परिवार बेहद गुस्से में है. उनका कहना है कि सरकारी नियमों के चलते उन्हें अपने परिवार के सदस्यों को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि उनकी मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? जलगांव के डीएम अविनाश डांगे का कहना है कि ये काफी गंभीर मामला है. अस्पताल के बाथरूम दिन में 2 से 3 बार साफ किए जाते थे. ऐसे में किसी ने बाथरूम में में महिला को कैसे नहीं देखा.
5 स्टाफ सस्पेंड
बुधवार देर रात हॉस्पिटल के पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया, जिसमें अस्पताल के डीन डॉक्टर बीएस खैरे भी शामिल हैं. मेडिकल एजुकेशन के सचिव संजय मुखर्जी ने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जलगांव के इस हॉस्पिटल में कोई इंतजाम नहीं है. करोना वॉर्ड में किसी को जाने की भी मनाही नहीं है. जबकि जलगांव में महाराष्ट्र के बाकी शहरों के मुकाबले मौत की दर काफी ज्यादा है.
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First published: June 11, 2020, 12:52 PM IST