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एसिंप्टोमेटिक मरीजों से कोरोना फैलने का खतरा बेहद कम: WHO_who says coronavirus spread from asymptomatic people Very Rare knowat | nation – News in Hindi

एसिंप्टोमेटिक मरीजों से कोरोना फैलने का खतरा बेहद कम: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन अध्यक्ष टेडरॉस एडनॉम ने तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों पर चिंता जाहिर की है.

WHO की एपिडेमियोलॉजिस्ट मारिया वैनकेरखोवे का कहना है कि कई देशों में कोरोना की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है. नए मामलों में आधे से ज्यादा एसिंप्टोमेटिक मिल रहे हैं. लेकिन इऩ संक्रमितों से संक्रमण दूसरे लोगों में फैलने के मामले बहुत ही रेयर हैं.

दुनियाभर में कोरोना के रोगियों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) संक्रमितों से महामारी फैलने का खतरा बहुत ही कम है. WHO की एपिडेमियोलॉजिस्ट मारिया वैनकेरखोवे का कहना है कि कई देशों में कोरोना की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है. नए मामलों में आधे से ज्यादा एसिंप्टोमेटिक मिल रहे हैं. लेकिन इऩ संक्रमितों से संक्रमण दूसरे लोगों में फैलने के मामले बहुत ही रेयर हैं. गौरतलब है कि समाचार एजेंसी रायटर से बातचीत में सिंगापुर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि उनके यहां नए मामलों में आधे से ज्यादा एसिंप्टोमेटिक हैं.

WHO की तरफ से आया ये ताजा बयान पहले से चल रही खबरों के उलट है. मार्च और अप्रैल महीने में जब विभिन्न देशों में एसिंप्टोमेटिक मामलों की संख्या बढ़ी थी तब माना गया था कि ऐसे संक्रमितों की वजह से महामारी तेजी से फैल रही है. एसिंप्टोमेटिक रोगियों को लेकर चीन पर भी निशाना साधा गया था. क्योंकि शुरुआत में चीन में वुहान में एसिंप्टोमेटिक रोगियों को कोरोना लिस्ट में शामिल ही नहीं किया गया था. बाद में चीन ने एक और लिस्ट जारी कर इऩ लोगों को भी शामिल किया था. लेकिन अब WHO की तरफ से आए बयान में साफ किया गया है कि एसिंप्टोमेटिक रोगियों से कोरोना फैलने के मामले बेहद कम हैं. संभव है कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के इस बयान के बाद देशों की तरफ से प्रतिक्रिया दी जा सकती है.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के रोल पर सवाल खड़े किए गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे लेकर सीधा हमला बोला था. उन्होंने साफ कहा था कि WHO चीन के प्रभाव में काम कर रहा है. अमेरिका ने WHO को दी जाने वाली बड़ी फंडिंग पर भी रोक लगा दी है. हालांकि अमेरिका के ऐसे करने के कुछ ही दिनों बाद चीन ने WHO को बड़ी फंडिंग का वादा कर दिया. चीन के इस कदम से अमेरिका के आरोपों को और बल मिला है.

यही नहीं मास्क के इस्तेमाल को लेकर भी WHO की गाइडलाइंस पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. गौरतलब है कि जनवरी महीने में चीन में कोरोना फैलने के बाद से ही WHO ने मास्क के इस्तेमाल पर बहुत जोर नहीं दिया था. हाल ही में संगठन ने मास्क को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है. लेकिन इसमें भी संगठन की तरफ से साफ कहा गया है कि कोरोना से बचाव में सिर्फ मास्क के भरोसे नहीं रहा जा सकता है.कोरोना के कुल रोगियों की संख्या 71 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है. अब तक इस महामारी से दुनिया में चार लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में संक्रमित हुए हैं. देश में कुल संक्रमतों की संख्या 20 लाख से ऊपर है. सात लाख से ज्यादा संक्रमितों के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर है. ब्राजील इस वक्त दुनिया में कोरोना का हॉटस्पॉट है. इसे लेकर भी WHO ने चिंता जाहिर की है.
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First published: June 9, 2020, 7:05 AM IST



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