छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र में कियागया कोविड के साथ भी, कोविड के बादविषय पर वेबिनार

BHILAI । कोविड के इस जंग में एक बात सामने आई है, इस जंग को जारी रखते हुए हमें जीना पड़ेगा…जीवनशैली मे परिवर्तन लाना होगा। ताकि हम कोविड के शिकार न बने। सावधानी के तहत -सोशल  डिस्टेन्सिंग, मास्क – नए जीवन शैली के अभिन्न अंग हो जायेंगे। ये विचार  अनिर्बान दासगुप्ता, निदेशक परियोजनाएं तथा बिसिनेस प्लानिंग एवं सी.ई.ओ. भिलाई इस्पात सयंत्र, ने नरकास स्तरीय वेबिनर के उद्घाटन सत्र में, अपने उद्बोधन मे रखी। इस दौरान, श्री दासगुप्ता ने इस कठिन दौर में कैसे सभी सुरक्षा मापदंडो को ध्यान मे रखते हुए कार्य को अंजाम दिया गया, उस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की सभी कार्मिकों को हैण्ड सेनीटैजेर, मास्क का वितरण किया गया एवं सोशल डिस्टेन्सिंग को पालन करते हुए उत्पादन को बनाया रखा।

इस वेबिनर का आयोजन सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सेट), भिलाई उप केंद्र ने किया था। वेबिनर का विषय था कोविड के साथ भी, कोविड के बाद भी अनिर्बान दासगुप्ता, इस नरकास स्तरीय वेबिनर के मुख्य अतिथि थे। इस वेबिनर की अध्यक्षता जगदीश अरोरा, कार्यपालक निदेशक, सेट,  ने की। श्री हरीश सिंह चौहान, सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) एवं कार्यालयाध्यक्ष, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।

वेबिनर के अध्यक्ष  जगदीश अरोरा ने अपने संबोधन में बताया की सेट द्वारा कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन को चुनौती की तरह लेते हुए कार्यों को सुगमतापूर्वक निर्वहन करने के लिए विभिन्न उपाय किये गए। जनवरी माह में सेट द्वारा डिजिटल वर्किंग की दिशा में उठाए गए कदमों का कोविड काल में बहुत लाभ मिला। इनमें प्रमुख रूप से इन्टरनेट के माध्यम से कार्यालय मे उपलब्ध ड्राइंग और डॉक्यूमेंट तक लोगों को आसानी से पहुँच मिल सके। इसके अलावा , लॉकडाउन के दौरान, लोगों के उत्साहवर्धन के लिए कई वेबिनर भी किये गए।

हरीश सिंह चौहान, सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) एवं कार्यालयाध्यक्ष, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, ने इस वेबिनर को राष्ट्रीय स्तर का बताया। उन्होंने खुशी जाहिर की, कि बिना किसी आदेश व निर्देश के सेट ने ये वेबिनर का आयोजन किया, और यह एक अभिनव कदम है। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के लिए भी अनुकरणीय सिद्ध होगा। उदघाटन सत्र में, सेट भिलाई उप केंद्र के मुखिया, मुख्य महाप्रबंधक, श्री श्रवण कुमर वर्मा ने अतिथियों/प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड की इस चुनौती को सामना करने के लिए नयी प्रणाली की जरूरत है। हर संगठन की अपनी चुनौती थी और हम एक दुसरे से साझा कर सीखेंगे। उदघाटन सत्र के अंत में श्री सौरभ कुमार राजा, महाप्रबंधक, सेट ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा वेबिनर मे जुड़े सभी लोगों को अगले सत्र की जानकारी दी।

यह नरकास स्तरीय वेबिनर दो सत्रों मे आयोजित किया गया था। उद्घाटन सत्र के तुरंत बाद तकनीकी सत्र था. तकनीकी सत्र में नरकास दुर्ग भिलाई की विभिन्न संगठनों ने अपने विचार रखे। कैसे उनकी संगठन ने इस कोविड की चुनौती का सामना किया, क्या कदम उठाये गए, और आगे क्या करते रहेंग।. नरकास की 17 संगठनों ने प्रस्तुतीकरण अथवा मौखिक विचार प्रस्तुत किये।

आयोजक संस्थान सेट के अलावा नरकास के अन्य संगठन जिन्होंने इस वेबिनर में भाग लिया, उनमे 9सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम थे -जैसे भिलाई इस्पात संयंत्र, एन.एस.पी.सी.एल.,एफएसएनएल, सेल रिफ्रैक्टरी यूनिट, केन्द्रीय विपणन संगठन, पॉवर ग्रिड कर्पोरेशन लिमिटेड, मेकॉन, आर.डी.सी.आई.एस., और राईट्स. केंद्र सरकार के  5 संस्थान थे – जवाहर नवोदय विद्यालय, भारतीय डाक तार विभाग, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केन्द्रीय ऑडिट संगठन, एवं बी.एस.एन.एल। इनके अलावा बैंकिंग क्षेत्र से बैंक ऑफ बड़ोदा, और बीमा क्षेत्र से यूनाईटेड इण्डिया एस्योरंस भी शामिल थे।

तकनीकी सत्रकी अध्यक्षता बी एम् राजन, महाप्रबंधक तथा बिसिनेस हेड, एनएसपीसीएल ने की. उन्होंने इस सत्र की भूमिका बनाते हुए विद्युत् आपूर्ति की क्षेत्र मे जो चुनौतियाँ आई, और एनएसपीसीएल ने कैसे उनका सामना किया, इस बारे मे विस्तार से बताया।

भिलाई इस्पात संयंत्र के श्री सत्यवान नायक ने सयंत्र द्वारा इस चुनौती से निपटने के लिए एवं कार्मिकों के मनोबल बनाये रखने के लिए किये गए उपायों पर प्रकाश डाला।

इनके अलावा एफ.एस.एन.एल. से  छगनलाल नागवंशी, मेकॉन से श्री अमित सिंह, जवाहर नवोदय विद्यालय से श्रीमती मंजू तिवारी, आर.डी.सी.आई.एस. से श्री पी.के. ठाकुर, भारतीय डाक तार विभाग से श्री लोकपाल सिंह साहू, पॉवर  ग्रिड कर्पोरेशन लिमिटेड से सुश्री अपर्णा, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल से  श्री टी.एस. परस्ते, सेल रिफ्रैक्टरी यूनिट से चन्दन सिंह, राईट्स से श्री क्रिश्नात्रय, केन्द्रीय ऑडिट से श्री राकेश कुमार, केन्द्रीय विपणन से प्रशांत तिवारी और बी.एस.एन.एल. से श्रीमती अनुराधा धनांक ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

तकनीकी सत्र के अंत में डॉ बी एम तिवारी, पूर्व राजभाषा अधिकारी, भिलाई इस्पात सयंत्र ने पूरे सत्र का सार संक्षेप प्रस्तुत किया. श्री आशीष शुक्ला, उप महाप्रबंधक, सेट ने अंत मे धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पारामिता महंती, उप महाप्रबंधक, सेट तथा राजभाषा अधिकारी ने किया।

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