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Operation Sindoor on Pakistan: हैमर बम और स्कैल्प मिसाइल जैसे हथियारों ने आधी रात पाकिस्तान में मचाई तबाही, जानिए क्या है इनकी खासियत

Operation Sindoor on Pakistan. Image Source- IBC24 Archive

नई दिल्लीः Operation Sindoor on Pakistan: भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है। पाकिस्तान के 9 आंतकी ठिकानों को भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक के जरिए नेस्तनाबूद कर दिया है। ये हमले मंगलवार-बुधवार रात डेढ़ बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बहावलपुर, मुरीदके, बाघ, कोटली और मुजफ्फराबाद में किए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहावलपुर में एयर स्ट्राइक के बाद 30 लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के सबक सिखाने के लिए राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अत्याधुनिक और सटीक गोला-बारूद का उपयोग किया, जो न्यूनतम नागरिक क्षति के साथ अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करता है। तो चलिए जानते हैं इन हथियारों के बारे में..

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हैमर मिसाइल

Operation Sindoor on Pakistan: यह मिसाइल अपने नाम की तरह ही वार करती है। 20 से 70 किमी की रेंज वाली यह मॉड्यूलर स्मार्ट बम प्रणाली है। यह GPS, लेजर और थर्मल गाइडेंस के जरिए अपने टारगेट को बिल्कुल सटीकता से तबाह करती है। 1000 किलोग्राम का वेरिएंट विशेष रूप से बंकरों को तोड़ने के लिए तैयार किया गया है।

  • हैमर का फुल फॉर्म ‘हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज है। एक मध्यम श्रेणी की एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल है।
  • हैमर मिसाइल लगभग 60-70 किलोमीटर की रेंज तक, किसी भी प्रकार के लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है।
  • मिसाइल की लंबाई 3 मीटर और वजन 330 किलोग्राम है।
  • यह मिसाइल ऊंचे (पहाड़ी) स्थानों पर 60 किलोमीटर की दूरी और कम ऊंचाई वाली जगहों पर 15 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है।
  •  इसमें भी ‘दागो और भूल जाओ’ तकनीक काम करती हैं। अर्थात एक बार टारगेट को सेट करने के बाद इस पर नजर रखने की जरूरत नहीं है मिसाइल अपना निशाना स्वयं ढूंढ लेती है।
  • इंटरऑपरेबल मिसाइल कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने की क्षमता रखती है।
  •  यह हाई एक्यूरेसी के साथ निश्चित या गतिमान लक्ष्यों पर प्रहार भी कर सकती है। इस मिसाइल की रखरखाव लागत भी कम है।
  • जीपीएस और इंफ्रारेड तकनीक से लैस यह मिसाइल रात और दिन के दौरान सभी मौसमों में काम कर सकती है। इसमें वर्टिकल स्ट्राइक क्षमता भी है।
  •  इसमें एक अच्छी बात यह है कि हैमर मिसाइल को 20 किमी से 70 किमी की रेंज से भी चलाया जा सकता है अर्थात इसे लांच करने वाला एयरक्राफ्ट, दुश्मन की एयर डिफेन्स सीमा में घुसे बिना ही हमला कर सकता है।

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स्कैल्प मिसाइल

SCALP एक डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइल हैं, जो हवा से जमीन पर घातक वार करने में सक्षम है। यह दुश्मन के इलाके में अंदर तक घुसकर लक्ष्य को भेदने में अचूक है। यह करीब 300 किलोमीटर दूर तक जाकर दुश्मन को ढेर कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अलग-अलग एयरफील्ड से स्कैल्प मिसाइल से लैस विमानों ने उड़ान भरी और भारतीय एयरस्पेस में रहकर ही आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया। स्कैल्प मिसाइलें 5 मीटर से ज्यादा लंबी और 63 सेमी व्यास की होती हैं। इनका वजन 1300 किलोग्राम होता है और इनका पेलोड 450 किलोग्राम होता है, जो इन्हें हमले वाली जगह पर 30 मीटर तक गहरे गड्ढे बनाने में सक्षम बनाता है। बताया जा रहा है कि इन गाइडेड मिसाइलों से भारत ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के मुख्यलयों पर भी हमला किया है।

स्कैल्प मिसाइल की विशेषताएं:

  • रेंज: 250-560 किमी (लॉन्च की ऊंचाई के आधार पर)। कुछ स्रोतों के अनुसार यह 600 किमी तक हो सकती है।
  • गति: सबसोनिक, Mach 0।8 (लगभग 1,000 किमी/घंटा)
  • वजन: लगभग 1,300 किग्रा, जिसमें 450 किग्रा का विस्फोटक वारहेड
  • मार्गदर्शन प्रणाली: GPS और नेविगेशन: सटीक मार्ग निर्धारण
  • इन्फ्रारेड सीकर: लक्ष्य की थर्मल छवि के आधार पर अंतिम चरण में मार्गदर्शन
  • टेरेन रेफरेंस नेविगेशन: इलाके की विशेषताओं के आधार पर उड़ान, जो रडार से बचने में मदद करता है।
  • उड़ान ऊंचाई: 100-130 फीट की कम ऊंचाई पर उड़ान, जो इसे रडार से बचाने में सक्षम बनाती है। लक्ष्य के पास यह 6,000 मीटर तक चढ़ती है और फिर सीधा गोता लगाकर हमला करती है।

राफेल विमान

राफेल हवा से हवा, हवा से जमीन पर हमले के साथ परमाणु हमला करने में सक्षम होने के साथ-साथ बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है। इतना ही नहीं इस विमान में ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम लगा है और लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह विमान इलेक्ट्रानिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में दुश्मन की पोजीशन खोज लेता है। इसके अलावा यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है और नजदीकी लड़ाई के दौरान एक साथ कई टारगेट पर नजर रख सकता है। यह जमीनी सैन्य ठिकाने के अलावा विमानवाहक पोत से भी उड़ान भरने में सक्षम है।

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राफेल की खासियत

  • 50 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ पाने में सक्षम।
  • न्यूक्लियर अटैक और एंटी शिप स्ट्राइक कर पाने में सक्षम।
  • मिड एयर रिफ्यूलिंग और एडवांस रडार टेक्नोलॉजी की सुविधा।
  • कम स्पेस में लैंड कर पाने में सक्षम है राफेल।
  • राफेल 9 टन तक का हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • 10 घंटे तक की फ्लाइट डेटा को राफेल रिकॉर्ड कर सकती है।
  • हवा से हवा में मार करने वाली, जहाज रोधी और SCALP सटीक प्रहार करने वाली मिसाइल सिस्टम से लैस है।

 

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