लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेसी और भाजपाई हुए सक्रिय

दोनो पार्टियां अपने अपने पक्ष में बनाने लगे अभी से माहौल
भिलाई । दुर्ग लोकसभा चुनाव के लिए अभी आचार संहिता नही लगा है, लेकिन मई में होने वाले वाले लोकसभा चुनाव के लिए अभी से कांग्रेसी और भाजपाई अपने अपने पाटी के जीत के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिये है। इसके लिए वे अभी से चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं। जहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तर्ज पर संकल्प शिविरों के जरिए माहौल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ मेरा घर भाजपा का घर अभियान का सफल बनाने प्रदेश की विपक्षी पार्टी के नेता जुटे हुए हैं। भाजपा ने अपने मेरा घर भाजपा का घर अभियान की शुरूआत 12 फरवरी को किया है। यह अभियान 2 मार्च तक चलाया जाना है।
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 3 मार्च को कांग्रेस की ओर से विधानसभावार संकल्प शिविर का आयोजन किया जाना है। इसके लिए सत्ता व संगठन मिलकर तैयारी कर रही है। इन शिविरों में कार्यकर्ताओं को चुनावी गतिविधियों से प्रशिक्षित किया है। कांग्रेस का संकल्प शिविर लगाकर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का अभियान विधानसभा चुनाव में बेहद कारगर साबित हुआ है। अब एक बार फिर इसी सफल अभियान का लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस अपना रही है। दूसरी तरफ भाजपा ने अपने राष्टीय नेतृत्व के मेरा घर भाजपा का घर अभियान को दुर्ग लोकसभा में सफल बनाने सक्रियता शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत घर-घर भाजपा का झंडा लगाने के साथ ही लोगों को भाजपा की विचारधारा से जोडऩे की तैयारी है। दुर्ग लोकसभा भाजपा की राष्टीय महासचिव सुश्री सरोज पाण्डेय का गृह जिला होने से मेरा घर भाजपा का घर अभियान को जैसी सफलता मिलनी चाहिए फिलहाल वैसा नजर नहीं आया है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि दुर्ग लोकसभा पिछले कुछ चुनावों सफलता दर सफलता के चलते भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुकी थी। लेकिन पिछली बार मोदी लहर के बावजूद यहां से सुश्री सरोज पाण्डेय को भाजपा प्रत्याशी के रूप में पराजय का सामना करना पड़ा था। भाजपा के इस अभेद गढ़ को कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने ढहा दिया था। लेकिन इस बार जो राजनीतिक परिस्थितियां है, उसके मुताबिक दुर्ग लोकसभा में भाजपा व कांग्रेस के नए प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होना तय है।
टिकिट के दौड में प्रतिमा, राजेन्द्र, बघेल और बेलचंदन प्रमुख दावेदार
कांग्रेस से राजेन्द्र साहू और प्रतिमा चंद्राकर के नाम की चर्चा है, वहीं भाजपा से विजय बघेल व प्रीतपाल बेलचंदन को दुर्ग लोकसभा के लिए टिकट का दावेदार माना जा रहा है। लेकिन चुनाव का बिगुल बजने से पहले फिलहाल दोनों ही पार्टी अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं।
धरातल पर कांग्रेस बजबूत
दुर्ग लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जमीनी स्तर पर कांग्रेस की स्थिति बेहद मजबूत है। नौ में से आठ विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा होना इसका प्रमाण है। इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, सामान्य प्रशासन मंत्री रविन्द्र चौबे तथा पीएचई मंत्री गुरू रूद्र कुमार का इलाका होने से भी कांग्रेसी कार्यकर्ता खासे उत्साहित है। जिस तरीके से 3 मार्च को होने वाली संकल्प शिविरों को लेकर विधायकों में गंभीरता दिख रही है, और कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते बन रहा है, उससे कांग्रेस को अति आत्मविश्वास से बच कर रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी पड़ेगी।
भाजपा में कलस्टर प्रभारी मूणत का विरोध
भाजपा ने दुर्ग लोकसभा में जीत का परचम लहराने पूर्व मंत्री राजेश मूणत को जिम्मेदारी देकर कलस्टर प्रभारी बनाया है। इसकी घोषणा होते ही जिला संगठन में विरोध के स्वर उभरने लगे। लेकिन प्रदेश संगठन ने न तो अपना निर्णय बदला और न ही राजेश मूणत ,यहां अब तक आए हैं। उनके नीचे संयोजक बनाए गए प्रहलाद रजक जरूर एक बार आकर बैठक ले चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम से जो निराशा कार्यककर्ताओं में छायी है उसे दूर करने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है। ऐसे में भाजपा को कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की स्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई है।