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संत वही है, जो मन को तृप्त और जिज्ञासाओं को शांत करें इसीलिए मानव जन, सत्संग की शरण में संतों के समीप जाते हैं :- संत राम बालक दास

छत्तीसगढ़ बालोद :- संत वही है, जो मन को तृप्त और जिज्ञासाओं को शांत करें इसीलिए मानव जन, सत्संग की शरण में संतों के समीप जाते हैं, कोरोना महामारी में लोक डाउन और सामाजिक दूरी के चलते विगत 3 महीनों से सत्संग के लाभ से सभी वंचित है, परंतु बालोद जिला के पाटेश्वर धाम में, विगत 46 दिनों से बाल योगेश्वर संत राम बालक दास जी द्वारा प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग सीता रसोई ग्रुप में सुबह 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 प्रतिदिन संचालित किया जाता है, ऑनलाइन सत्संग में देशव्यापी संत सीधे जुड़ कर, अपनी वाणी प्रस्तुत करते हैं, जिससे भक्त एवं साधक अभिभूत हो अपने को धन्य करते हैं विभिन्न ज्ञान पूर्ण चर्चा द्वारा साधक अपनी जिज्ञासाओं को शांत करते हैं|

आज बाबा जी ने ग्रुप में उन गुणों से सभी को अवगत कराया जिससे नर, नारायण रूप को प्राप्त कर सकता है, रामचरितमानस में कहां गया है कि ज्ञान, गिरा, गोतीत, अज, माया, गुण, गो, इन 7 चीजों से जो परे है, वहां सच्चिदानंद ब्रह्म, स्वयं ईश्वर है, यदि हमें भी भगवान की गति को प्राप्त करना है नर तन पाकर तो उपरोक्त 7 चीजों से परे जाना होगा, तथा सच्चिदानंद ब्रह्म अर्थात, सत्य, चित्, आनंद इन तीन गुणों से युक्त होना होगा , सर्वप्रथम हम इन 7 शब्दों को समझने का प्रयत्न करते हैं, गोतीत का अर्थ है इंद्रियों में आसक्त रहने वाली वृत्ति से परे, देह अभिमान से दूर होना, अज का अर्थ है पशु मूर्खता से परे, माया का अर्थ है मोह ना रखते हुए कार्य करना अपनी जिम्मेदारियों को समझ कर कार्य करना,यहां पर गुण से परे का अर्थ है, निर्गुण ब्रह्म, गो से परे का अर्थ है इंद्रियों से परे इस प्रकार जो इन सब सात चीजों से परे हो सच्चिदानंद अर्थात सत, चित, आंनद को प्राप्त करता है वह ब्रह्म स्वरूप हो जाता है, इसका उदाहरण स्वयं भगवान नर रूप में जब प्रकट होते हैं तो वे भी नर की सीमाएं और मर्यादा में रहकर ही अपने सत कर्मों के द्वारा उचित आदर्श प्रस्तुत कर सभी को इसका उदाहरण प्रस्तुत करते हैं यदि नर इन 7 गुणों के परे हो जाए और सच्चितानंद गुणों को अपने में लीन कर ले तो वह भी नर से नारायण बन सकता है जैसे प्रभु श्री राम जी ने, प्रभु श्री कृष्ण जी ने इन उदाहरणों को धरती पर आकर नर रूप में प्रस्तुत किया था |
भोपाल से जागेश भटेरे जी, ने आज समाज में चल रहे कुत्ता पालन पर, विचारों को प्रकट करने की विनती बाबाजी से की, जिसमें कुत्तों की स्वामी भक्ति का विचार जागेश भटेरे जी ने प्रस्तुत किया
बाबा जी ने इस बिंदु पर अपने कथन स्पष्ट किए की, पूर्व समय पर जब घरों में कुत्ता पाला जाता था, तो वह केवल सुरक्षा की दृष्टि से ही रखा जाता था, उस समय घर के बाहर द्वार पर उसका स्थान निश्चित होता था, उसका स्वामी उसे एक निश्चित समय पर ही हाथ लगाता एवं सहलाता था वह भी स्नान पूर्व, परंतु आजकल भारतीय संस्कृति से हटकर, पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव अत्यधिक हो गया है, लोग अपने घरों के अंदर कुत्ता पालने लगे हैं, जो उनके शयनकक्ष पूजा घर रसोई घर तक जा सकता है, उनके साथ उठता बैठता खाता है, सोफे पर बैठता है घरों में पूरा दिन घूमता रहता है, यह सर्वदा अनुचित है, कुछ लोग विचार रखते हैं कि वहां तो शोच आदि क्रिया बाहर जाकर करता है इससे वह शुद्ध हो जाता है लेकिन यह विचार गलत है, कुत्ते में बहुत से अशुद्धियां पाई जाती है, एवं कई प्रकार के कीटाणु भी उसमें होते हैं, हमारे पुराण में कहा गया है कि घर में बनने वाली प्रथम रोटी गाय की और आखरी रोटी एवं जूठन कुत्ते के लिए होता है,
गाय को छूकर जो हवा बहती है वह उस स्थान को शुद्ध कर देती है, और जब हवा कुत्ते से छूकर बहती है तो उसके अशुद्धियों को भी पूरे घर में लेकर आती है यदि आप कुत्ता पालन करते भी हैं तो उसका निश्चित स्थान सीमाएं तय होनी चाहिए, हमारी भारतीय संस्कृति में गाय घर के अंदर कुत्ता घर के बाहर होता है, परंतु आज इसका उल्टा है शहरों में यह सभ्यता, कुत्ते को घर में रखना एक बहुसभ्यता बन गया है
राजेंद्र दास जी महाराज जी ने तो बताया है कि जो कुत्ता पाले वह कुत्ता ही होता है, उसी प्रकार कुत्ते को मारने वाला भी कुत्ता ही होता है, |
…….. पवन गुप्ता जी चौकी ने प्रश्न किया कि: युधिष्ठिर का कुत्ते के साथ स्वर्गारोहण और द्रोणाचार्य के कुत्ते और भैरव मंदिर में भैरव के वाहन के रूप में भैरव मंदिर में कुत्ते की उपस्थिति पर कुछ दिशा निर्देश किजिये.. विनती है, इस विषय को बाबा रामबालक दास जी ने स्पष्ट किया कि, कुत्ते का भी सम्मान अवश्य किया जाता है परंतु उसका अधिकार केवल जूठन पर ही होता है इतने में ही वह अपनी वफादारी आपके लिए प्रस्तुत कर देता है उसे आप अपने घर से बाहर रखीये एवं जो अधिकार उसे ब्रह्म ने दिया है वही दीजिए, प्रकृति में हर पशु किसी ना किसी रूप में पूजनीय है, परंतु जो हमारे शास्त्रों में पालने योग्य हैं, हम उसी का ही लालन पालन करें|
तनु साहू रायपुर ने प्रश्न किया कि क्या घर में हम कछुआ पालन कर सकते हैं, बाबा जी ने स्पष्ट किया कि घर के अंदर कछुआ पालन नहीं किया जाता उसे किसी कुएं आदि में आप रख सकते हैं तथा वही जाकर उसे दाना आदि दिया करिए इसी प्रकार घर में मछली पालन भी नहीं करना चाहिए उसे भी आपको यदि दाना देना है तो तलाव आदी में जा कर दीजिए|
विद्याधर जी कालीमाटी मैनपुर ने गाय के साथ जो आज परिस्थितियां हुई है उस पर चिंतन व्यक्त किया उन्होंने बताया कि शहरों में जब तक गाय बछड़ा देती है और दूध देती है तभी तक उन्होंने घर पर रखा जाता है फिर उन्हें खुला छोड़ दिया जाता है जिससे वह दुर्घटना का शिकार हो जाती है वह गाय जिसका हर अंग हमारे लिए, कुछ ना कुछ उपयोगी वस्तु देता है उसके साथ आज ऐसा व्यवहार हो रहा है, बाबा राम बालक दास जी ने कहा कि आज यह दुर्भाग्य कि लोग गो पालक को छोटे वर्ग मजदूर किसान गांव की संस्कृति मानते हैं और कुत्ता पालन को पढ़े लिखे लोगों का शान मानते हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य हिंदू संस्कृति के लिए और क्या हो सकता है|
पूरे सत्संग में बाबा जी ने अति मधुर भजनों की प्रस्तुति साधकों के बीच की, तथा दाता राम साहू जी, पाठक परदेसी जी, लिलेश्वर सिन्हा जी, रामपाल जी, कौशल्या वर्मा जी, शिवाली साहू, सोरन शर्मा जी, तनु साहू, सुंदर कोटारिया, डुबोवती यादव, कौशल्या पुखराज साहू, रुद्रकांत यादव, नेतराम साहू, खोमन साहू, प्रीति सिन्हा, ज्योति आडील, राजकुमार यादव, आदि ने भी अपने इस विषय पर विचार प्रस्तुत किए और बताया कि वे कभी भी कुत्ता पालन अपने घरों में नहीं करेंगे, |
बाबा जी ने सभी को विदित कराया कि पाटेश्वर धाम का यूट्यूब चैनल भी शुभारंभ किया जा चुका है, इसका लिंक है
https://youtu.be/43629s3xcnw
ऑनलाइन परीक्षा रिचा के समापन में बाबा राम बालक दास जी ने बताया कि अब शाम 5:00 से 6:00 बजे भी विभिन्न रूपों में 1 घंटे की ऑनलाइन परिचर्चा सत्संग का आयोजन पाटेश्वर धाम द्वारा किया जाएगा जिसमें मुख्य सानिध्य बाबा राम बालक दास जी का रहेगा साथ ही अन्य संतों का सानिध्य भी मिलेगा इस ग्रुप का नाम होगा जय गोमाता जय गोपाल इस ग्रुप में जुड़ने हेतु पाटेश्वर धाम के व्हाट्सएप नंबर 94255 10729 पर आप संपर्क कर सकते हैं
इस प्रकार आज की चर्चा सत्संग अति ज्ञानपूर्ण रही|
श्री सीता रसोई महा अभियान में आज अपना योगदान देने वालों के नाम
कुमारी रत्ना पटेल खोड़ा गंडई 1 मार्च जन्मदिन
श्री संदीप जायसवाल कोदवा महंत लोरमी 5 जून जन्मदिन श्रीमती शशि प्रभा जायसवाल कोदवा महंत 6 अगस्त जन्मदिन कुमारी वैष्णवी जायसवाल कोदवा महंत 26 जून जन्मदिन कुमारी हंसिका जायसवाल कोदवा महंत 2 मई जन्मदिन
श्री रुद्रकांत यादव बालोद 29 मई गौ सेवा श्री महेंद्र चंद्रवंशी धर्मपुरा कवर्धा 1 जुलाई जन्मदिन

जय गौ माता जय गोपाल
जय सियाराम

 

सबका संदेश टिकेश्वर साहू 9589819651 

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