फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध
कांकेर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध!
फसल कटाई के बाद किसान फसलों के ठूंठ खेत में ही जला देते है। इसे मिट्टी की उर्वरता के लिए नुकसान दायक बताते हुए उप संचालक कृषि नरेन्द्र कुमार नागेश ने बताया कि फसल अवशेष खेतों में जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है, मित्र कीट नष्ट होते हैं, सूक्ष्म जीव पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं, साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को बल मिलता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस संबंध में कार्यवाही करते हुए फसल अवशेष को खेतों में जलाना प्रतिबंधित कर दिया है। इसकी निगरानी भारत सरकार के द्वारा सेटेलाईट्स के माध्यम से की जावेगी। फसल अवशेष जलाना अब दण्डनीय अपराध होगा है। छोटे किसान जिनके पास दो एकड़ से कम खेत हैं उन्हे 2500 रूपये, मध्यम किसान जिनके पास 2-5 एकड़ खेत हैं उन्हे 5000 रूपये एवं बड़े किसान जिनके पास 5 एकड़ से अधिक खेत हैं उन्हे 15000 रूपये हर्जाना स्वरूप फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के एवज में देना होगा। उप संचालक द्वारा कृषि विभाग के समस्त मैदानी अमलों को इस संबंध में कृषकों को समझाईश देने हेतु निर्देशित किया गया है।
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