छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

दिखने लगा नौतप्पा का असर,सूरज के आग उगलने से पसरा सड़कों पर सन्नाटा

BHILAI । नौपता शुरू होते ही गर्मी ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को नौपते की दस्तक के साथ ही सूरज की आग उगलती तपन से भिलाई-दुर्ग की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। सुबह से देर शाम तक चल रही लू के थपेडों ने लोगों का हाल बेहाल कर डाला है। तापमान में बढ़ोतरी के  कारण सरकारी और निजी अस्पताल में गर्मी से प्रभावित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा है। उल्टी-दस्त, सिर दर्द और बुखार की शिकायतें अचानक बढऩे लगी है। डॉक्टर्स का कहना है कि लू लगने के सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग, गर्भवती और नवजातों को रहता है। वहीं समय पर उपचार नहीं मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है। ऐसे में लू से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरुरत है। भीषम गर्मी को देखते हुए लोगों को दोपहर 11 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचना चाहिए। तेज गर्मी के चलते लोगों के घर से निकलने में परहेज करने से लॉकडाउन में छूट के समय व्यापारियों के बेहतर कारोबार की उम्मीदों को झटका लग रहा है।

नौतपा के चौथे दिन आज गुरुवार को दोपहर के वक्त ऐसा लगा जैसे सूर्यदेव आग उगल रहे हैं। झुलसाने वाले गर्म हवाओं के चलते हर कोई परेशान और हलाकान दिखा। इस तरह की स्थिति 25 मई को नौतपे की शुरुवात से ही भिलाई-दुर्ग में बनी हुई है। तापमान में आई बढ़ोतरी की वजह से लू भी अपना असर दिखा रहा है। शाम ढलने के बाद भी गर्म हवाएं चल रही है। दोपहर के वक्त भीषण गर्मी के चलते घर में रहने वाले लोग जरुरी होने पर ही निकल रहे हैं। वही नौकरी पेशा वर्ग दफ्तर अथवा कार्यस्थल पहुंचने के बाद बिना ठोस वजह से बाहर निकलने से परहेज करने में ही अपनी भलाई समझ रहा है।

गौरतलब रहे कि कोरोना संक्रमण के चलते अभी लकडाउन चार जारी है। इस दौरान दुर्ग जिले में सुबह 9 बजे 7 बजे तक व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोले जाने की छूट प्रदान की गई है। व्यापारी वर्ग इस दौरान बेहतर कारोबार की उम्मीदों के साथ दुकानें खोल रहे हैं। लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद गर्मी का प्रकोप तेज होने के साथ ही लोगों के लू के थपेड़ों से बचाव के मुद्रा में आ जाने से व्यापारियों की उम्मीदों को झटका लग रहा है। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि नौतपे की गर्म हवाओं का असर शहर के बाजारों में देखने को मिल रहा है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि पूर्व की वर्षों में गर्मी धीरे-धीरे तेजी के चरम पर आती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। पूरा अप्रैल और मई का आधा महीना ऐसा बीता कि लोगों को गर्मी के मौसम का अहसास तक नहीं हो पा रहा था। नौतपा शुरू होने के दो दिन पहले 23 मई से गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिया। इसके बाद 25 मई से नौतपा शुरू होते ही दिन ब दिन गर्मी का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है। एकबारगी सूरज की तपन बढऩे और लू चलने से लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर पडऩे लगा है।

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