COVID-19 पर स्पेशल पैनल ने कहा- फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती कम हों मौतें । Biggest Challenge Now is to Ensure Death Rate Remains Low, Says Chairman of Special Panel on Covid-19 | nation – News in Hindi


गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक मरीज के स्वाब सैंपल लेने से पहले उसकी जानकारियां दर्ज करता पीपीई किट पहने डॉक्टर (फोटो- AP)
पर्यावरण सचिव (environment secretary) सीके मिश्रा कहते हैं, जबकि लोग संक्रमित (Infected) होंगे और वे ठीक होते रहेंगे, हमें मौतों (Deaths) की दर को नियंत्रित रखने की जरूरत है.
नई दिल्ली. सरकार द्वारा स्थापित हॉस्पिटल आइसोलेशन सुविधाओं, क्वारंटाइन सुविधाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को लेकर अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष सी के मिश्रा ने कोरोना वायरस महामारी और आगामी लॉकडाउन पर न्यूज18 के साथ बात की-
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भारत को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से क्या फायदा हुआ?
तीन महत्वपूर्ण बातें हैं जो हमें समझ आईं. सबसे पहले, लॉकडाउन ने लोगों और सरकार को बुनियादी ढांचे और रणनीति तैयार करने के लिए समय दिया. कम ट्रांसमिशन करने से हमें समय और क्षमता मिली. और हम कई मौतों को रोकने में कामयाब रहे, जो लॉकडाउन न होने पर संभव नहीं था.
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दो महीने पहले भारत में कोविड-19 के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की स्थिति क्या थी?
हमने पूरी तरह से COVID-19 के लिये काम करने वाले अस्पताल तैयार किये थे. इसके अलावा और कई परतें थीं पहली परत आपके पास आईसीयू और वेंटिलेटर है, दूसरी परत ऑक्सीजन की है और तीसरी आइसोलेशन बेड हैं. हमने आईसीयू सुविधाओं को इस हद तक बढ़ा दिया है कि हम कह सकते हैं कि हमारे पास 1.5 लाख बिस्तर हैं. अगर अस्पतालों पर दबाव होता है तो हमारे पास क्षमता बढ़ाने के उपाय हैं. सौभाग्य से हमारे अस्पतालों में अब तक क्षमता से ज्यादा मरीज नहीं हुये हैं.
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बड़ी संख्या में लोग अब घरों पर रखे गये हैं.
यह सही है. लोग संक्रमित हो रहे हैं और ठीक हो रहे हैं. विश्व स्तर पर 30% रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है. भारत में 6% -7% को वास्तव में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है. जो लोगों को आश्वस्त करने वाली बात होनी चाहिए.
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मैं समझती हूं कि हमारे पास उपकरण हैं – लेकिन मैनपावर? क्या हमारे पास एक महामारी को संभालने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित लोग और कर्मचारी हैं?
हां, यह एक चिंता का विषय है क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जिसे हम किसी बिंदु से आगे नहीं ले जा सकते हैं. लेकिन लॉकडाउन के इस दौर में, हमने उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कई पाठ्यक्रम संचालित करने में कामयाबी हासिल की है. हमारा आईसीयू प्रबंधन बेहतर है. हमारा मैनपावर प्रशिक्षित है. यह सबसे अच्छा भले ही न हो, लेकिन हमारे पास जो जरूरतें आने वाली हैं, उनका ख्याल रखने के लिए यह पर्याप्त है.
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ऐसी कौन सी चुनौतियां हैं जिनकी आप आशा कर रहे हैं?
रोजाना मामलों में बढ़ोत्तरी. अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमारी मृत्यु दर कम बनी रहे. हमें जान बचाने की जरूरत है. लोग संक्रमित होंगे, वे ठीक हो जाएंगे, लेकिन मौतों को हमें नियंत्रण में रखना होगा.
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First published: May 26, 2020, 9:07 PM IST