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क्वारंटाइन में रह रहे मुसलमानों को सहरी-इफ्तारी दे रहा वैष्णो देवी मंदिर, लोगों ने कहा- ये है असली भारत | Face of Real India Twitter Hails Vaishno Devi for Giving Sehri Iftari to Quarantined Muslims in Ramzan | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश करते हुए, श्री माता वैष्णो देवी मंदिर (Shri Mata Vaishno Devi temple) रमजान (Ramzaan) के दौरान जम्मू (Jammu) के कटरा (Katra) में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों को सहरी और इफ्तारी दे रहा है.

कोरोना संकट (Corona Crisis) के दौरान करीब 500 मुस्लिम कटड़ा में क्वारंटाइन हैं और दुनिया भर के मुस्लिमों के लिए पवित्र माना जाने वाला रमजान का महीना बस खत्म होने वाला है. हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में रसोइये बड़े-बड़े बर्तनों में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए खाना बनाते हुए दिख रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर कोरोना संकट के दौरान मुसलमानों की मदद के लिए दो समय का भोजन परोस रहे हैं.

मार्च में भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों को देखते हुए मंदिर के बोर्ड ने आशीर्वाद भवन को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया था.

श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार का कहना है कि मंदिर रमजान के पवित्र महीने में लोगों को पारंपरिक सहरी और इफ्तारी दे रहा है. यहां तक कि जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir Authority) ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने का फैसला किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग आशीर्वाद भवन के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे हैं वह प्रवासी कामगार ही हैं. जहां एक ओर भारत के मुसलमान भी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच रमज़ान की समाप्ति का इंतजार कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो क्वारंटाइन सेंटर्स में फंसे हुए हैं. कई लोगों के लिए रमजान, ईश्वर, परिवार और समुदाय के करीब जाने का समय है, लेकिन महामारी ने उन परंपराओं को फिलहाल रोक रखा है.

लोगों को ये कदम बहुत पसंद आ रहा है और वह इसे असली भारत करार दे रहे हैं.

लोगों का कहना है कि मुश्किल समय में मंदिर लोगों की मदद कर रहा है ये देखकर अच्छा लग रहा है.

हालांकि ये खबर आने के बाद कुछ लोग इसमें भी सांप्रदायिक रंग ढूंढकर वैष्णो देवी मंदिर प्रशासन के इस फैसले को गलत बताने लगे. जहां अधिकतर लोग इसे एक बेहतरीन कदम बता रहे हैं वहीं कुछ लोग इसमें इस्लामोफोबिया देख रहे हैं. लोग मंदिर बोर्ड द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय की मदद करने के इस कदम पर गुस्सा जता रहे हैं.

एक यूजर ने लिखा है कि मस्जिदों को भी वैष्णो देवी और अन्य मंदिर में जाने वाले लोगों को शुद्ध भोजन देने की व्यवस्था करनी चाहिए.

एक यूजर का कहना है कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा है कि कोई मस्जिद इस तरह हिंदू रीति-रिवाज के कार्यक्रम आयोजित करती हो



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