इस देश के लोगों को मुफ्त में पैसे देगी सरकार, हेलीकॉप्टर मनी का करेगी इस्तेमाल- New Zealand discussing helicopter money handouts to stimulate economy | business – News in Hindi

हेलीकॉप्टर मनी के तहत केंद्रीय बैंक सरकार को ऐसे रकम जारी करती है, जिसका पुनर्भुगतान नहीं करना होता है. इसके जरिये आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा पहुंचाया जाता है ताकि वो अपना खर्च बढ़ाएं और इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सके.
‘हेलीकॉप्टर मनी’ के तहत केंद्रीय बैंक सरकार को ऐसे रकम जारी करती है, जिसका पुनर्भुगतान नहीं करना होता है. इसके जरिये आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा पहुंचाया जाता है ताकि वो अपना खर्च बढ़ाएं और इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सके.
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से दिन-प्रतिदिन अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. यही कारण है कि न्यूजीलैंड की सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए ‘हेलीकॉप्टर मनी’ को अपनाने पर विचार कर रही है. सरल भाषा में इसे समझे तो इस व्यवस्था के तहत केंद्रीय बैंक सरकार को ऐसे रकम जारी करती है, जिसका पुनर्भुगतान नहीं करना होता है. इसके जरिये आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा पहुंचाया जाता है ताकि वो अपना खर्च बढ़ाएं और इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सके.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूजीलैंड के वित्त मंत्री रॉबर्टसन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘ हेलिकॉप्टर मनी ‘ शुरू करने के लिए विवरण साझा करने को कहा गया था. उन्होंने कहा, हेलीकॉप्टर मनी का सरकार के लिए चाहे केंद्रीय बैंक मनी छापे और उसे वितरित करे या सरकार अपनी उधारी बढ़ाए और फिर उसे सौंप दे. रॉबर्टसन ने कहा कि कॉन्सेप्ट पर चर्चा की जा रही थी, लेकिन यह चर्चा उस स्तर तक नहीं हो पायी है.
हेलीकाप्टर मनी या अप्रत्याशित रूप से एक संघर्ष अर्थव्यवस्था में कैश की डंपिंग का आइडिया 1930 के दशक में ग्रेट डिप्रेशन के बाद आई है. अर्थशास्त्रियों और पॉलिसीमेकर्स ने महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हेलीकाप्टर मनी पर विचार किया था.रिजर्व बैंक ऑफ न्यूजीलैंड (RBNZ) ने अपनी आधिकारिक कैश रेट को रिकॉर्ड लो 0.25% तक घटा दिया है और पिछले हफ्ते अपने बॉन्ड खरीदने के कार्यक्रम को दोगुना कर 36.7 अरब डॉलर कर दिया है और निगेटिव ब्याज दरों में संभावित बदलाव को हरी झंडी दी है.
क्या है हेलीकॉप्टर मनी?
हेलीकॉप्टर मनी मौद्रिक नीति का एक अपरंपरागत टूल है, जिसके जरिये अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाया जाता है. इसके तहत बड़े स्तर पर पैसों की छपाई की जाती है और आम लोगों तक इसे पहुंचाया जाता है. सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रेडमैन ने किया था. फ्रेडमैन ने इसको लेकर कहा था कि अर्थव्यवस्था में अचानक पैसे बढ़ा देने से सुस्ती से निजात मिलेगी और ग्रोथ में तेजी आएगी. इस तरह की नीति के तहत, केंद्रीय बैंक सरकार के जरिये पैसों की सप्लाई बढ़ा देता है और लोगों तक नया कैश पहुंचाता है. इससे उत्पादों की मांग में इजाफा होता है और मुद्रास्फीति भी बढ़ती है.
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First published: May 22, 2020, 1:07 PM IST