देश दुनिया

दरभंगा की ज्योति के सम्मान में अखिलेश यादव का 1 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान- SP Chief Akhilesh Yadav announced financial assistance of 1 lakh in honor of Darbhanga Jyoti upas | darbhanga – News in Hindi

दरभंगा की ज्योति के सम्मान में अखिलेश यादव का 1 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान

पिता को साइकिल पर बिठाकर गुड़गांव से दरभंगा लाने वाली ज्योति कुमारी.

दरभंगा, बिहार (Darbhanga, Bihar) की 15 साल की ज्योति ने एक हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी सात दिन में तय की. वो एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर अपने पिता को पीछे बिठा कर साइकिल चलाती थी. जब कहीं ज्यादा थकान होती तो सड़क किनारे बैठ कर ही थोड़ा आराम कर लेती थी.

लखनऊ. कोरोना संकट (COVID-19) के दौर में देश भर से प्रवासी मजदूरों और कामगारों का अपने-अपने घरों को लौटने का सिलसिला जारी है. लॉकडाउन (Lockdown) में मजदूरों के पैदल ही सैकड़ों-हजारों किलोमीटर का सफर करने की तमाम तस्वीरें आ रही हैं. इसी कड़ी में ज्योति अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठा कर हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम (गुड़गांव) से अपने घर बिहार (Bihar) के दरभंगा पहुंची. ज्योति की इस हिम्मत की पूरी देश में सराहना हो रही है. कई संगठनों ने उसे सम्मानित करने का ऐलान किया है. अब इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ज्योति को एक लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, “सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की निकल पड़ी है अपने घायल पिता को लेकर सैकड़ों मील के सफ़र पर. दिल्ली से दरभंगा. आज देश की हर नारी और हम सब उसके साथ हैं. हम उसके साहस का अभिनंदन करते हुए उस तक 1 लाख रु. की मदद पहुँचाएंगे.”

15 साल की उम्र, 1000 किलोमीटर साइकिल का सफर

बता दें 15 साल की ज्योति ने एक हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी सात दिन में तय की. वो एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर अपने पिता को पीछे बिठा कर साइकिल चलाती थी. जब कहीं ज्यादा थकान होती तो सड़क किनारे बैठ कर ही थोड़ा आराम कर लेती थी.

ई-रिक्शा चलाकर गुजर-बसर

ज्योति के पिता गुरुग्राम में किराए पर ई-रिक्शा चलाने का काम करते हैं लेकिन कुछ महीने पहले उनका एक्सिडेंट हो गया था. इसी बीच कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई. ऐसे में ज्योति के पिता का काम ठप हो गया, ऊपर से ई-रिक्शा के मालिक का पैसों को लगातार दबाब बन रहा था. ज्योति के पिता के पास न पेट भरने को पैसे थे, न ही रिक्शा के मालिक को देने के.

ऐसे में ज्योति ने फैसला किया कि यहां भूखे मरने से अच्छा है कि वो किसी तरह अपने गांव पहुंच जाए. लॉकडाउन में यातायात के साधन नहीं होने की वजह से ज्योति ने दरभंगा तक की लंबी दूरी का सफर अपनी साइकिल से ही पूरी करने की ठानी. हालांकि ज्योति के पिता इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन गरीबी की मजबूरी ऐसी थी की पिता को बेटी के निर्णय पर सहमति जतानी पड़ी. इसके बाद दोनों कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करते हए 7 दिन में अपने गांव पहुंच गए.

ये भी पढ़ें:

Lockdown में बीमार पिता को गुरुग्राम से साइकिल चलाकर दरभंगा ले आई बेटी

UP COVID-19 Update: 6 दिनों में 1515 कोरोना पॉजिटिव मरीज, रोज टूट रहा रिकॉर्ड

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए दरभंगा से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 22, 2020, 9:09 AM IST



Source link

Related Articles

Back to top button