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गुजरात में टिड्डियों के झुंड ने बढ़ाई किसानों की चिंता, अधिकारी बोले- घबराओ मत | Locust swarmed again in North Gujarat officials said no need to panic | nation – News in Hindi

गुजरात में टिड्डियों के झुंड ने बढ़ाई किसानों की चिंता, अधिकारी बोले- 'घबराओ मत'

पांच महीने बाद 200 से 300 टिड्डियों वाले छोटे झुंड बनासकांठा और निकटवर्ती पाटन में घुस आए हैं.

अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी गुजरात में पिछले साल दिसंबर में आए टिड्डियों के बड़े झुंड की तुलना में इस बार इनकी संख्या बहुत कम है. दिसंबर में आए टिड्डियों के झुंड के हमले में 25,000 हेक्टेयर के इलाके में तैयार फसलें नष्ट हो गई थीं.

अहमदाबाद. उत्तरी गुजरात के बनासकांठा और पाटन जिलों के कुछ दूर-दराज के इलाकों में टिड्डियों के छोटे झुंड लौट आए हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी गुजरात में पिछले साल दिसंबर में आए टिड्डियों के बड़े झुंड की तुलना में इस बार इनकी संख्या बहुत कम है. दिसंबर में आए टिड्डियों के झुंड के हमले में 25,000 हेक्टेयर के इलाके में तैयार फसलें नष्ट हो गई थीं.

5 महीने बाद फिर से टिड्डियों का आतंक
बनासकांठा जिला कृषि अधिकारी पी के पटेल ने बताया कि पांच महीने बाद 200 से 300 टिड्डियों वाले छोटे झुंड बनासकांठा और निकटवर्ती पाटन में घुस आए हैं. उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशानुसार हम इतनी कम संख्या वाले टिड्डियों के झुंड को नियंत्रित नहीं करेंगे. हालांकि, जहां भी टिड्डी मिल रहे हैं, हम वहां छिड़काव कर रहे हैं. हमने डीसा के निकट आज एक गांव में टिड्डी के छोटे झुंड पर रसायन का छिड़काव किया. घबराने की आवश्यकता नहीं है.’

टिड्डी के झुंड से खतरा नहींउन्होंने कहा कि ये छोटे झुंड राजस्थान के जैसलमेर में टिड्डी के बड़े झुंड से संभवत: अलग हो गए होंगे. जैसलमेर में इन टिड्डी के झुंडों के खिलाफ अभियान चल रहा है. पटेल ने कहा, ‘‘ये टिड्डी के झुंड खतरा नहीं हैं. वे मोरों, कौवों और अन्य पक्षियों द्वारा प्राकृतिक रूप से नियंत्रित कर लिए जाते हैं. हमने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए हस्तचालित पम्प भी मुहैया कराए हैं, ताकि किसान घबराए नहीं.’’

पाकिस्तान से पिछले साल दिसंबर में गुजरात के बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में आए टिड्डी के झुंड ने सरसों, अरंडी, कपास, सौंफ और जीरा जैसी कई फसलें तबाह कर दी थीं. गुजरात सरकार ने उस समय उन किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी, जिनकी फसलें नष्ट हो गई थीं.

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First published: May 21, 2020, 10:32 PM IST



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