छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

एचएससीएल प्रबंधन अपने भूतपूर्व कर्मचारियों की शहनशीलता का ना ले परीक्षा-एच एस मिश्रा कहा जब तक मुख्यालय स्तर पर कोई फैसला न आ जाये तब तक बढे दर पर न ले किराया

भिलाई। एचएससीएल भूतपूर्व कर्मचारी समिति के संयोजक एच.एस.मिश्रा ने एचएससीएल प्रबंधन द्वारा आवास किराये में की गई बेतहासा वृद्धि के मामले में भूतपूर्व कर्मचारियों की सहनशीलता की परीक्षा न लें। प्रबंधन की हठधार्मिता को दरकिनार कर मुख्यालय स्तर से जब तक कोई फैसला नही आ जाता, तब तक बढ़े हुए दर का किराया भुगतान नही किया जायेगा। एचएससीएल भूतपूर्व कर्मचारी समिति के संयोजक एच.एस.मिश्रा ने बताया कि बिना समिति के विश्वास में लिए आवास किराये में की गई बेतहाशा वृद्धि से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी में प्रबंधन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश बना हुआ है। जबकि कोलकाता मुख्यालय का ही निर्देश था कि सेवानिवृत्ति कर्मचारियों से संबंधित किसी भी निर्णय को लागू करने के पहले भूतपूर्व कर्मचारी समिति को विश्वास में लिया जाना चाहिए। लेकिन इस बार आवास किराये में की गई दुगुनी से भी अधिक वृद्धि को लागू करने से पहले प्रबंधन ने समिति से चर्चा करना जरूरी नही समझा। श्री मिश्रा ने बताया कि एचएससीएल के स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति का प्रकरण अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। वही हाईकोर्ट ने आदेशित किया है कि जब तक स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों का बकाया वेतन और अंतिम भुगतान नही हो जाता, तब तक आवास किराया सामान्य रखा जाये। बावजूद इसके प्रबंधन ने तानाशाही रूख अपनाते हुए पूर्व कर्मचारियों के लिए प्रति वर्गफुट 1 रूपये 75 पैसे और गैर कर्मचारियों के लिए लागू 3 रूपये 50 पैसे के आवास किराये को क्रमश: 3 रूपये 50 पैसे और 7 रूपये प्रति वर्गफुट की दर से लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह किराया दर काफी ज्यादा है और समिति ने इसे लेकर एचएससीएल के स्थानीय कार्यालय का घेराव तक किया। स्थानीय प्रबंधन की ओर से कोलकाता मुख्यालय में किराया वृद्धि होने का हवाला देकर किसी भी तरह से राहत देने से साफ मना कर दिया। इस बीच पांच सदस्यी प्रतिनिधिमंडल को कोलकाता मुख्यालय जाकर मुख्यालय में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर सहमति बनी थी। लेकिन कोरोना के चलते घोषित लाकडाउन की वजह से यह संभव नही हो सका। श्री मिश्रा ने बताया कि इस मामले में 13 मई को समिति के एच.एस.मिश्रा और एन.के.झा एचएससीएल के स्थानीय कार्यालय में जीएम से मिलने गये थे। उनसे आग्रह किया गया कि कोलकाता मुख्यालय से किराया वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय आने तक पुरानी दर पर किराया भुगतान करने का अवसर प्रदान किया जाये।  एन.के.झा व सत्यनारायण गुप्ता ने कहा कि बाद में निर्णय होने पर अंतर राशि जमा करा दी जायेगी। लेकिन जीएम ने कोलकाता मुख्यालय के द्वारा ही किराया वृद्धि किए जाने का हवाला देकर साफ इंकार कर दिया। एस.जे.कुरैशी व एसपी सिंह ने कहा कि एचएससीएल के सभी सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों से निवेदन किया है कि जब तक मुख्यालय स्तर से किराया वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय नही आ जाता तब तक बढ़ा हुआ किराया कोई भी न भुगतान करें। इसके लिए सभी ने शपथ लिया है। लेकिन पता चला है कि कुछ लोग चुपके-चुपके किराया जमा कर रहे है। ऐसे लोग अपने और परिवार के साथ धोखा कर रहे है जब कभी संघर्ष और एकता की बात होगी तो ऐसे लोगों की मदद कोई नही करेगा। लगभग 12 वर्षों से मकान का कोई भी मरम्मत कार्य नही हुआ। सभी मकान जर्जर हालत में है। कभी भी दुर्घटना हो सकती है। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि प्रबंधन को सिर्फ किराया से मतलब है, लोगों की जान से कोई लेना देना नही। आज पूरा देश दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रहा है ऐसे में एचएससीएल प्रबंधन इस प्रकार का रवैय्या नही अपनाना चाहिए। सरकार लोगों को घर बना के दे रही है और एचएससीएल प्रबंधन पूर्व सेवानिवृत्ति कर्मचारी, अधिकारियों को बेघर करने पर आमदा है। जिसकी शिकायत हम पीएमओ सहित सभी जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को करेंगे। जिसका समिति पूरजोर हर स्तर पर विरोध करेंगी। समिति से एच.एस.मिश्रा, एन.केझा, सत्यनारायण गुप्ता, एस.जे.कुरैशी, एसपी सिंह, बीडी झा, नरेश गिरी, किताबुद्रीन, सफीक खान सहित आदि लोग उपस्थित थे।

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