अमेरिकी फार्मा कंपनी ‘रेमडेसिवीर’ दवा को भारत में बेचने के लिए मांग सकती है अनुमति | US pharma company may ask permission from CDSCO to sell Remedisvir drug in India | nation – News in Hindi
गिलीड साइंसेज एंटीवायरल दवा रेमडेसिवीर को भारत में बेचने के लिए मांग सकती है अनुमति (सांकेतिक तस्वीर)
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिकी फर्मा कंपनी US Pharma Company) फार्मास्युटिकल कंपनी गिलीड साइंसेज एंटीवारयल अपनी दवा रेमडेसिविर भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति देने के लिए आवेदन करना चाहती है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिकी कंपनी अपनी दवा रेमडेसिविर भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति देने के लिए आवेदन करना चाहती है. उन्हें देश में नयी दवा को मंजूरी देने के लिए नियामक प्रक्रियाओं के बारे में बता दिया गया है और पूरी तरह सुगमता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे अपने निदेशक मंडल से बातचीत के बाद बताएंगे.’
अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकाल में उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘यूएसएफडीए या अन्य किसी प्रतिष्ठित नियामक की मंजूरियों के आधार पर भारतीय नियामक दवा को नई औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुरूप विशेष परिस्थितियों में क्लीनिकल ट्रायल से छूट देने के साथ स्वीकृति प्रदान कर सकता है.’ हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता वाली संयुक्त निगरानी समिति की बैठक में रेमडेसिविर के प्रभाव पर चर्चा हुई थी. तब पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होने की वजह से कोविड-19 के रोगियों पर इस दवा के इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान नहीं की गयी थी.
एक सूत्र ने कहा, ‘‘हाल ही में एक बैठक में फैसला किया गया था कि चूंकि रेमडेसिविर उन चार उपचार प्रोटोकॉलों में शामिल है जिनका मूल्यांकन अनेक देशों में कोविड-19 के प्रभावी उपचार की तलाश में डब्ल्यूएचओ के संयुक्त ट्रायल के तहत नियंत्रित क्लीनिकल ट्रायलों में किया जा रहा है, इसलिए हम इस दवा को राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल में शामिल करने पर फैसला लेने से पहले परिणाम का इंतजार कर सकते हैं.’ अन्य तीन उपचार प्रोटोकॉलों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर और रिटोनाविर का एक मिश्रण और लोपिनाविर और रिटोनाविर का ही इंटरफेरोन बीटा-1ए के साथ मिश्रण शामिल हैं.स्वास्थ्य मंत्रालय ने गिलीड साइंसेज को लिखा था पत्र
गिलीड साइंसेज इंक ने रेमडेसिविर के उत्पादन और वितरण के लिए तीन बड़ी घरेलू कंपनियों- सिप्ला, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज और हीटीरो समेत कुछ अन्य कंपनियों के साथ लाइसेंसिंग समझौता किया है. सूत्र के मुताबिक समझा जाता है कि अगर इन कंपनियों को मई में त्वरित मंजूरियां मिल गयीं तो ये जुलाई/अगस्त से आपूर्ति शुरू कर सकती हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले गिलीड साइंसेज को पत्र लिखकर एम्स में एक हजार रोगियों के लिए परीक्षण के लिहाज से दवा की आपूर्ति करने को कहा था.
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First published: May 21, 2020, 9:22 PM IST