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श्रीनगर मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए लेकिन उड़ गये कई घर, बेघर हुए स्थानीय । Bombarding a Locality: Srinagar Residents Left Homeless after Encounter That Killed Two Militants | nation – News in Hindi

मुफ्ती इस्लाह
श्रीनगर.
 जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नवकदल में मंगलवार को एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों (Security Forces) ने हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के दो आतंकवादियों को मार गिराया था. इस मुठभेड़ के एक दिन बाद नवकदल (Nawakadal) के आस-पास जले घरों और आंसू गैस की गंध हवा में भरी हुई है.

दरअसल डाउनटाउन इलाके से सुरक्षाबलों के हटने के बाद घरों के भारी विनाश की जानकारी निवासियों को हुई थी, जिसके बाद गुस्साए निवासियों ने पुलिस  पर पथराव शुरू कर दिये, जिसका जवाब आंसू गैस के गोलों से मिला.

लोगों ने कहा- भीड़भाड़ वाले इलाके में ऑपरेशन के दौरान सेना को रहना चाहिए सावधाननिवासियों ने आरोप लगाया कि  सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को मारने के लिए घरों में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाके में जब घर एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं तो सेना को और अधिक सावधान रहना चाहिए.

एक बुजुर्ग ने न्यूज18 को एक घर के प्रवेश द्वार पर बताया, ‘साल 2000 की शुरुआत में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तत्कालीन प्रमुख गाजी बाबा को क़मरवारी इलाके में मारा था, जो यहां से बहुत दूर नहीं है, लेकिन केवल एक घर को थोड़ा नुकसान हुआ था.’

स्थानीय लोगों ने किया 15 से 18 घरों को नुकसान होने का दावा
उन्होंने कहा, ‘वे दावा करते रहते हैं कि यह एक क्लियर ऑपरेशन है. जब 15 से 18 घर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो यह क्लियर ऑपरेशन कैसे हुआ, कुछ घर तो जमीदोज़ हो गये हैं. आप आतंकियों से लड़ने के नाम पर शहरी इलाके में भारी मात्रा में गोला-बारूद का इस्तेमाल करके किसी इलाके में बमबारी नहीं कर सकते.” एक युवक मस्जिद के पास चिल्लाया जहां घरों के पुनर्निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा था, ‘वे इंतजार कर सकते थे. इतनी जल्दी क्या थी?’

मंगलवार को तड़के 2 बजे जब श्रीनगर शांत था तथा एक और सहरी (रमजान में दिन की शुरुआत से पहले का भोजन) के लिए तैयारी कर रहा था तभी सुरक्षाबलों ने एक सरकारी कॉलेज के पास गलियों में एक चक्रव्यूह बिछा दिया और घरों के एक समूह को घेर लिया.

ऑपरेशन में मारा गया अलगाववादी नेता का बेटा और उसका साथी
उनके पास विश्वसनीय जानकारी थी कि जुनैद सेहराई – एक आतंकवादी कमांडर और एक शीर्ष अलगाववादी नेता का बेटा और उसके सहयोगी एक घर में छिपे हुए हैं.

जल्द ही मुठभेड़ शुरू हो गई और पूरे दिन गोलीबारी और रुक-रुककर हो रहे धमाकों से पूरा इलाका गूंज उठा. शाम होने से पहले दोनों आतंकी मारे गए. इस ऑपरेशन में एक पुलिसकर्मी और तीन सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गए.

जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि गनफाइट ने बड़ा विनाश किया है और निवासियों के जीवन को तबाह कर दिया है, जो कुछ घंटों पहले, जब वे इलाके से बाहर निकले थे तब नहीं जानते थे कि क्या होने वाला है.

वापस लौटने पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को लग गया सदमा
वापस लौटने पर वे अपने घरों और सामानों की देख कर घबरा गए. इलाके में जो विनाश हुआ था, उसे देख बच्चे, महिलाएं और बूढ़े लोग सदमे में खड़े रह गए.

आंसुओं में डूबे बच्चों और महिलाओं के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जाने लगीं और पुलिस के खिलाफ घृणा और गुस्सा दिखाने वाली प्रतिक्रियाएं आने लगीं. वहीं बहुत से लोग कार्रवाई को न्यायोचित ठहरा रहे थे और आतंकवादियों को “पनाह” देने के लिए निवासियों को दोष दे रहे थे.

लोगों को कोरोना में कहीं आसरा न मिलने की चिंता
एक महिला ने कहा, “हम कहां रहेंगे? इस महामारी में हमें अपने घरों में कौन जाने देगा? हमें खुले आसमान के नीचे रहना होगा?” उन्होंने कहा, ‘हम COVID-19 के समय में अपने रिश्तेदारों से उनके घर जाने के लिए पूछ भी नहीं सकते.’

श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हसीब मुगल ने News18 को बताया, ‘केवल तीन घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुये हैं और कुछ अन्य को आंशिक नुकसान हुआ है. अन्य घरों को नुकसान हुआ क्योंकि वे एक दूसरे के करीब बने थे और लकड़ी के बने हुए थे. आग के लिए कोई दूरी नहीं थी.’

पूरी रिपोर्ट अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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