कोरोना संकट के बीच इस महीने से बढ़ जाएगी आपकी सैलरी, सरकार लागू कर रही ये नियम – New EPF rule How your CTC and in-hand salary will change from this month | business – News in Hindi
पीएफ नियमों में बदलाव के बाद इस महीने टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी.
सैलरीड क्लास के कैश फ्लो को मेंटेन करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में ऐलान किया था कि 3 महीनों के लिए ईपीएफ योगदान (EPF Contribution) 12 फीसदी की बजाय 10 फीसदी होगी. अब श्रम मंत्रालय ने इस पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है.
कुल 24 फीसदी की जगह 20 फीसदी होगा पीएफ योगदान
मौजूदा नियमों के मुताबिक, कर्मचारी और नियोक्ता बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (Basic Salary+DA) को 12 फीसदी हर महीने रिटायरमेंट फंड (PF Retirement Fund) में डालते हैं. दो तरफ की रकम मिलाकर यह कुल 24 फीसदी होता है. लेकिन, नए नियम के बाद यह 12 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो गया है, यानी ही अब कर्मचारियों की ईपीएफ अकाउंट में 24 फीसदी की जगह 20 फीसदी का ही योगदान होगा. यह केवल मई, जून और जुलाई महीने के लिए ही लागू है. सरकार के इस कदम से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में इजाफा होगा. यह कर्मचारी के महंंगाई भत्ता और बेसिक सैलरी का 4 फीसदी होगा.
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मान लीजिए कि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर प्रति महीने 10,000 रुपये मिलता है. पहले कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से कुल EPF योगदान 2,400 रुपये होता था. लेकिन, यह अब घटकर केवल 2,000 रुपये हो जाएगा. बाकी 400 रुपये कर्मचारी की टेक होम सैलरी में दी जाएगी.
श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने इस बारे में एक बयान भी जारी कर कुछ बातों को स्पष्ट किया है. मंत्रालय ने कहा, ईपीएफ योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने के बाद कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी. उनके ईपीएफ अकाउंट में जाने वाले 4 फीसदी अब टेक होम सैलरी में जोड़ा जाएगा.
पीएफ योगदान में कटौती का पूरा लाभ कर्मचारी को
मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान में हो रही 2-2% कटौती का पूरा लाभ कर्मचारी के टेक होम सैलरी में मिलेगा. मंत्रालय ने बताया कि सीटीसी मॉडल के तहत पहले ही नियोक्ता की तरफ से किया जाने वाला योगदान उसके सीटीसी का हिस्सा होता है.
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10 फीसदी से अधिक योगदान करने का भी विकल्प
हालांकि, श्रम मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि अगर कोई कर्मचारी इन 3 महीनों के लिए अपने ईपीएफ अकाउंट में 10 फीसदी से ज्यादा योगदान देता है तो वो ऐसा कर सकता है. लेकिन, नियोक्ता के लिए जरूरी नहीं है कि वो इस रकम को मैच कर ही योगदान दें.
इन कर्मचारियों पर नहीं लागू होगी यह कटौती
ईपीएफ योगदान में इस कटौती के समय ही सरकार ने बताया कि यह केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. यानी कि उन्हें पहले की तरह ही नियोक्ता और कर्मचारी की तरफ से 12 फीसदी का ही योगदान करना होगा.
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First published: May 20, 2020, 3:35 PM IST