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इस बार देवबलोदा महोत्सव में दिखेगा बदला बदला नजारा

मुख्यमंत्री व मंत्रियों के साथ जुटेंगे विपक्ष के भी नेता

भिलाई। भिलाई-चरोदा निगम के देवबलोदा महोत्सव में प्रदेश की सत्ता परिवर्तन का असर दिखने वाला है। वर्ष 2004 से प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर मनये जा रहे इस महोत्सव की कड़ी में ऐसा पहली बार होगा कि इसमें कांग्रेस के जनप्रतिनिधि शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्थानीय विधायक व पीएचई मंत्री गुरु रुद्रकुमार सहित दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा व भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव को इस आयोजन में सम्मान के साथ बतौर अतिथि आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सुश्री सरोज पांडेय वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन, पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल, दुर्ग निगम महापौर चंद्रिका चंद्राकर, कुम्हारी पालिका अध्यक्ष स्वप्निल उपाध्याय, जामुल पालिका अध्यक्ष सरोजनी चंद्राकर एवं पाटन नगर पंचायत अध्यक्ष कृष्णा भाले को भी आयोजन में अतिथि के तौर पर बुलाने की तैयारी है।

ज्ञातव्य हो कि निगम क्षेत्र के देवबलोदा में कल्चुरीकालीन शिव मंदिर है। इस मंदिर की पहचान और प्रतिष्ठा को देशभर में प्रसिद्धी दिलाने की मंशा के साथ वर्ष 2004 में तात्कलीन नगर पालिका अध्यक्ष विजय बघेल ने देवबलोदा महोत्सव मनाये जाने की परंपरा शुरू की थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार और नगर पालिका के शुरुवाती तीनों कार्यकाल के बाद नगर निगम का सफर शुरू होने तक इस निकाय में गैर कांग्रेसी सत्ता बनी हुई है। लिहाजा देवबलोदा महोत्सव में कांग्रेस के चुने गए जनप्रतिनिधियों को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए जाने से किया जाने वाला परहेज निकाय के पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद का कारण बनता रहा। इस बार परिस्थितियां बदल गई है। निगम में भाजपा की महापौर जरुर है लेकिन प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के बाद भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र के निवासी और विधायक पाटन भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बन गए हैं।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि कांग्रेस पार्षदों की हमेशा से भावना रहती थी कि विधायक पाटन के रूप में भूपेश बघेल को भी देवबलोदा महोत्सव में अतिथि बनाया जाए। लेकिन निगम का सत्ता पक्ष कांग्रेसी पार्षदो की इस मांग को यह कहते हुए नकाराता रहा कि श्री बघेल का निवास भले ही भिलाई-चरोदा में है लेकिन पाटन विधायक होने से उन्हें प्रोटोकाल के तहत अतिथि बनाया जाना जरुरी नहीं है। अब श्री बघेल मुख्यमंत्री है। अहिवारा विधानसभा में कांग्रेस से विधायक चुने जाने के बाद गुरु रुद्रकुमार मंत्री मंडल का हिस्सा है। प्रोटोकाल के तहत मुख्यमंत्री और स्थानीय मंत्री सहित विभागीय व जिले में निवास करने वाले अन्य मंत्री व विधायकों को देवबलोदा महोत्सव में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना जरुरी हो गया है। इसके अलावा भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधियों को अतिथि बनाते हुए पक्ष-विपक्ष के बीच तालमेल नबाने का प्रयास भी पहली बार दिख रहा है।

जोश से लबरेज है कांग्रेसी पार्षद

देवबलोदा महोत्सव को लेकर पहली बार कांग्रेस के पार्षद और नेता जोश से लबरेज दिख रहे हैं। निगम बनने के बाद हो चुके दो वर्षों के महोत्सव में कांग्रेस पार्षदों की भूमिका एकदम सी नगण्य रही। अतिथि तय करने में अपने पसंदीदा नेताओं की अनदेखी कांग्रेसी पार्षदों के नाराजगी का कारण बनती रही। इस बार ज्यादातर अतिथि काग्रेसी पार्षदों की पसंद को तवज्जो देते हुए तय किए जा रहे हैं। लिहाजा कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखने वाले निगम के सभापति विजय जैन, नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी, ब्लाक अध्यक्ष मनोज मढरिया, मंत्री प्रतिनिधि कृष्णा चंद्राकर, पार्षद राजेश दांडेकर, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष सुजीत बघेल सहित अन्य कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित आने वाले अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों के स्वागत को भव्य स्वरूप प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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