लाकडॉउन् के दौरान रेंजर के संरक्ष्ण में फारेस्ट गार्ड कर रहा है अवैध रेत उत्खनन, पकड़ने के बाद भी बिना कार्यवाही के छोड़ दी गई गाड़ी
लाकडॉउन् के दौरान रेंजर के संरक्ष्ण में फारेस्ट गार्ड कर रहा है अवैध रेत उत्खनन, पकड़ने के बाद भी बिना कार्यवाही के छोड़ दी गई गाड़ी
देवेन्द्र गोरलेसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
डोंगरगढ- कोविड-19 के तहत जहां एक ओर शनिवार और रविवार को पूरे छत्तीसगढ़ में संपूर्ण लॉक डाउनलोड रखा गया है जिसका पालन करने के लिए आम जनता और दुकानदारों को हिदायत दी जा रही है वहीं दूसरी ओर खैरागढ़ वन मंडल के उप वन मंडल डोंगरगढ के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र दक्षिण बोरतलाव के वन परिक्षेत्र अधिकारी अनिल बोम्बरडे के संरक्षण में फॉरेस्ट गार्ड के द्वारा रात 11 बजे जंगल से धरती माँ के सीने में कुल्हाड़ी चलाकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। अवैध उत्खनन मे लगी दो माजदा गाड़ी क्रमांक सी जी 08 वाई 2454 एवं सी जी 08 एल 3365 को पकड़कर लाल बहादुर नगर डिपो में लाया गया था दोनों माजदा गाड़ी फॉरेस्ट गार्ड की है परंतु इसमें से एक गाड़ी पर कार्यवाही कर दूसरी गाड़ी को छोड़ दिया गया ।
रात के समय कठुआ पुल चिरचारी जंगल में अवैध रेत उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा था इसकी जानकारी कोहलकसा गांव के लोगो ने दक्षिण बोरतलाव के डिप्टी रेंजर अशोक बोम्बाडे को दी थी उसके बाद रात के समय जांच में निकले फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर अशोक बोम्बाडे, जोसफ व कोहलाकस गांव के लोग भी इस जांच के दौरान मौजूद थे।
दक्षिण बोरतलाव डिप्टी रेंजर अशोक बोम्बाडे के द्वारा कटवा पुल चिरचारी जंगल में छापा मारा गया तो उसमें अवैध रूप से रेत चोरी करते हुए दो गाड़ी पकड़ाई जिसमें डिप्टी रेंजर और गांव वालों के द्वारा दोनो गाड़ियों को पकड़कर लाल बहादुर नगर फॉरेस्ट डिपो में लाया गया उसमें से एक गाड़ी पर कार्यवाही की गई और दूसरी गाड़ी फॉरेस्ट गार्ड की होने पर छोड़ दी गई।
जबकि ड्राइवरों से पूछने पर पता चला कि दोनों गाड़ी फॉरेस्ट गार्ड की ही है उसके बाद भी एक ही गाड़ी पर कार्रवाई कर दूसरी गाड़ी को छोड़ दिया गया।
रेंजर के कहने पर छोड़ दी- डिप्टी रेंजर – दक्षिण बोरतालाव के डिप्टी रेंजर अशोक बोम्बाडे से जब एक गाड़ी पर कार्यवाही और दूसरी गाड़ी को छोड़ने के विषय पर पूछा गया कि आपने दूसरी गाड़ी किसके कहने पर छोड़ी तो डिप्टी रेंजर अशोक बोम्बाडे ने बताया हमारे अधिकारी अनिल बोम्बाडे के कहने पर दूसरी गाड़ी छोड़
दी गई है। वहीं इस विषय पर दक्षिण बोरतलाव रेंजर अनिल बोम्बाडे से बात की गई तो उनके द्वारा फोन पर बात करने से मना कर दिया गया और रविवार अवकाश के ऑफिस में आकर बात करने की बात कही गई।अब देखना यह है की उच्च अधिकारियों के द्वारा उस फॉरेस्ट गार्ड की गाड़ी को बचाया जाता है या उस पर भी कार्यवाही कर राजसाद किया जाता है।
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