ऑनलाइन हुईं देश की 1000 मंडियां, वन नेशन वन मार्केट से किसानों को मिलेगा ये फायदा, one-nation-one-market-modi-government-india 1000 mandi online-farmers will get this benefit-e-NAM platform-dlop | business – News in Hindi
मंडियों को एक नेटवर्क में जोड़ने का काम करता है ई-नाम नेटवर्क
चार साल पहले ई-नाम से जुड़ीं थीं सिर्फ 21 मंडियां, सरकार ने पूरा किया 1000 मंडियों को ऑनलाइन करने का वादा, एक लाख करोड़ का हुआ कारोबार
चार साल पहले जब इसकी शुरुआत हुई थी तब इसमें सिर्फ 21 मंडियां ही शामिल थीं. अब ई-नाम प्लेटफॉर्म में अब 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हो गए हैं. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जिसकी शुरुआत, 14 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने की थी. एक ऑनलाइन मार्केट प्लेटफ़ॉर्म के रूप में मौजूदा मंडियों को नेटवर्किंग करने के उद्देश्य से किया गया था. ताकि देश में कृषि उत्पादों के लिए “एक राष्ट्र एक बाजार” का निर्माण हो सके.
चार साल में कारोबार
पिछले 4 वर्षों में ई-नाम ने 1.66 करोड़ किसानों, 1.31 लाख व्यापारियों, 73,151 कमीशन एजेंटों और 1012 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को उपयोगकर्ता आधार पर रजिस्टर्ड किया है. 14 मई 2020 तक, कुल 3.43 करोड़ मीट्रिक टन और 38.16 लाख नंबरों (बांस और नारियल) की कुल मात्रा ने सामूहिक रूप से ई-नाम प्लेटफ़ॉर्म पर 1 लाख करोड़ रुपये का उल्लेखनीय कारोबार को पार कर लिया है. वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ई-नाम पर किया जाता है.
किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगा सरकार का ये फैसला
क्या होता है फायदा
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि ई-नाम प्लेटफार्म कृषि व्यापार में एक अनूठी पहल है, जो किसानों की पहुंच को कई बाजारों-खरीदारों तक डिजिटल रूप से पहुंचाता है. लेन-देन में पारदर्शिता लाता है. गुणवत्ता के अनुसार कीमत दिलाता है. लॉकडाउन के दौरान भी करोड़ों रुपये का व्यापार ई-नाम के माध्यम से हुआ है.
शुरू में 25 कृषि जिंसों (Agricultural commodities) के लिए मानक मापदंड विकसित किए गए थे, जो अब बढ़कर 150 हो गए हैं. ई-नाम मंडियों में कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जो किसानों को उपज की गुणवत्ता के अनुरूप कीमतें दिलाने में मदद करती हैं. किसान मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच रिपोर्ट देख सकते हैं, मोबाइल से किसान अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति देख सकते हैं.
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First published: May 16, 2020, 7:39 PM IST