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सीएम योगी ने मनरेगा को बनाया रोजगार का हथियार, 20 लाख प्रवासी श्रमिकों को मिला काम!- CM Yogi adityanath made MGNREGA employment up number one 20 lakh migrant workers got work upas | lucknow – News in Hindi

लखनऊ. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बाहरी राज्यों से रोजगार गवां कर घर वापस आ रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) बड़ी राहत दे रही है. जिस वक्त प्रवासी श्रमिकों को लग रहा था कि घर पहुंच कर वे बेरोजगार हो जाएंगे, उस वक्त सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) मनरेगा को रोजगार का सबसे बड़ा हथियार बना दिया. मनरेगा से न केवल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला है, बल्कि उत्तर प्रदेश के गांवों की तस्वीर भी बदल रही है.

दावा किया जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा रोजगार से जोड़ने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर-1 पर है. मौजूदा समय में प्रदेश के 75 जिलों में 26 लाख से ज्यादा लोग मनरेगा से जुड़कर रोजी-रोटी कमा रहे हैं. यही नहीं योगी सरकार बाहरी राज्यों से लौट रहे करीब 20 लाख प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा समेत तमाम योजनाओं के जरिए रोजगार और नौकरी मुहैया करवा रही है.

वापस आए मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट न पैदा हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया. इस संकट की घड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजदूरों को आर्थिक मदद करने का फैसला करते हुए प्रदेश के 27.5 लाख मनरेगा मजदूरों के अकाउंट में 611 करोड़ रुपये भेजे. केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया है. इसके बाद योगी सरकार की ओर से यह बढ़ाई गई मजदूरी राशि तत्काल जारी कर दी गई.

मनरेगा में नंबर-1 यूपीअफसरों का कहना है कि मनरेगा के जरिए लोगों को जोड़ने और उन्हें रोजगार देने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर-1 पर है. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 26 लाख से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा गया है. इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बाहरी राज्यों से नौकरी गवां कर यूपी वापस लौटे हैं. इसमें 21 कोरोना प्रभावित जनपद भी शामिल है. जहां केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्य किए जा रहे हैं. यहां श्रमिकों सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कर रहे हैं. सरकार की तरफ से श्रमिकों को मास्क, सेनीटाइजर व अन्य बचाव सामग्री मुहैया करवाई जा रही है.

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक मनरेगा में उत्तर प्रदेश नंबर-1 पर है, जबकि दूसरे स्थान पर राजस्थान है. इसके बाद छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु आते हैं.

बाराबंकी में जिंदा हो रही है कल्याणी नदी

लखनऊ से करीब 60 किमी दूर बाराबंकी जिले के मवैया गांव के लोग मनरेगा के जरिए इतिहास को जिंदा करने में जुटे हैं. कभी किसानों के लिए जीवनदायिनी रही कल्याणी नदी दशकों पहले सूख गई थी. लोग सूख चुकी कल्याणी के तटों को कब्जा करते गए, जिससे एक नदी कब विलुप्त हो गई, पता ही नहीं चला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की विलुप्त हो चुकी नदियों के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया तो मनरेगा जैसी बड़ी योजना को इससे जोड़ा गया. नतीजन, बाराबंकी की विलुप्त कल्याणी नदी न केवल फिर से जिंदा हो रही है, बल्कि उसके जरिए 500 से ज्यादा ग्रामीणों को अपने घर में ही रोजगार मिला.

कल्याणी नदी का पुनरुद्धार जारी है, इसमें अब वे लोग भी शामिल हो गए हैं, जो कभी दिल्ली, मुंबई और पंजाब में नौकरी करने गए थे. लॉकडाउन के बीच जब ये लोग वापस आए, तो इनके भी रोजगार का बड़ा जरिया मनरेगा बन गया.

इसी तरह उत्तर प्रदेश में इस तरह के कई कार्य गांवों में मनरेगा के माध्यम से हो रहे हैं. गांवों की साफ-सफाई से लेकर सड़क, नहर, पौधारोपण और छोटी-छोटी नदियों और तालाबों को पुर्नजीवित किया जा रहा है.

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