कश्मीर में सेना का ऑपरेशन ऑलआउट जारी, सुरक्षाबलों के राडार पर हैं ये 10 आतंकी | 10 terrorist is on indian army radar in operation allout | nation – News in Hindi


सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं ये आतंंकी.
सूत्रो की मानें तो पाकिस्तान (Pakistan) ने घाटी में तो TRF नाम का एक नया संगठन बनाया है. उसमें लश्कर और जैश सहित कई और छोटे छोड़ आतंकी तंजीमों के आतंकियों को शामिल किया गया है
इस सूची में सबसे पहला नाम है हिज़्बुल मुजाहिदीन का कमांडर डॉ सैफ़ुल्लाह उर्फ़ ग़ाज़ी हैदर का, जिसे रियाज़ नायकू के मारे जाने के बाद घाटी में हिजबुल की ज़िम्मेदारी दी गई है. सैफुल्लाह 8 अक्टूबर 2014 को हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था और वो रियाज़ का सबसे क़रीबियों में से एक था. सैफ़ुल्लाह सहित इस लिस्ट में हिजबुल के चार आतंकियों के नाम हैं जिसमें मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी है, जो 9 सितंबर 2016 से हिजुबल से जुड़ा था.
हिजबुल को दो और आतंकी इस लिस्ट में है. अब्बास शेख जो कि 2015 से सक्रिय है, जबकि जुनैद सहराई हिजबुल में काफी समय से जुड़ा हुआ है. वहीं इस लिस्ट में जैश के तीन आतंकी शामिल हैं.

सुरक्षा बलों के निशाने पर ये आतंंकी.
जाहिद जरगार जो 2014 में जैश में शामिल हुआ, फैजल जिसने 2015 में आतंकी संगठन जैश जॉइन किया और सलीम पारे काफी लंबे समय से जैश के साथ जुड़ा हुआ है. और कई आतंकी वारदातों में इसकी तलाश भी है. सुरक्षाबलों की इस हिट लिस्ट में लश्कर के भी दो आतंकी हैं, जो कि काफी समय से घाटी में सक्रिय हैं, जिनमें शकूर जो की 2015 से एक्टिव है. शकूर के साथ ही लश्कर का आतंकी ओवेस मलिक भी सुरक्षाबल की लिस्ट में शामिल है. इसके अलावा एक आतंकी जो सितंबर 2016 से घाटी में सक्रिय है शेहराज अल लोन, वह भी सुरक्षा बलों के निशाने पर है.
अगर हम मौजूदा हालात के बारे में बात करें तो पाकिस्तान एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में जाने जाने से बचने के लिंए एक ऐसे प्लान को घाटी में लेकर आया है, जिसमें वो दुनिया को ये दिखा सके कि कश्मीर में जो भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं वो वहीं के नागरिक अंजाम दे रहे हैं और पाकिस्तान का इसमें कोई हाथ नहीं.
सूत्रो की मानें तो पाकिस्तान ने घाटी में तो TRF नाम का एक नया संगठन बनाया है. उसमें लश्कर और जैश सहित कई और छोटे छोड़ आतंकी तंजीमों के आतंकियों को शामिल किया गया है और खास तौर पर ये निर्देश दिए है कि अब जो भी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जाएगा उसकी ज़िम्मेदारी TRF को ही लेनी है.
न्यूज18 इंडिया से ख़ास बातचीत के दौरान खुद सेना प्रमुख ने कहा था कि भले ही कितने नाम बदल लो सबको पता है की इन तंजीमों को बाहर से समर्थन मिलता है. लेकिन मज़ेदार बात तो ये है कि घाटी में ही आतंकी तंजीमें अपने वर्चस्व की लडाई के चलते एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं. हिज़्बुल और TRF के बीच की तल्ख़ी सामने भी आ चुकी है.
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First published: May 15, 2020, 10:51 PM IST