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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- अब 13.9 दिन में बढ़ रहे देश में दोगुने मामले, कुल 78,003 संक्रमित | covid-19 cases doubled time increased to 13-9 days Health Minister Harsh Vardhan | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर पिछले तीन दिन में धीमी होकर 13.9 दिन हो गई है. साथ ही अब कोविड-19 की जांच की भारत की क्षमता प्रतिदिन 1,00,000 परीक्षण की हो गई है और अब तक करीब 20 लाख परीक्षण किए जा चुके हैं. इस बीच देश में गुरुवार को कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,549 हो गई, वहीं संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 78,003 पर पहुंच गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार सुबह आठ बजे से पिछले 24 घंटे में 134 मरीजों की मौत हुई और 3,722 नए संक्रमित मरीज सामने आए जबकि अब तक 26,234 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं. एक मरीज विदेश जा चुका है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब तक करीब 33.63 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.’ यहां राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के दौरे के बाद मंत्री ने कहा कि 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

दोगुने होने की दर धीमी होकर 13.9 दिन

इन राज्यों में गुजरात, तेलगाना, झारखंड, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दादर और नागर हवेली, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम तथा पुडुचेरी हैं. दमन और दीव, सिक्किम, नगालैंड तथा लक्षद्वीप से भी अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया, ‘यह खुशी की बात है कि पिछले तीन दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर धीमी होकर 13.9 दिन हो गयी है जो पिछले 14 दिन में 11.1 थी.’ उन्होंने इस मौके पर कोबास 6800 जांच मशीन देश को समर्पित की.प्रति दिन एक लाख नमूनों की जांच

जांच क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में मंत्री ने कहा, ‘‘हमने अब प्रति दिन एक लाख नमूनों की जांच की क्षमता विकसित कर ली है. आज एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हमने अब तक देश में 500 से ज्यादा प्रयोगशालाओं (359 सरकारी और 145 निजी) में कोविड-19 के करीब 20 लाख नमूनों की जांच कर ली है.’ उन्होंने बताया कि कोबास 6800 मशीन पहली पूरी तरह स्वचालित अत्याधुनिक मशीन है जिससे कोविड-19 की पीसीआर जांच का परिणाम उसी समय मिल जाता है. सरकार ने इस मशीन को खरीदा है और एनसीडीसी में इसे लगाया गया है.

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘कोबास 6800 से 24 घंटे में 1200 नमूनों की जांच की रफ्तार से गुणवत्ता पूर्ण परिणाम प्राप्त किये जा सकेंगे. इससे जांच क्षमता बढ़ेगी.’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मशीन की अन्य विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा कि यह रोबोट आधारित है जिससे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण और प्रदूषण की आशंका बहुत कम होगी क्योंकि इसे दूर से संचालित किया जा सकेगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस मशीन को किसी भी केंद्र में नहीं रखा जा सकता. इससे वायरस हेपेटाइटिस बी और सी तथा एचआईवी आदि की भी जांच कर सकती है.

संक्रमण के 3,722 नये मामले

हर्षवर्धन ने नियंत्रण कक्ष और जांच प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया तथा एनसीडीसी के निदेशक डॉ एस के सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जांच की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में कोविड-19 से मौत के 134 मामले आए हैं और संक्रमण के 3,722 नये मामले सामने आए हैं. हर्षवर्धन ने कहा कि अब तक 26,235 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं और बुधवार को लोगों के स्वस्थ होने की दर 32.83% से सुधरकर 33.6 प्रतिशत हो गयी है वहीं मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि बुधवार को आईसीयू में कोविड-19 के तीन प्रतिशत मरीज थे, वेंटिलेटरों पर 0.39 फीसदी रोगी थे वहीं ऑक्सीजन पर 2.7 प्रतिशत रोगी थे.

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिये भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रियाओं और नयी परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत बनाना जरूरी है. हर्षवर्धन ने वीडियो लिंक के जरिये राष्ट्रमंडल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 32वीं बैठक में सभी मौजूदा और नए चिकित्सा उत्पादों तथा प्रौद्योगिकियों तक सार्वभौमिक और किफायती पहुंच पर जोर दिया है. एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है,’कोरोना वायरस से निपटने के लिये निष्पक्ष और न्यायसंगत ढंग से इनकी उपलब्धता होनी चाहिये.’ इस बैठक का विषय ‘कोविड-19 को राष्ट्रमंडल देशों की प्रतिक्रिया’ था.

100 जरूरतमंद देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजी

हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक सरकार के सक्रिय समर्थन से टीके, दवाओं, नैदानिक किट और विभिन्न जीवन रक्षक उपकरण विकसित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रिया और नयी परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत करना जरूरी है.’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन को लागू किया गया. इसका उद्देश्य बीमारी के विस्फोटक प्रसार को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था श्वास संबंधी दिक्कतों के मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना करने में सक्षम हो. उन्होंने कहा, ‘ भारत ने संकट के इस समय में एकजुटता और सहयोग में विस्तार देते हुए करीब 100 जरूरतमंद देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन जैसी आवश्यक दवाएं उपलब्ध करायीं.’



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