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चप्पल टूटी तो मोची के हुनर की आजमाइश याद आयी घसनी ने अपने लिए तो सोनारी ने मुनियां की खरीदी चप्पल

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
चप्पल टूटी तो मोची के हुनर की आजमाइश याद आयी
घसनी ने अपने लिए तो सोनारी ने मुनियां की खरीदी चप्पल
नारायणपुर नहीं मैं तुम्हारे साथ कदम से कदम मिला कर नही चल पा रही, क्योंकि वक्त ने मेरी चप्पल तोड़़ दी हैैं और इन टूटी चप्पलों को घसीटते हुए में कैसे तुम्हारे साथ कदम से कदम मिला सकती हूॅं,…..। घसनी जरा तेज चल उसके पति ने आवाज लगाई तो बोल पड़ी। ये उस व्यक्ति, औरत और मुन्ने-मुनिया की कहानी है, जो वर्तमान संकट के समय उन पर गुजर रही है। मैंने देखी, पढ़ी-सुनी है। कोरोना संक्रमण फैलाव को रोकने के लिए लगाये गए लॉकडाउन के कारण बाजार और दुकानें बंद होने से जिनके मां-बाप चप्पल ठीक नहीं करा पा रहे थे और ना ही नई खरीद पा रहे थे । जब मेरी चप्पल टूटी-उधड़ने लगी तो मुझे भी मोची के हुनर की आजमाइश की याद आयी। लेकिन दुकानें बंद थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन में मिली छूट से छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के बाजार में भी लोगों की चहल-पहल शुरू हो गयी है । बाजार गुलजार होने लगे है। वही रौनक भी लौटने लगी है।
नारायणपुर के करमरी और कोकोड़ी गांव से आई घसनी ने अपने लिए और सोनारी ने मुनियां के लिए पटरी वाले से चप्पल खरीदी। घसनी ने बताया कि उसकी चप्पल काफी दिन से टूट गई थी, दुकान बंद होने के कारण खरीद नहीं पाई। वहीं सोनारी की बिटिया की भी चप्पल भी टूट थी। मोची की दुकान बंद थी, कुछ दिन तो घर पर ही चप्पल की जरूरी मरम्मत की गई। लेकिन उसके बाद मरम्मत ने भी अपने हाथ खींच लिए क्यांेकि अब चप्पल मरम्मत लायक भी नहीं बची थी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन 3.0 में मिली छूट की जानकारी घसनी और सोनारी को गांव वालो से पता चली थी। यह भी मालूम चला कि बाजार में कुछ दुकानें खुल गयी है। सोनारी ने बताया कि मुनिया ने जिद्द की तो नई चप्पल खरीदने चली आयी। वही घसनी भी अपने पति के साथ चप्पल खरीदने आयी। दूसरी और महिलाएं कपड़े खरीदती नजर आ रही थी। बाजार में खरीददारी करते और आते-जाते समय ग्राहक मुह ढंके और मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिग का भी पालन करते नजर आयें। पुलिस के अधिकारी और जवान भी यातायात व्यवस्था और जारी गाईड लाइन का पालन करा रहे है। मुख्यमंत्री की इस विशेष पहल से मिली छूट से छोटे दुकानदार, पटरी वालों के चेहरे खिल गये है। उनकी बड़े दिनांे बाद रोजीरोटी और नकदी की दिक्कतों से राहत मिल रही है। राज्य शासन द्वारा कुछ दुकानें खोलने की छूट दी गयी है, उसमें जूता-चप्पल की दुकान भी शामिल है। राज्य सरकार गरीब, मजदूर, किसानों और हर जरूरतमंदों के हितों का ध्यान रख रही है। दूसरें राज्यों में फंसे मजदूरों को सुरक्षित घर वापस लाने का सिलसिला भी जारी है। मुख्यमंत्री स्वयं इस पर नजर बनाये हुए । उन्होंने ऐसे लोगों से बार-बार धैर्य और सयंम बनाने की भी अपील कर रहे है।
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