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यूपी में सबसे अधिक श्रमिक ट्रेनें पहुंची गोरखपुर, 54 ट्रेनों से 70 हजार से अधिक श्रमिक आए घर- Gorakhpur reached maximum number of shramik special trains in UP more than 70000 workers from 54 trains came home uprg upas | gorakhpur – News in Hindi

यूपी में सबसे अधिक श्रमिक ट्रेनें पहुंची गोरखपुर, 54 ट्रेनों से 70 हजार से अधिक श्रमिक आए घर

गोरखपुर में अभी तक रिकॉर्ड 53 ट्रेनों से करीब 70 हजार श्रमिकों को यहां से भेजा गया है.

गोरखपुर (Gorakhpur) में देश के कई हिस्सों से लगातार ट्रेन आ रही हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra), गुजरात (Gujarat), तेलंगाना (Telangana), बेंगलुरू, चंडीगढ़ सहित देश के अन्य हिस्सों से लगातार श्रमिक गोरखपुर पहुंच रहे हैं.

गोरखपुर. प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) को लाने की योजना जब यूपी सरकार (UP Government) बना रही थी, तब उसके सामने सबसे बड़ा संकट ये था कि किस तरह से इनकी जांच होगी? और कैसे सुरक्षित इन लोगों को इनके घर पहुंचाया जायेगा? क्योंकि केन्द्र सरकार ने एक जगह पर श्रमिकों को बैठाने और दूसरी जगह पर उतारने की परमिशन दे रखी थी. बीच के किसी स्टेशन पर उतारने का परमिशन नहीं थी. इसके बाद जब यूपी सरकार का ऑपरेशन प्रवासी श्रमिक शुरू हुआ तो सबसे अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) को गोरखपुर (Gorakhpur) भेजा जाने लगा. अभी तक रिकॉर्ड 53 ट्रेनों से करीब 70 हजार श्रमिकों को यहां से भेजा गया है.

पूरे देश से घर लौट रहे प्रवासी मजदूर

गोरखपुर में देश के कई हिस्सों से लगातार ट्रेन आ रही हैं, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, बेंगलुरू, चंडीगढ़ सहित देश के अन्य हिस्सों से लगातार श्रमिक गोरखपुर पहुंच रहे हैं. इन ट्रेनों में गोरखपुर या पूर्वांचल के ही नहीं बल्कि मेरठ, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, कासगंज, महोबा तक के श्रमिक आए हैं. जिला प्रशासन ने सबसे पहले इन श्रमिकों को ट्रेन से उतारकर थर्मल स्कैनिंग करवाकर उनका नाम पता मोबाइल नम्बर और वो क्या काम करते हैं? इसको नोट करता है. फिर जब वो बस पर चढ़ते हैं तो वहां पर कन्डेक्टर इन श्रमिकों के नाम, पता, मोबाइल नम्बर नोट करता है और इन श्रमिकों को लेकर इनके गंतब्य तक जाता है.

ट्रेन आने से लेकर श्रमिकों को घर पहुंचाने का ये है पूरा प्रॉसेसजब से श्रमिक ट्रेनों के आने का सिलसिला शुरू हुआ है, तभी से रेलवे स्टेशन पर एडीएम सिटी राकेश श्रीवास्तव ने डेरा सा डाल दिया है. वह सुबह ही रेलवे स्टेशन पहुंच कर प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी पर लाते हैं और फिर जैसे-जैसे ट्रेन आती जाती है, वैसे-वैसे इन श्रमिकों को खाना, पानी दिलाने के साथ सुरक्षित इनके घरों तक ले जाने का इंतजाम करते हैं. यहां पर दो शिफ्टों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही हर ट्रेन के जाने के बाद परिसर को सैनेटाइज किया जाता है, फिर दूसरी ट्रेन को प्लेटफार्म पर लगाकर श्रमिकों को उतारा जाता है.

श्रमिकों को घर पहुंचाने में 1000 बसें तैनात: डीएम

डीएम के विजयेन्द्र पाण्डियन का कहना है कि सरकार जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर भेजेगी, हम उन ट्रेनों के श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं. गोरखपुर में किसी भी श्रमिक को कोई परेशानी न हो इसका भी पूरा इंतजाम किया गया है. करीब 1000 बसें गोरखपुर में लगाई गई हैं. जो रोज इन श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचा रही हैं. मुम्बई और गुजरात में सबसे अधिक प्रवासी श्रमिक रहते हैं और इन श्रमिकों को लाने के लिए ट्रेनों का इंतजाम प्रदेश सरकार ने किया है. अधिकारियों का ये मानना है कि सिर्फ गोरखपुर में ही अन्य प्रदेशों के करीब 200 और ट्रेनें आ सकती हैं.

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First published: May 14, 2020, 2:15 PM IST



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