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निजी विद्यालयों ने शुरू कर दी अभी से ज्यादती

केपीएस सीबीएसई और सीजीबोर्ड से निर्देशित बुकों को छोड़कर अलग बुक कर रहा है लागू

आने वाले समय में बच्चों के परीक्षा परिणाम में भी कर सकता है गडबडी

पुस्तकें और स्टेशनरी सामानों को अपने चहेते दुकानदारों से खरीदने करने  लगे बाध्य

दुर्ग। पालकों के व्दारा अपनी व्यथा और परेशानी समस्याओं से अवगत कराते हुए एनएसयूआई के जिलाकार्यकारी अध्यक्ष सोनू साहू को बताया कि स्कूल प्रबंधन व्दारा आगामी शैक्षणिक सत्र की पुस्तकें कापी, और अन्य स्टेशनरी सामानों के लिए निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा हैा जहॉ एक ओर लाकडाउन के कारण लोग अपने घर से नहीं निकल पा रहा है वहीं दूसरी और निर्धारित स्थान से किताबे पुस्तकें  खरीदने के लिए बाध्य किया जाना कहॉ तक न्याय संगत है । जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला कार्यकारी अध्यक्ष सोनू साहू के नेतृत्व में आज जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग प्रभाष बघेल  को इस आशय का ज्ञापन सौंपा गया तथा तत्काल इस पर कार्यवाही करने का निवेदन किया गया।

साथ ही जिला कार्यकारी अघ्यक्ष द्वारा दुर्ग शहर विधायक अरूण वोरा  को भी इस विषय की जानकारी देते हुए निवेदन किया जिस पर विधायक व्दारा विषय की गंभीरता को देखते हुए तत्काल शिक्षा मंत्री को फीस माफी हेतु पत्र लिखा ।

सोनू साहू ने बताया कि कोरोना के प्रकोप व लाकडाउन के प्रभाव के वजह से अभिभावक व छात्र कॉलेज व स्कूल की फीस देने में असमर्थ है एनएसयूआई मांग करती हैा सभी स्कूलों की 3 महीनों की फीस पूर्णत: माफ की जाए व ऐसे स्?कूल जो अभिभावक को फीस देने के लिए दबाव बना रहे है। उनके ऊपर कठोर से कठोर कार्यवाही किया जावें। दुर्ग शहर में मेथिव बुक डिपो एम 657 पद्मनाभपुर दुर्ग इस किताब दुकान का संचालक केपीएस स्कूल कि किताबे मिलने का बोर्ड लगाकर केपीएस स्कूल की किताबे बेच रहा है । केपीएस स्कूल के प्रबंधन स्टाफ पालकों को जानकारी दे रहे है कि केपीएस स्कूल की किताबें उक्त  दुकान में उपलब्ध है । केपीएस स्कूल द्वारा सीबीएसई और छत्तीसगढ़ राज्य के बोर्ड द्वारा निर्देशित पाठ्यक्रम के लिए अधिसूचित किताबों से भिन्न अन्य किताबे आगामी शैक्षणिक सत्र में पढ़ाए जाने कि जानकारी पालकों के माध्यम से मिल रही है । पालको द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केपीएस शाला प्रबंधन समिति के द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र में सीबीएसई और छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड द्वारा निर्देशित पुस्तकों से भिन्न पुस्तकों से पढाई लागू कर रही है। केपीएस शाला द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए निर्धारित पुस्तके उल्लेखित किताब दुकान में जाते है तो उनको किताब के साथ कॉपी और स्टेशनरी समान खरीदने बाध्य किया जा रहा है जो कि माकेर्ट दर से काफी मार्केट से काफी अधिक दर पर इन दुकानों में पालको को दिया जा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि कि केपीएस स्कूल प्रबंधन समिति पालकों को उक्त दुकानों से आगामी शैक्षणिक सत्र की किताबे खरीदवाने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा अधिसूचित किताबों से भिन्न किताबे एन-केन-प्रकारेन खरीदवाने का कपटपूर्वक प्रयत्न कर रहे है ।

उन्होने आगे कहा कि इस परिस्थिति से पालक व्यथित है और सीबीएसई और राज्य बोर्ड द्वारा निर्देशित पुस्तकों से भिन्न पुस्तके बाजार से खरीदने के लिए प्रकाशकों के द्वारा मुद्रित मनमाने व तर्कविहीन दर पर पुस्तकें खरीदने को मजबुर हो रहें है । साथ – साथ पालक इस बात से भी व्यथित है कि यदि उनके बच्चे सीबीएसई और छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के द्वारा निर्देशित पुस्तकों से भिन्न पुस्तकों से आगामी शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई करेंगे तो इसका विपरीत परिणाम छात्रों के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा । पालकों की व्यथा और परेशानी तब और बढ़ रही जब पालक बोर्ड द्वारा निर्देशित पुस्तकों से भिन्न पुस्तके खरीदने के निर्देश देने के कारण और किस विधिक आधार पर यह निर्णय लिया गया है इन दोनों विषय में शाला प्रबंधन समिति से जानकारी लेने जाते है तो प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि अभद्रतापूर्ण प्रतिक्रिया करते हैं यह सोच पालक और भी व्यथित और गंभीर हो जाते है यदि वे केपीएस शाला प्रबंधन समिति से यदि इस विषय में प्रश्न करेंगे तो उनके प्रश्न करने पर उनके बच्चो को आगामी सत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और बोर्ड द्वारा निर्देशित पुस्तकों से भिन्न पुस्तकों का अध्यन करने कि बात अस्वीकृत करने की स्थिति में प्रश्नकर्ता पालकों के बच्चो का परीक्षा परिणाम भी गड़बड़ा सकते है ।

ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से सूर्या देशमुख, गोल्डी कोसरे, चुनेंश नेताम, अमन दुबे, अनमोल जैन, सूर्या विश्वकर्मा सहित एनएसयूआई के कार्यकर्ता मौजूद थे ।

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