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कोरोना- यानी एक को भी हुआ तो पड़ेगा पूरे शहर को रोना, डोंगरगढ़ कोरण्टाइन सेंटर में नहीं है सुरक्षा के इंतजाम, बिना सुरक्षा किट के कोरण्टाइन सेंटर में कार्य करने पर मजबूर सफाई कर्मचारी

कोरोना- यानी एक को भी हुआ तो पड़ेगा पूरे शहर को रोना, डोंगरगढ़ कोरण्टाइन सेंटर में नहीं है सुरक्षा के इंतजाम, बिना सुरक्षा किट के कोरण्टाइन सेंटर में कार्य करने पर मजबूर सफाई कर्मचारी

देवेन्द्र गोरलेसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

डोंगरगढ- कोरोना यानी एक ऐसी वैश्विक महामारी जिसका संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है फिर चाहे वह स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर इटली हो या दुनिया का नेतृत्व करने वाला अमेरिका। दुनिया के लगभग 200 देश इस कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपनी अर्थव्यवस्था चरमरा चुके हैं कुछ ऐसा

 

ही हाल भारत का है जहाँ पर देखते ही देखते दो माह के अंदर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 70 हजार पहुंच गई जिसका कारण है थोड़ी सी लापरवाही। जिस तरह चीन की थोड़ी सी लापरवाही पूरी दुनिया पर भारी पड़ गई वहीं दूसरी तरफ

 

 

जमातियों की लापरवाही पूरे देश को भारी पड़ गई यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाती तो आज देश में संक्रमितों की संख्या 70 हजार ना पहुंचती कुछ इसी तरह की लापरवाही छत्तीसगढ़ की आराध्य नगरी डोंगरगढ में बरती जा रही है जहां पर दूसरे प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों जो छत्तीसगढ़ के निवासी तो है

 

 

लेकिन रोजी रोटी के जुगाड़ में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद जैसे अन्य राज्यों गये थे किन्तु लाकडॉउन् के चलते वे वहाँ फसकर रह गए। अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उन्हें ट्रैन, ट्रक व अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ में बुलाया जा रहा है और प्रवासी मजदूरों को कोरण्टाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए कोरण्टाइन करने के बाद उन्हें उनके घर भेजा जा रहा है। कुछ इसी तरह की व्यवस्था डोंगरगढ नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई है नगर के नेहरू महाविद्यालय, बधियाटोला व कण्डरापारा में कोरण्टाइन सेंटर बनाया गया है जहां पर प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के लिए आइसोलेट कर उनके घर भेजने की प्रकिया प्रारंभ की गई है।
कोरण्टाइन सेंटर में घोर लापरवाही- डोंगरगढ में बनाये गए कोरण्टाइन सेंटर में घोर लापरवाही बरती जा रही है जिसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है खासतौर पर बधियाटोला स्कूल भवन में बनाये गए कोरण्टाइन सेंटर में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं। यहाँ पर 7 मई से चंद्रपुर, नागपुर, हैदराबाद व महाराष्ट्र से आये पुरुष व महिला को मिलाकर कुल 34 मजदूरों को रखा गया है लेकिन इनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी ना तो नगर पालिका की ओर से मौजूद हैं और ना ही तहसील प्रशासन की ओर से जिसके चलते यहाँ पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सभी मजदूर आपस मे मिल रहे हैं क्रिकेट खेल रहे हैं। यही नहीं इस सेंटर में कोई भी आसानी से प्रवेश कर रहा है और सेंटर में रहने वाले प्रवासी मजदूर भी आसानी से आसपास घूमकर वापस सेंटर में आ रहे हैं। इस सेंटर में जितने भी प्रवासी मजदूर रखे गए हैं यह सभी डोंगरगढ निवासी हैं, इनमें से कुछ का घर इंदिरा नगर, दंतेश्वरीपारा तो कुछ का घर कोरण्टाइन सेंटर के आसपास बधियाटोला में ही है जिसके चलते इनके परिजन कभी भी मजदूरों से मिलने व उन्हें सामान देने बेधड़क सेंटर में बिना मास्क व सेनेटाइजर के घुस रहे हैं और इन्हीं मजदूरों के परिजन शहर में आसानी से घूम रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं। यदि इत्तेफाक से भी इनमें से एक भी मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकला तो सेंटर में रहने वाले मजदूर संक्रमित होंगे और उसके बाद इनसे मिलने वाले परिजन तथा परिजनों के बाद इन परिजनों से मिलने वाले शहर के नागरिक और देखते ही देखते पूरा डोंगरगढ कोरोना की चपेट में आ जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी नगर पालिका प्रशासन एवं तहसील प्रशासन की होगी।

इधर कोरण्टाइन सेंटर में रुके हुए मजदूरों ने बताया कि यहाँ पर उन्हें शासन की ओर से ना तो भोजन की व्यवस्था की जा रही है और ना ही सेनेटाइजर की। उनके परिजनों के द्वारा जैसे तैसे एक टाईम के भोजन की व्यवस्था की जा रही है एक टाईम तो उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है।

सुरक्षा किट के बिना ही काम करने पर मजबूर नपा कर्मचारी- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका अधिकारी द्वारा सफाई कर्मचारियों को बिना सुरक्षा किट के कॉरेन्टीन सेंटर में ड्यूटी में भेज जा रहा है और उनके द्वारा मना करने पर उन्हें कार्य से निकालने की धमकी देकर दबाब बनाकर कार्य कराए जाने का मामला सामने आया है। जबकि पूर्व में महादलित परिसंघ प्रदेश अध्यक्ष मयूर हथेल द्वारा 29 अप्रैल को ज्ञापन मांग पत्र के द्वारा नगर पालिका अधिकारी से कर्मचारियों को सुरक्षा किट मुहैय्या करने की मांग की गई थी जिस पर अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया और कमर्चारियों को किसी भी प्रकार का सुरक्षा किट प्रदान न करते हुए दबाव बनाकर कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है। इन कर्मचारियों को एक ही बार हैंड ग्लोब्स दिया गया था वह भी फट चुका है जिससे प्रतीत होता है कि सफाई कमर्चारियों पर कोई हमदर्दी नही बल्कि दिखावा किया जा रहा है।मयूर हथेल ने कहा कि यदि नगर पालिका द्वारा सफाई कर्मचारियों को बिना सुरक्षा किट के कार्य कराए जाने पर उन कर्मचारियों किसी प्रकार की जन हानि होती है तो महादलित परिसंघ उक्त अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही करते हुए कर्मचारी की हत्या करने या मौत के मुंह में धकेलने के आरोप पर दंड दिलाने एवं सफाई कर्मचारियों को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करेगा।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने कहा- इस सम्बंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमशंकर देशलहरा ने कहा कि शहर में 3 कोरण्टाइन सेंटर बनाये गए जहां पर प्रवासी मजदूरों को रुकवाया जा रहा है तथा इन मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करवाया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है सफाई कर्मचारियों के माध्यम से नियमित सफाई करवाई जा रही हैं उन्हें मास्क, हैंड ग्लोब्स व सेनेटाइजर दिया जा रहा है।

सहायक नोडल अधिकारी ने कहा- इस सम्बंध में सहायक नोडल अधिकारी व बधियाटोला कोरण्टाइन सेंटर प्रभारी प्रमेश ध्रुव ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को पीपीई किट, हैंड ग्लोब्स, सेनेटाइजर व मास्क देकर कार्य करवाया जा रहा है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो रहा है। भोजन की व्यवस्था परिजनों द्वारा की जा रही है।

ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर ने कहा- इस सम्बंध में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ बी पी इक्का की अनुपस्थिति में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मुक्ता कुजूर ने बताया कि डोंगरगढ विकासखंड क्षेत्र में कुल 185 कोरण्टाइन सेंटर बनाये गए जिसमें से केवल 3 शहरी क्षेत्र एवं 182 ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गए हैं। इन सेंटरों में रुकने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच करना ही हमारी जिम्मेदारी है शेष जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन, जनपद व तहसील प्रशासन की है। बधियाटोला सेंटर में हमारी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार रूटीन चेक अप के लिए जा रही है।

 

 

 

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