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जांच में मिला कोसानाला और तेल्हानाला का जल प्रदूषित

बेलौदी के पास के लोग हो रहे हैं इससे बीमार

निगम आयुक्त ने लिखा बीएसपी सीईओ को पत्र

कहा नाले में नही छोड़ सकते विशाक्त ओर प्रदूषक पदार्थ

भिलाई। निगम आयुक्त एस0के0 सुंदरानी ने भिलाई इस्पात संयंत्र से निकलने वाले प्रदुषित/अपशिष्ट जल कोसानाला एवं तेल्हानाला में प्रवाहित होता है, जल (प्रदुषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 आईई वाटर एक्ट 1974 की धारा 24 के अंतर्गत किसी के द्वारा भी जानबुझकर किसी विषाक्त या प्रदूषक पदार्थ जो कि मानकों के अनुरुप न हो किसी भी नदी, कुएं या सार्वजनिक जल स्त्रोत में नहीं छोड़ा जा सकता है। कोसानाला एवं तेल्हानाला में छोड़ा गये जल के परीक्षण रिपोर्ट अनुसार यह जल अमानक स्तर का एवं प्रदूषित पाया गया है जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा है।

केन्द्र शासन द्वारा जल अधिनियम 1974 एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 लागू किया गया है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 द्वारा निर्धारित मानकों के अधिकतम अनुज्ञेय सीमा का उल्लंघन होना पाया गया है। संयंत्र से निकलने वाले बिना ट्रीटमेंट के प्रदूषित जल को नालों में छोड़ा जाना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 एवं नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 के तहत् अवैधानिक कृत्य है। बेलोदी के पास नाला में प्रदूषित जल होने के कारण वहां आसपास बीमारी फैल रही है। अपशिष्ट जल निराकरण, शुद्धिकरण किये जाने की त्वरित कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। इससे पर्यावरण को होने वाली क्षति एवं संक्रामक बीमारियों से निजात मिल सकेगी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश 27.11.2018 अनुसार प्रदूषित जल के उपचार उपरान्त पुन: उपयोग की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य है। नगर निगम मुख्य कार्यालय में बीएसपी के अधिकारियों के साथ 3 बार इस संबंध में बैठक आयोजन करने के उपरान्त भी बीएसपी प्रशासन द्वारा प्रदुषित जल के समुचित उपचार की व्यवस्था के संबंध में कार्यवाही नहीं किया गया है। आयुक्त श्री सुंदरानी े बताया कि संयंत्र से निकलने वाले प्रदूषित जल को उपचार उपरांत ही नालों में छोड़े जाने की अतिशीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा कृत्य कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराने हेतु बीएसपी प्रशासन को पत्र लिखा गया है। इस संबंध में समुचित व्यवस्था न किये जाने पर ई.पी.ए. एक्ट एवं नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत् वैधानिक कार्यवाही की जावेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी बीएसपी प्रशासन की होगी ।

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