जानें कौन हैं कोरोना संकट के बीच गुजरात भेजे गए डॉ. रणदीप गुलेरिया – Know about AIIMS director Doctor Randeep Guleria who sent to Gujarat between Coronavirus crisis | knowledge – News in Hindi


केंद्र सरकार के निर्देश पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कोरोना संकट के बीच गुजरात पहुंच चुके हैं.
पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) को एम्स (AIIMS) में देश का पहला पल्मोनरी मेडिसिन एंड स्लीप डिस्ऑर्डर सेंटर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है. इस सेंटर की शुरुआत 2011 में की गई थी. वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत देश-विदेश के कई नेताओं का इलाज कर चुके हैं.
एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना वायरस से संबंधित जानाकारियों के साथ सामने आ रहे हैं. उन्होंने 8 मई को कहा था, ‘अभी देश में कोरोना वायरस अपने चरम पर नहीं पहुंचा है. नए मामलों की रोज बढ़ती संख्या के आधार पर ऐसा लगता है कि देश में ये वैश्विक आपदा जून और जुलाई में अपने पीक पर पहुंचेगी.’ साथ ही उन्होंने कहा था, ‘समय बीतने के साथ ही यह कहा जा सकेगा कि लॉकडाउन का कोरोना वायरस पर क्या प्रभाव होगा.’ इससे पहले 24 अप्रैल को उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के मरीज और उनके परिवार से जुड़े ज्यादातर लोग बदनामी के डर से देरी से अस्पताल आ रहे हैं. इससे मृत्यु और रोगियों की दर बढ़ रही है. उनके मुताबिक, लोग सांस लेने में बहुत परेशानी होने पर ही अस्पताल पहुंच रहे हैं. उनका कहना था कि ज्यादातर मामलों में बीमारी का इलाज किया जा सकता है. मरीजों में 80 फीसदी को केवल सपोर्टिव केयर की दरकार होती है. वहीं, 20 फीसदी पर ज्यादा ध्यान देने और 5 फीसदी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है.
डॉ. गुलेरिया को 2015 में पद्मश्री से किया गया था सम्मानित
पद्मश्री डॉ. गुलेरिया देश के पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन (Pulmonary and Critical Care Medicine) में डीएम की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई चंडीगढ़ (Chandigarh) के पोस्ट ग्रेज्युएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च से की है. उन्होंने 1992 में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन ज्वाइन किया था. डॉ. गुलेरिया को एम्स में देश का पहला पल्मोनरी मेडिसिन एंड स्लीप डिस्ऑर्डर सेंटर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है. इस सेंटर की शुरुआत 2011 में की गई थी. भारत सरकार ने उन्हें रेस्पिरेट्री मसल फंक्शन, लंग्स कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी में योगदान और 400 से अधिक नेशनल व इंटरनेशनल पब्लिकेशंस में प्रकाशित रिसर्च के लिए 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया था.डब्ल्यूएचओ में एडवाइजर रह चुके हैं डॉ. रणदीप गुलेरिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति (ACC) ने डॉ. गुलेरिया को पांच साल के लिए एम्स का नया निदेशक नियुक्त किया था. इसके अलावा वह भारत में नई बीमारियों का पता लगाने और राष्ट्रीय स्तर पर एंटीबायोटिक के रेसिस्टेंस को कंट्रोल करने वाली समिति के मेंबर भी हैं. उनके पिता जगदेव सिंह गुलेरिया (Jagdev Singh Guleria) एम्स के डीन रह चुके हैं. डॉ. रणदीप गुलेरिया वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में 2010-13 तक एडवाइजर भी रह चुके हैं. वह इन दिनों रेस्पिरेट्री और कार्डियोवैस्कुलर कंडिशन का आपस में संबंध तलाशने के अलावा एयर क्वावालिटी पर स्टडी कर रहे हैं. इसके अलावा वह इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) वियना में रेडिएशन प्रोटेक्शन पर बतौर कंसल्टेंट काम कर रहे हैं.
देश-विदेश के कई कई बड़े नेताओं का कर चुके हैं इलाज
डॉ. गुलेरिया को 298 रिसर्च और 36 किताबों के लिए राज नंदा ट्रस्ट व रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन लंदन की ओर से फेलोशिप दी जा चुकी है. डॉ. गुलेरिया देश की कई बड़े नेताओं का इलाज कर चुके हैं. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का इलाज भी उन्होंने ही किया था. वहीं, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का इलाज भी उनकी देखरेख में किया था. भारतीय नेताओं के अलावा वह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला (Sushil Koirala) का भी इलाज कर चुके हैं. वह पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना वायरस से संबंधित जानरियों के साथ मीडिया के सामने आ रहे हैं. फिलहाल वह कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करने के लिए गुजरात में हैं.
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First published: May 9, 2020, 12:46 PM IST