पश्चिम बंगाल: कांग्रेस ने मिलाया अमित शाह के सुर में सुर, कहा- 2 बार पूछा कितनी ट्रेन चाहिए, ममता बनर्जी ने नहीं बताया | West Bengal Congress mixed in the voice of Amit Shah on issue of migrant laborers | nation – News in Hindi
अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से रेल सेवा शुरु कर दी गई है जिसमें प्रवासी श्रमिक सवार होकर अपने-अपने राज्य आ रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल के हालात से गृह मंत्रालय संतुष्ट नहीं है क्योंकि ट्रेनें शुरू करने के बाद वहां अभी ट्रेनों को नहीं घुसने दिया जा रहा है.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (adhir ranjan chowdhury) ने कहा कि, ‘मैंने खुद अमित शाह से बात की थी बंगाल के प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए, दो दिन पहले उनसे बात हुई, उन्होंने कहा कि मैंने बार बार लिस्ट मांगी की कितनी ट्रेन चाहिए लेकिन राज्य सरकार ने लिस्ट नहीं दी. ये पता चला कि बंगाल ने आज 8 ट्रेन का लिस्ट दिया. दबाव में थोड़ा काम हुआ है.’
चौधरी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल और अमित शाह से अपील है कि फंसे मजदूरों को वापस लाने का मिलकर प्रयास करें. अमित शाह ने मुझसे वादा किया था कि बंगाल सरकार से बात करेंगे, उन्होंने किया और दवाव के चलते कुछ काम होने लगा है.’
इससे पहले गृह मंत्री शाह ने बंगाल की सीएम को चिट्ठी में पूछा गया है कि प्रवासियों को ट्रेन से घर वापस जाने में मदद क्यों नहीं की जा रही है. ममता को शाह की चिट्ठी में कहा गया है कि अन्य राज्यों की तरह बंगल में फंसे प्रवासी भी अपने घर वापस जाने की इच्छा रखते हैं. इससे मुझे दुख होता है कि पश्चिम बंगाल सरकार इस संबंध में सहयोग नहीं कर रही है. कहा गया कि पश्चिम बंगाल ट्रेन की आवाजाही के लिए अपेक्षित अनुमति नहीं दे रहा है.ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने न देना प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय
देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए, गृहमंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है.
शाह की चिट्ठी में कहा गया है कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने न देना प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है, इससे उनके लिए और मुश्किलें पैदा होंगी. बनर्जी को लिखे अपने पत्र में शाह ने कहा कि ‘पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासियों के साथ गाड़ियों को राज्य में पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है. यह बंगाल में प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है. इससे उनके लिए और कठिनाई पैदा होगी.’
बता दें केंद्र सरकार की घोषणा के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से रेल सेवा शुरु कर दी गई है जिसमें प्रवासी श्रमिक सवार होकर अपने-अपने राज्य आ रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल के हालात से गृह मंत्रालय संतुष्ट नहीं है क्योंकि ट्रेनें शुरू करने के बाद वहां अभी ट्रेनों को नहीं घुसने दिया जा रहा है.
दरअसल प्रवासी श्रमिकों की दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने जो रेल सेवा शुरू की थी उसके बाद इसकी समीक्षा की गई, सिलसिलेवार तरीके से हर राज्य की परिस्थिति का आकलन किया गया जिसके बाद पाया गया कि पश्चिम बंगाल में यह स्थिति उपजी है.
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First published: May 9, 2020, 11:57 AM IST