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सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की सलाह- ‘देश में हर साल लागू हो 15 दिन का लॉकडाउन’, Ex-SC Judge Deepak Gupta advices for Annual 15-Day Lockdown to Ward off Pollution | nation – News in Hindi

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की सलाह- ‘देश में हर साल लागू हो 15 दिन का लॉकडाउन’

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्ता बुधवार को रिटायर हो गए.

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) ने कहा कि प्रदूषण (Pollution) कम करने के मामले में सरकार की इच्छाशक्ति में कमी रही है. जस्टिस गुप्ता ने हर साल 15 दिन का लॉकडाउन (Lockdown)  लगाने की सलाह भी दी.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस ने दुनिया में करीब ढाई लाख लोगों की जान ले ली है. इसके चलते दुनिया की रफ्तार थम गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) है. लोग घरों में दुबके हुए हैं. इस सबके बीच एक फायदा भी हुआ है. जल और वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया है. जो आसमान बरसों से साफ नहीं दिखा था, अब वह अपनी पूरी चमक के साथ दिखता है. तभी तो रिटायर होने के ठीक बाद जस्टिस दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) भी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जो काम 35 साल में नहीं कर पाया, वह कोविड-19 ने महीने भर में ही करके दिखा दिया है.

जस्टिस दीपक गुप्ता (Justice Deepak Gupta) सुप्रीम कोर्ट में करीब तीन साल की सेवा देने के बाद बुधवार को रिटायर हो गए. उन्होंने कहा, ‘वायु प्रदूषण (Air Pollution) और जल प्रदूषण (Water Pollution) कम करने के मामले में सरकार की इच्छाशक्ति में कमी रही है.’ जस्टिस गुप्ता ने 15 दिन के लिए हर साल लॉकडाउन लगाने की सलाह भी दी, जिससे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके.

जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा, ‘लॉकडाउन का वायु और जल प्रदूषण पर 15 दिन में ही असर दिखने लगा था. यह साबित करता है कि यदि आपमें इच्छाशक्ति है तो आप कोई भी काम कर सकते हैं. लेकिन कई चीजें हैं, जो टिकाऊ विकास के नाम पर जारी रहती हैं. सरकार भी टिकाऊ विकास के बहाने हमारे कई आदेशों को टाल देती है, खासकर जब ऐसे मामलों में उद्योगधंधे शामिल हों.’

जस्टिस गुप्ता ने कहा, ‘पर्यावरण मंत्रालय कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने को सक्रिय भी हुआ था. जब ऐसा करने की प्रकिया में मंत्रालय और उद्योगों के बीच संघर्ष भी होता है. नतीजा यह रहा कि संघर्ष के बाद उद्योगों को पर्यावरण मंत्रालय की क्लियरेंस मिल गई. मैंने आदेश का पालन करने के मामले में इच्छाशक्ति का अभाव देखा है.’जस्टिस दीपक गुप्ता का कहना है कि जब बड़े उद्योगों से आदेश मनवाने की बात हो ऐसा कई बार देखा जाता है कि ऐसा ठीक ढंग से नहीं किया गया है. जस्टिस गुप्ता की ग्रीन बेंच के सदस्य थे, जो पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई करती थी. सुप्रीम कोर्ट में एयर पॉल्यूशन और वाटर पॉल्यूशन से जुड़ी कई याचिकाएं 1984-85 से लंबित हैं.

जस्टिस गुप्ता ने कहा कि इंसान ने हवा और पानी की गुणवत्ता खराब होने की बड़ी कीमत चुकाई है. उन्होंने कहा, ‘हम देख सकते हैं कि हमने बड़ी कीमत चुकाई है. इंडस्ट्री बंद हैं. लोग रोजगार खो रहे हैं. कुछ भूखे भी हैं. मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसी कीमत चुकाना चाहेगा. लेकिन हम बीच का रास्ता देख सकते हैं, जो संतुलित हो. यदि हम ट्रैफिक कम करने और इंडस्ट्री बंद करने का निर्णय लें और 15 दिन के लिए देश में अलग तरह का लॉकडाउन करें तो इससे वायु और जल प्रदूषण काफी कम हो जाएगा.’

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First published: May 8, 2020, 7:16 PM IST



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